भारत-नेपाल सीमा के पशुपति फाटक पर सुविधाओं से वंचित हो रहे पर्यटक
- ट्रैफिक जाम व गंदगी सबसे बड़ी समस्या, पर्यटन सूचना केंद्र भी नहीं संवाद सूत्र, मिरिक: भ
- ट्रैफिक जाम व गंदगी सबसे बड़ी समस्या, पर्यटन सूचना केंद्र भी नहीं
संवाद सूत्र, मिरिक: भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे पशुपति फाटक का विशेष महत्व है। दोनों देशों के कुटनैतिक संबंध मजबूत करने के लिए सीमा को अलग महत्व दिया जाता है। इसी सीमा से दोनों देशों के बीच वाहनों की आवाजाही भी शुरू हुई थी। लेकिन इसके बावजूद अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों की तरह पशुपति फाटक का का बुनियादी विकास नहीं हो सका है। सीमा से सटे इस फाटक में दोनों देशों से काफी संख्या में पर्यटक भ्रमण करने के लिए आते हैं, पर ट्रैफिक व्यवस्था सटीक नहीं होने के कारण सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। काफी सालों से ऐसा ही चला आ रहा है लेकिन भारत हो या नेपाल दोनों देशों ने इस दशा को सुधारने के लिए कोई ठोस पहल नहीं उठाई है। ट्रैफिक के अलावा यहां पर्यटन सूचना केंद्र न होने व कचरा फेंकने की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। साथ ही पार्किंग न होने से वाहनों को कहीं भी खड़ा कर दिया जाता है। इससे पर्यटकों को आवाजाही में समस्या होती है। सड़क के दोनों तरफ काफी संख्या में दुकान है। इस कारण भी जाम की स्थिति पैदा होती है। गंदगी के चलते बदबू से भी लोगों को परेशानी होती है। यहां शौचालय तो जरूर बना है, लेकिन न तो इसे साफ रखा जाता है और न ही यहां पानी की कोई व्यवस्था है।
पर्यटकों ने शिकायत करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा में लोगों को बुनियादी सुविधा जरूर मिलनी चाहिए। यहां दूर-दराज के लोग देश-विदेश से घूमने आते हैं। लेकिन पर्यटकों को कोई सेवा मुहैया नहीं कराई जाती है। पहाड़ में पर्यटन मौसम शुरू हो चुका है। पूर्व ग्राम पंचायत प्रधान बुद्ध तामांग ने बताया कि दार्जिलिंग, मिरिक घूमने आए पर्यटक सड़क मार्ग से ही पशुपति फाटक घूमने चले जाते हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने से उनलोगों को काफी परेशानी होती है। इसे लेकर जल्द ही सरकार को कोई पहल करनी चाहिए। इस बारे में किसी भी अधिकारियों ने कुछ भी बात करने से मना कर दिया है।
(फोटो-1 भारत नेपाल के सिमावर्ती पशुपति फाटक और फोटो -2 उचित प्रबन्धन के अभाव मे रहा जहा तहा फेका गया कुड़ा कचरा )