एस्केलेटर की मरम्मत 20 तक,लिफ्ट अभी भी राम भरोसे
-एनजेपी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ी परेशानी -दिव्यांग और बीमार लोगों को ज्यादा समस्या
-एनजेपी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ी परेशानी
-दिव्यांग और बीमार लोगों को ज्यादा समस्या
-व्हील चेयर को सीढ़ी से उतारने पर मजबूर विपिन राय,सिलीगुड़ी:पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शामिल एनजेपी यानि न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर पिछले कई महीनों से लिफ्ट एवं एस्केलेटर खराब है। लेकिन इसके मरम्मत की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। रेल प्रबंधन की उदासीनता की वजह से इस स्टेशन से यात्रा करने वाले रेलयात्री काफी परेशान हैं। खासकर विकलाग एवं बीमार रेल यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। हालाकि राहत की बात यह है कि इस महीने की 20 तारीख तक एस्केलेटर की मरम्मत हो जाने की संभावना है। जबकि लिफ्ट की मरम्मत कब की जाएगी यह अभी तय नहीं है। यहा बता दें कि तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी के समय एनजीपी रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर की स्थापना की गई थी। इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के साथ ही आम रेल यात्रियों को ध्यान में रखकर एस्केलेटर लगाने का निर्णय हुआ था। हर साल ही दार्जिलिंग तथा सिक्किम घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी अधिक होती है। ऐसे पर्यटक या तो तो हवाई यात्रा कर बागडोगरा एयरपोर्ट आते हैं या फिर रेल यात्रा कर एनजेपी पहुंचते हैं। इसीलिए एनजीपी रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर लगाया गया था। ऐसे बीच-बीच में एस्केलेटर के बंद होने की भी खबर मिलती रहती है। लेकिन कुछ दिनों बंद रहने के बाद इसकी मरम्मत करा दी जाती थी और इसे फिर से चालू कर दिया जाता था। जबकि इस बार एस्केलेटर बंद है तो बस बंद ही है। इसी तरह से पिछले साल एनजेपी रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट भी लगाई गई। तब मुख्य मकसद बीमार तथा दिव्याग रेल यात्रियों को सुविधा देना था।
यदि आप एनजेपी रेलवे स्टेशन जाते हैं तो मुख्य प्लेटफार्म पर जाने के लिए आपको स्टेशन बिल्डिंग से फ्लाईओवर होकर प्लेटफॉर्म पर पहुंचना होगा। एनजेपी स्टेशन से लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनें या तो प्लेटफार्म नंबर वन अथवा वन ए या फिर प्लेटफार्म नंबर दो या तीन से खुलती है। गुवाहाटी और कोलकाता की ओर जाने वाली अधिकाश ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर वन या वन ए खुलती है। जबकि दिल्ली या दक्षिण भारत की ओर जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो अथवा तीन होकर गुजरती है। रेलवे अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार फ्लाईओवर से प्लेटफार्म नंबर वन तथा वन ए पर उतरने के लिए सीढ़ी के साथ-साथ स्लोपवे भी है। आप चाहें तो सीढ़ी का उपयोग कर प्लेटफार्म पर पहुंच सकते हैं या फिर स्लोपवे होकर भी प्लेटफॉर्म पहुंचकर ट्रेन पकड़ सकते हैं। स्टेशन बिल्डिंग के पास ही सीढ़ी के अलावा एस्केलेटर एवं स्लोपवे भी है। स्लोपवे को मुख्य रूप से व्हीलचेयर के उपयोग के लिए बनाया गया है। यदि कोई रेल यात्री व्हीलचेयर पर है तो वह इसी स्लोपवे का उपयोग कर स्टेशन बिल्डिंग से फ्लाईओवर तक पहुंचेंगे एवं आगे जाकर प्लेटफार्म नंबर वन अथवा वन ए पर उतर जाएंगे। ट्रॉली बैग लेकर यात्रा करने वाले यात्री भी इसका ही उपयोग करते हैं। जबकि प्लेटफार्म नंबर दो तथा तीन पर आने जाने के लिए सीढ़ी तो है, लेकिन स्लोपवे नहीं है। इसीलिए इस प्लेटफार्म को सीधे लिफ्ट द्वारा फ्लाईओवर से जोड़ दिया गया है। कहने का मतलब है यदि लिफ्ट चालू रहे तो फिर स्लोपवे की जरूरत नहीं है। व्हील चेयर अथवा स्ट्रेचर पर आने वाले बीमार या फिर दिव्यांग रेलयात्री सीधे फ्लाईओवर से लिफ्ट के द्वारा नीचे प्लेटफार्म नंबर दो या 3 पर उतार सकते हैं। इस लिफ्ट की क्षमता एक बार में 11 लोगों की है।
इलाज कराने दक्षिण भारत जाते हैं काफी लोग
रेल यात्रियों का कहना है कि सिलीगुड़ी तथा आसपास के इलाके में ऐसे बीमार रेल यात्रियों की संख्या काफी है जो अपनी चिकित्सा कराने के लिए दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद अथवा वेल्लुर जाते हैं। इन यात्रियों को व्हीलचेयर अथवा स्ट्रेचर पर फ्लाईओवर से नीचे प्लेटफार्म नंबर दो अथवा तीन पर लिफ्ट ले जाया जाता है। लेकिन अब लिफ्ट बंद है। जिसकी वजह से ऐसे बीमार यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। इनको ट्रेन तक ले जाने के लिए सीढी का उपयोग करना पड़ता है। 2 से 3 लोग हाथ में रोगी का व्हील चेयर उठाकर सीढि़यों से नीचे प्लेटफार्म पर उतरते हैं। इससे दुर्घटना की भी आशका बनी रहती है। हाथ फिसलने से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रेल यात्रियों का कहना है कि जब बीमार एवं दिव्याग रेल यात्रियों के लिए रेलवे ने इसे लगाई है तो फिर इसको ठीक कराने में क्या परेशानी है। इनलोगों ने तत्काल लिफ्ट की मरम्मत की माग की है।
मेयर लिख चुके हैं अधिकारियों को चिट्ठी
ऐसे एस्केलेटर तथा लिफ्ट तत्काल ठीक कराने की माग सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा विधायक अशोक भट्टाचार्य भी कर चुके हैं। इसको लेकर उन्होंने पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के जीएम,डीआरएम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है। उनका कहना है कि पूर्वोत्तर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शामिल एनजेपी स्टेशन पर कई महीनों से एस्केलेटर और लिफ्ट का खराब होना अपने आप में काफी आश्चर्यजनक है। रेल यात्रियों को तो परेशानी होती ही है साथ ही पर्यटकों के सामने एनजेपी स्टेशन की छवि भी खराब होती है। वह पहले ही इसकी मरम्मत की माग रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से कर चुके हैं
इस महीने की 20 तारीख तक एस्केलेटर की मरम्मत करा दी जाएगी। इस पर काम चल रहा है। लिफ्ट शुरू होने में अभी देरी है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसको चालू कर पाना अभी संभव नहीं है। लिफ्ट लगाने वाली कंपनी को सूचना पहले ही दे दी गई है। कोई बड़ी तकनीकी खराबी है। उम्मीद है अगले दो महीने में लिफ्ट की भी मरम्मत हो जाएगी।
- सुमन राज,एडीआरएम