पायल ने चाय से खनखाई कामयाबी की खनक
महिला दिवस पर विशेष-1 -विश्व बाजार में दार्जिलिंग चाय को दी और उंचाई -मात्र दो साल में खड
महिला दिवस पर विशेष-1 -विश्व बाजार में दार्जिलिंग चाय को दी और उंचाई
-मात्र दो साल में खड़ा किया दो करोड़ का कारोबार
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी शहर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इस शहर के लोग देश-विदेश में कामयाबी के झडे गाड़ रहे हैं। किसी ने खेल में झडे गाड़ी तो किसी ने प्रशासनिक सेवा में तो किसी ने कारोबार जगत में। इन्हीं में से एक हैं पायल मित्तल अग्रवाल। सिलीगुड़ी की रहने वाली पायल चाय के क्षेत्र में कामयाबी के झडे गाड़ रही हैं। 2 साल पहले उन्होंने जब चाय कारोबार की शुरुआत की थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह इतनी जल्दी कामयाबी के शिखर पर पहुंचेगी। वर्तमान में पायल गुड़गांव में रह रही हैं। वह अपनी चाय की कंपनी चलाती हैं। मात्र 2 साल के अंदर पायल की कंपनी का टर्नओवर दो करोड़ रुपये से अधिक है। जबकि उन्होंने अपनी कंपनी की शुरूआत जीरो से की थी। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर पायल की कहानी कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती है। एक तरफ से कहें तो पायल ने चाय की खनक से कामयाबी हासिल की है।
पायल की प्रारंभिक शिक्षा सिलीगुड़ी में ही हुई। परिवार वाले चाहते थे कि ग्रेजुएशन जरूर कर लें। हांलाकि पायल ग्रजुएशन नहीं कर पाई। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पढ़ाई की कोशिश नहीं की। लेकिन पढ़ने में उनका मन नहीं लगा और किसी तरह 12वीं कक्षा पास करने में सफल रही। उन्होंने ग्रेजुएशन करने की सोची, लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। अब उनके सामने था कि वह आगे क्या करें। वह कोई कारोबार शुरू करना चाहती थीं। इसी बीच उनकी शादी हो गई। मात्र 18 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी। लेकिन कारोबार के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल करने का जो सपना देखा था उसे नहीं छोड़ा। पहले उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, लेकिन बात नहीं। खाना पकाने का शौक उनको शुरू से ही था। इसलिए वह रेस्टोरेंट्स कारोबार में लग गई। उनकी जिंदगी में परिवर्तन तब आया जब वह यूरोप दौरे पर गई। वहा उनकी मुलाकात एक महिला से हुई। वह महिला दार्जिलिंग चाय को विश्व बाजार में बेचने का काम करती थी। वही महिला पायल के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई। पायल ने चाय के क्षेत्र में ही अपनी किस्मत आजमाने की सोची। उन्होंने शुरू में छोटे रूप में कारोबार शुरू किया और कुछ ही महीनों में उनकी चाय की माग बढ़ती चली गई। पायल वर्तमान में ना केवल अपना ब्राड चाय ओम को बाजार में स्थापित कर चुकी हैं, बल्कि देश की बड़ी-बड़ी चाय कंपनियों के लिए पैकेटिंग भी करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 10 मिलियन कप चाय का कारोबार कर रही हैं। उन्होंने ना केवल खुद के लिए कामयाबी हासिल की है,बल्कि दार्जिलिंग की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। यह सब कुछ इतना आसान नहीं था। बिजनेस के क्षेत्र में जैसे-जैसे पायल आगे बढ़ती गई उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने का एहसास भी होने लगा। कई मौकों पर तो वह रोने भी लगी थी। एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अपने एक फॉर्म में शैक्षणिक योग्यता लिखनी थी। जिसे लिखने में उन्हें काफी हिचक हो रही थी। कई बार तो समाज के ताने भी सुनने पड़ते थे। उनके बेटे को भी कुछ लोगों ने ताना दिया था। उन्होंने कारोबार के बीच में ही अपने लिए शिक्षा हासिल करने की सोची। उन्होंने एक प्रतिष्ठित संस्थान से बिजनेस का गुर हासिल किया। अपनी सफलता के मंत्र के संबंध में पायल ने कहा है कि वह मान कर चलती हैं कि यदि कोई आपको नींबू दे तो उसे शरबत बना लो। जिन्होंने मेरी आलोचना कि मैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। उन्हीं की आलोचनाओं से मुझे कारोबार करते हुए भी पढ़ाई करने की प्रेरणा मिली।