सौंदर्यीकरण की आड़ में हो रहा है करोड़ों रुपये का खेल
-सरकारी राजस्व को कुछ लोग लगा रहे हैं चूना -एसजेडीए और नगर निगम के पास कोई खास जानक
-सरकारी राजस्व को कुछ लोग लगा रहे हैं चूना
-एसजेडीए और नगर निगम के पास कोई खास जानकारी नहीं
-दोनों एक-दूसरे को ठहरा रहे हैं जिम्मेदार
-एनबीडीडी मंत्री कराएंगे पूरे मामले की जांच राजस्व को नुकसान-1
-भक्ति नगर थाना के सामने स्थित पार्क खस्ताहाल
- रख-रखाव की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं
-सौंदर्यीकरण के नाम पर ही विज्ञापन बोर्ड लगे शिवानंद पांडेय,
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित भक्ति नगर थाना के सामने स्थापित पार्क वर्तमान समय में पूरी तरह से उपेक्षित है। जिस जगह पर यह पार्क है, इस जगह के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां से चार तरफ के रास्ते निकले हैं। इस पार्क के एक तरफ ईस्टर्न बाइपास का रोड निकला है, तो एक तरफ सेवक होते हुए सिक्किम तथा जलपाईगुड़ी के तरफ जाने वाली सड़क निकली है। जबकि दूसरी तरफ दार्जिलिंग मोड़ की ओर सड़क गुजरी है, पार्क के दूसरे साइड से सिलीगुड़ी शहर के तरफ निकली है।
चारों तरफ जाने वाली सड़कों के बीच स्थापित यह पार्क अपनी दशा देख प्रशासन से सवाल पूछ रहा है कि 'मैं हूं किसका'। मेरी भी कायाकल्प करने के बारे में कोई क्यों नहीं सोच रहा है।
यह स्थिति तब है जब से इस पार्क में लगे विज्ञापन से करोड़ों रुपये के वारे न्यारे हो रहे हैं। ऐस में उपेक्षा का शिकार यह पार्क सवाल पूछेगा भी क्यों नहीं। इसे विज्ञापन स्थल बनाकर कमाई का जरिया तो बना दिया गया है,लेकिन रख रखाव के लिए कोई तैयार नहीं है। पार्क में कई कई बड़े-बड़े खंबे लगाकर चारो तरफ विज्ञापन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। होर्डिग से मिलने वाला राजस्व कहां जाता है। इस पार्क से मिलने वाले राजस्व से इसका कायाकल्प क्यों नहीं हो रहा है, इन सब सवालों का जवाब यह पार्क मांग रहा है। सबसे मजे की बात यह है कि इस पार्क के सौंदर्यीकरण के नाम पर ही विज्ञापन बोर्ड लगाकर करोड़ों रुपये का खेल हो रहा है। कुछ दिनों तक दिखावे के लिए पार्क की देखरेख की गई। उसके बाद यह उपेक्षित है। विज्ञापनों से सिर्फ मोटी कमाई की जा रही है।
इस सवाल को स्पष्ट जवाब देने से हर कोई बच रहा है। इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी किसकी है। इस पर सिलीगुड़ी नगर निगम हो सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) दोनों ने एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल दिया है। जाहिर है ये दोनों विभाग इस पार्क की देख-रेख की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालकर अपनी-अपरी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इसमें लगाए गए विज्ञापनों के होर्डिग से टैक्स के रूप में कितनी आय प्राप्त होती है इसके बारे में भी कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। हालांकि निगम क्षेत्र में होने के चलते पार्क में लगाए गए विज्ञापनों के होर्डिग से टैक्स के रूप में कुछ राजस्व एजेंसी के माध्यम से मिलने की बात नगर निगम प्रशासन ने स्वीकार किया है। इस पार्क की उपेक्षा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, जहां शहर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों का दम घूंट रहा है, वहीं प्रदूषण दिन-रात गाड़ियों के आवागमन से पार्क में लगे पौधे काले हो गए हैं। देखने से ऐसा लगता कि बारिश के समय ही इसमें लगे पेड़-पौधों को पानी मिला होगा।
दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पार्क में विज्ञापन बोर्ड लगाकर हर साल ही करोड़ों रुपये का खेल होता है। जबकि सरकारी राजस्व को हानि हो रही है। एसजेडीए को तो यहां से बिल्कुल आय नहीं होती। नगर निगम को क्या मिलता है,यह किसी को पता नहीं है। जबकि राज्य के उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय एनबीडीडी के मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने पूरे मामले की जांच की बात कही है। सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में किसी भी पार्क की देख-रेख की जिम्मेदारी जिम्मेदारी एसजेडीए की नहीं है। भक्ति नगर थाना के सामने जो पार्क है, वह भी एसजेडीए के अंतर्गत नहीं आता है। इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी किसकी है यह मैं नहीं बता सकता। पानीटंकी मोड़ से भक्ति नगर चेकपोस्ट तक के इलेक्ट्रिक लाइट की देख-रेख की जिम्मेदारी एसजेडीए की है। उन इलेक्ट्रिक खंबो पर लगाए विज्ञापन का राजस्व एजेंसी के माध्यम से एसजेडीए को मिलता है।
-एस पन्नाबल्लम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एसजेडीए
भक्ति नगर थाने के सामने पार्क का क्षेत्र पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। जिसकी देख-रेख की जिम्मेदारी एसजेडीए की है। एसजेडीए की उदासीनता से ही पार्क उपेक्षित है। एसजेडीए को देख-रेख करना चाहिए। नगर निगम क्षेत्र में किसी तरह के विज्ञापन के लिए नगर निगम बोर्ड से अनुमति जरूरी है। उस पार्क में लगाए गए विज्ञापनों की होर्डिग की अनुमति कब दी गई थी तथा टैक्स के रूप में नगर निगम को कितनी आय होती है, पता करेंगे।
- अशोक भट्टाचार्य, मेयर, सिलीगुड़ी भक्ति नगर थाने के सामने स्थित पार्क एसजेडीए के अधीन है। इसलिए इसकी रख-रखाव की जिम्मेदारी एसजेडीए की है। पार्क में लगाए गए विज्ञापनों की होर्डिग डिसप्ले का राजस्व सिर्फ नगर निगम को मिलता है।
- कमल अग्रवाल, एमआइसी, ट्रेड लाइसेंस व पार्क
सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में हमारे कार्यकाल के दौरान किसी तरह का कोई पार्क उत्तर बंगाल विकास विभाग द्वारा तैयार नहीं किया गया है। भक्ति नगर थाना के सामने जिस पार्क की बात सामने आ रही है, वह हमारे कार्यकाल से पहले का है। इस पार्क के रख-रखाव का जिम्मा किसके पास है, तथा विज्ञापन डिसप्ले की शर्ते क्या है इसकी वह जांच करेंगे।
- रवींद्रनाथ घोष,उत्तर बंगाल विकास मंत्री