नहीं मिला आमंत्रण तो टिकट कटा कर मंत्री गौतम ने देखा नाटक
बंगाल के लोग कलाप्रेमी होते हैं। चाहे वे कितने भी बड़े पद पर क्यों न हों, मौका मिलते ही अपने इस प्रेम का इजहार कर ही देते हैं। शनिवार को मंत्री गौतम देव के मामले में ऐसा देखा गया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 12:12 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 12:12 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। शहर के कई नाट्य समूहों के संयुक्त आयोजन में दीनबंधु मंच में 18वां वार्षिक सिलीगुड़ी नाट्य मेला-2019 जारी है। इसमें राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव को आमंत्रण नहीं मिला तो उन्होंने शनिवार शाम खुद ही अपने एक नाट्यप्रेमी साथी संग गए और टिकट खिड़की से 100 रुपये का टिकट कटा कर नाटक देखा। वह वीआइपी सीट पर भी नहीं बैठे। आम दर्शकों के साथ ही बैठ कर बांग्ला नाटक "अव्यक्त" का आनंद लिया।
कोलकाता के एक नाट्य समूह रंगरूप की ओर से इस नाटक का मंचन किया गया था। नाटक देखने में साथ रहे मंत्री के नाट्यप्रेमी साथी दीपज्योति चक्रवर्ती ने कहा कि दोपहर में हमलोगों की बात हुई और शाम में हमलोग नाटक देख आए। इस बारे में मंत्री गौतम देव का कहना है की आयोजकों ने नाट्य मेला आयोजन के लिए मुझसे दीनबंधु मंच की व्यवस्था करवा देने की बात कही थी। हम लोगों ने अनुमति दिलवा दी। आयोजकों की ओर से मुझे आमंत्रण नहीं मिला, सो टिकट कटा कर ही नाटक देख आया। मैं एक नाटक प्रेमी भी हूं। सिलीगुड़ी रहूं या कोलकाता या और कहीं भी, नाटक हो रहे हों और समय मिले तो मैं देखना जरूर पसंद करता हूं।
इधर सरकारी व दलीय कामकाज की व्यस्तताओें के चलते अक्सर समय नहीं मिल पाता। मगर, कल यानी बीते शनिवार की शाम वक्त था तो हम लोगों ने जाकर टिकट कटा कर नाटक देख लिया। अव्यक्त नाटक बहुत अच्छा लगा।
इस बारे में नाट्य मेला के संयुक्त सचिव जयदीप बड़ाल का कहना है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के समय वर्ष 2011-12 में हम लोगों ने मंत्री को आमंत्रित किया था, लेकिन चूंकि राज्य के पूर्व मंत्री व माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य हमारे नाट्य मेला के संरक्षक हैं, शायद इसीलिए नीतिगत वजहों से मंत्री गौतम देव ने नाट्य मेला में आना मुनासिब नहीं समझा।
उसके बाद से हम लोगों ने फिर कभी उन्हें आमंत्रित नहीं किया। इस दिन अचानक हम लोगों ने देखा कि मंत्री टिकट कटा कर नाटक देखने आए हैं। तब, हम लोगों ने उन्हें सामने पहली कतार की सीट पर बैठ कर नाटक देखने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने पीछे की सीट पर आम दर्शकों के साथ ही बैठकर नाटक देखा। वैसे एक दिन ही सही, लेकिन लगभग हर साल मंत्री गौतम देव दर्शक के रूप में नाट्य मेला में जरूर उपस्थित होते हैं। उल्लेखनीय है कि गत दो जनवरी से दीनबंधु मंच में नाट्य मेला शुरू हुआ है जो सात जनवरी तक चलेगा।
कोलकाता के एक नाट्य समूह रंगरूप की ओर से इस नाटक का मंचन किया गया था। नाटक देखने में साथ रहे मंत्री के नाट्यप्रेमी साथी दीपज्योति चक्रवर्ती ने कहा कि दोपहर में हमलोगों की बात हुई और शाम में हमलोग नाटक देख आए। इस बारे में मंत्री गौतम देव का कहना है की आयोजकों ने नाट्य मेला आयोजन के लिए मुझसे दीनबंधु मंच की व्यवस्था करवा देने की बात कही थी। हम लोगों ने अनुमति दिलवा दी। आयोजकों की ओर से मुझे आमंत्रण नहीं मिला, सो टिकट कटा कर ही नाटक देख आया। मैं एक नाटक प्रेमी भी हूं। सिलीगुड़ी रहूं या कोलकाता या और कहीं भी, नाटक हो रहे हों और समय मिले तो मैं देखना जरूर पसंद करता हूं।
इधर सरकारी व दलीय कामकाज की व्यस्तताओें के चलते अक्सर समय नहीं मिल पाता। मगर, कल यानी बीते शनिवार की शाम वक्त था तो हम लोगों ने जाकर टिकट कटा कर नाटक देख लिया। अव्यक्त नाटक बहुत अच्छा लगा।
इस बारे में नाट्य मेला के संयुक्त सचिव जयदीप बड़ाल का कहना है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के समय वर्ष 2011-12 में हम लोगों ने मंत्री को आमंत्रित किया था, लेकिन चूंकि राज्य के पूर्व मंत्री व माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य हमारे नाट्य मेला के संरक्षक हैं, शायद इसीलिए नीतिगत वजहों से मंत्री गौतम देव ने नाट्य मेला में आना मुनासिब नहीं समझा।
उसके बाद से हम लोगों ने फिर कभी उन्हें आमंत्रित नहीं किया। इस दिन अचानक हम लोगों ने देखा कि मंत्री टिकट कटा कर नाटक देखने आए हैं। तब, हम लोगों ने उन्हें सामने पहली कतार की सीट पर बैठ कर नाटक देखने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने पीछे की सीट पर आम दर्शकों के साथ ही बैठकर नाटक देखा। वैसे एक दिन ही सही, लेकिन लगभग हर साल मंत्री गौतम देव दर्शक के रूप में नाट्य मेला में जरूर उपस्थित होते हैं। उल्लेखनीय है कि गत दो जनवरी से दीनबंधु मंच में नाट्य मेला शुरू हुआ है जो सात जनवरी तक चलेगा।
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