NRC West Bengal में एनआरसी का खौफ, जन्में बच्चे से लेकर 60 साल वाले को भी चाहिए जन्म प्रमाणपत्र
NRC West Bengal एनआरसी का खौफ इस कदर फैल चुका है कि लोग अब अपने कागजातों को सहेजने में लग गए हैं ताकि अगर यहां एनआरसी लागू हुआ भी तो उसका उन पर असर न हो।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। राज्य में एनआरसी का खौफ इस कदर फैल चुका है कि लोग अब अपने कागजातों को सहेजने में लग गए हैं, ताकि अगर यहां एनआरसी लागू हुआ भी तो उसका उन पर असर न हो। गत शुक्रवार से ही कोलकाता नगर निगम में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने को शहरवासियों की भीड़ देखते बन रही है व बुधवार को तो दृश्यों में व्यापक विस्तार देखने को मिला।
हालांकि, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बार-बार इस बात का जिक्र कर चुकी हैं कि उनके रहते यहां किसी भी सूरत में एनआरसी लागू नहीं होगा। बावजूद इसके लोगों में व्याप्त खौफ खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं अफवाह है कि मुख्यमंत्री के तीन बार एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा के बाद भी जल्द ही राज्य में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मी सुब्रत बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जन्म प्रमाणपत्र को पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी थी। हमारा विभाग एक दिन में 100 जन्म प्रमाणपत्र जारी कर सकता है, लेकिन पिछले तीन दिनों में भारी संख्या में आवेदन मिले हैं।
निगम अधिकारियों ने बताया कि गत शुक्रवार से जन्म प्रमाणपत्र को अधिक भीड़ हो रही है और बुधवार को तो भीड़ की संख्या में भारी विस्तार देखने को मिला। हालांकि शहर के अस्पतालों में बच्चों के जन्म दर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि यहां केवल हाल में बने माता-पिता ही नहीं, बल्कि कई आवेदनकर्ता 40 से 50 साल और कई तो 60 साल या उससे भी ऊपर के हैं। ये लोग या तो अपना जन्म प्रमाणपत्र चाहते हैं या यह जानकारी लेते हैं कि वे कैसे जन्म प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं। जो लोग 40 या उसके ऊपर के हैं, उनका जन्म रिकॉर्ड नहीं है, क्योंकि केएमसी 1980 के आसपास तक जन्म प्रमाणपत्र जारी नहीं करती थी।
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों ने अपना पूरा जीवन बिना जन्म प्रमाणपत्र के गुजार दिया, वे अब अचानक इस बात को परेशान है कि उन्हें एक दस्तावेज मिल जाए जो यह साबित कर दे कि उनका जन्म यहा हुआ है।
दरअसल, जन्म प्रमाणपत्र को अचानक आई इस तेजी के लिए तीन कारक जिम्मेदार है। पहला तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक अक्टूबर को कोलकाता आने वाले हैं। दूसरा चुनाव आयोग की ओर से वोटर वेरिफिकेशन प्रोग्राम शुरू हो रहा है और तीसरा राज्य सरकार डिजिटल राशन कार्ड जारी कर रही है, जिससे ऐसी अटकलें बढ़ गई हैं कि राज्य में एनआरसी की प्रकिया कभी भी शुरू हो सकती है।
निगम के सोशल सेक्टर डिपार्टमेंट के सूत्रों ने बताया कि उन्हें कहा गया है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजर बसर कर रहे लोगों को गैर पीडीएस डिजिटल राशन कार्ड जारी किया जाए, जिसका इस्तेमाल वे जरूरत पड़ने पर एनआरसी से बचाव को कर सके।