Move to Jagran APP

आज से वृक्षारोपण महा अभियान की शुरूआत

- 150 गावो में सैकड़ों कार्यकर्ता लगाएंगे वृक्ष -पर्यावरण संरक्षण का दिया जाएगा संदेश जागरण

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 06:33 PM (IST)
आज से वृक्षारोपण महा अभियान की शुरूआत
आज से वृक्षारोपण महा अभियान की शुरूआत

- 150 गावो में सैकड़ों कार्यकर्ता लगाएंगे वृक्ष

loksabha election banner

-पर्यावरण संरक्षण का दिया जाएगा संदेश

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर थीम जैव विविधता पर केंद्रित है। इस थीम के भाव और महत्व को समझते हुए वायु मंडल में बढ़ते प्रदूषण को रोकने की दिशा में काम करना होगा। इसे ध्यान में रखकर सूर्या फाउंडेशन द्वारा प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी वृक्षारोपण अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। देशभर के 18 राज्यों में सूर्या फाउंडेशन के कार्यकर्ता, सेवाभावी, संस्कार केंद्र में आने वाले बच्चे तथा यूथ क्लब के युवाओं को साथ में लेकर 5 जून यानि शुक्रवार को पर्यावरण दिवस के दिन इस महा अभियान की शुरूआत होगी। इसकी जानकारी देते हुए सूर्या फाउंडेशन के आदर्श ग्राम योजना के पश्चिम बंगाल प्रमुख एस. गोपाल ने बताया कि दाíजलिंग संसदीय क्षेत्र के दाíजलिंग , कॉलिम्पोंग तथा उत्तर दिनाजपुर के 150 गावों में इसकी शुरुआत की जाएगी। सूर्या फाउंडेशन के कार्यकर्ता वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते शारीरिक दूरी बनाकर मास्क का प्रयोग करते हुए इस अभियान में शामिल होंगे। कार्यकर्ता अपने घर के आस-पास खाली जमीन, धाíमक, स्थल, विद्यालय प्रागण, श्मशान तथा खाली पड़ी जमीन से पर वृक्ष लगाएंगे। एस गोपालन ने बताया कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति है। मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता है और इसी के साथ जीवन का समापन भी करता है। प्रकृति के साथ मनुष्य का नैसíगक प्यार उसकी भावना में बसा है। जब वह भागदौड़ की जिन्दगी में व्यस्त होता है तो तनिक सुकून और मन की शांति के लिए प्रकृति की गोद में जा बैठता है। आज हम प्रकृति से दूर विकास की अंधी दौड़ में मानवता के विकास और विनाश के बीच करोना से जूझ रहे हैं तो लगता है कि प्रकृति ही इसका निदान, उद्भव और अंत है। अब इंसान को अपनी गलती का अहसास हो गया है। नए पेड़-पौधे लगाकर वो अब कुदरत का कर्ज उतार रहे हैं। साथ ही शहरों का प्रदूषण कम करने का प्रयास भी किया जा रहा है। शहर हो या गाव हरियाली बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हमें अपने मन में संकल्प लेना होगा कि हमें प्रकृति से सदभाव के साथ जुड़ कर रहना है। इस पर्यावरण दिवस पर हम सब इस बारे में सोचें कि हम अपनी धरती को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए और क्या कर सकते हैं ? किस तरह इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं? पर्यावरण दिवस पर अब सिर्फ पौधारोपण करने से कुछ नहीं होगा। जब तक हम यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि हम उस पौधे के पेड़ बनने तक उसकी देखभाल करेंगें। सूर्या फाउंडेशन के निदेशक भाजपा नेता सह दाíजलिंग के संसद राजू बिष्ट का कहना है कि विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के दूसरे तरीकों सहित सभी देशों के लोगों को एक साथ लाकर जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और जंगलों के प्रबन्ध को सुधारना है। वास्तविक रुप में पृथ्वी को बचाने के लिये आयोजित इस उत्सव में सभी आयु वर्ग के लोगों को सक्रियता से शामिल करना होगा। तेजी से बढ़ते शहरीकरण व लगातार काटे जा रहे पड़ो के कारण बिगड़ते पर्यावरण संतुलन पर रोक लगानी होगी। सभी पेड़ या पौधे एक समान स्तर पर प्रदूषण खत्म नहीं करते। इसके लिए पहले ये जानना जरूरी है कि कहा किस स्तर का प्रदूषण है और फिर उसके मुताबिक ही वहा पेड़ लगाए जाएं। जल का संरक्षण तभी संभव है जब अधिकाधिक वृक्ष लगे। वृक्षों के कारण पर्यावरण संतुलन रहेगा, साथ ही भूमि का कटाव तथा भूमि में जल सोखने की क्षमता का भी विकास होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.