जवाब नहीं मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए विवश हो गया : पवन
कैचवर्ड धांधली ------------ सबहेड ----- - जेनोम इंडिया के मालिक हैं विजय चामलिंग 36
कैचवर्ड : धांधली
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सबहेड
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- जेनोम इंडिया के मालिक हैं विजय चामलिंग, 364 की जगह 95 ही कंप्यूटर आपूर्ति किए
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क्रासर
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-संगणक आपूर्ति के लिए 2013 में सरकार ने जारी किए थे टेंडर
-1.29 करोड़ रुपये के कंप्यूटर अभी तक नहीं मिल पाए हैं सिमफेड को
जागरण संवाददाता, गंगटोक : पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के पुत्र विजय चामलिंग ने कंप्यूटर सप्लाई की शर्त अनुसार कम आपूर्ति करने की लगातार सूचना देने के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जिसके बाद अंत में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने पर मैं विवश हो गया। यह बातें सिमफेड के महाप्रबंधक पवन अवस्थी ने कही हैं।
उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत 1.77 करोड़ के कुल 364 कंप्यूटर आपूर्ति करने के लिए 2013 में निविदा निकाली गई थी। इस प्रक्रिया में जेनोम इंडिया को आपूर्ति के लिए आदेश पत्र जारी किए गए। विजय चामलिंग जेनोम इंडिया के मालिक है। शर्त के मुताबिक कंप्यूटर आपूर्ति सिमफेड के जरिए करना होता था। 2014 के मार्च माह में कुल 95 कंप्यूटर सिमफेड को मिले। बाकी के कंप्यूटर अर्थात 1.29 करोड़ रुपये के कंप्यूटर अभी तक आपूर्ति नहीं किए गए है। सिमफेड ने बाकी के कंप्यूटर आपूर्ति करने के सिलसिले में पत्राचार 2017, 2018 व 2019 में लगातार किया। पत्राचार स्वीकार करने के पुख्ता प्रमाण मेरे पास सुरक्षित हैं। लेकिन प्रतिउत्तर में कोई जवाब नहीं मिला। विगत वर्ष अगस्त माह 2019 में उन्हें लीगल नोटिस भेजा। उसका भी कोई जवाब नहीं मिला। इसी कारण सिमफेड की ओर से विजय चामलिंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। क्योंकि मामला 2013 का होने के बावजूद सिमफेड को ही जवाबदेय होना पड़ता। जिसके लिए शिक्षा विभाग को भी केंद्र सरकार समक्ष यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट लेना होता। जहा कंप्यूटर आपूर्ति का सही जानकारी देना अनिवार्य होता है। लेकिन कम आपूर्ति के कारण यह भी संभव नहीं होगा। उन्होंने खुद किसी राजनीतिक दबाव में आकर प्राथमिकी दायर करने की बात को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया।