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निपाह : अफवाहों पर न दें कान, होशियारी से लें काम

-शहर में निपाह संक्रमण फैलने की बात सही नहीं -सोशल मीडिया पर अफवाहों को न दें तवज्जा

By Edited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 11:37 AM (IST)
निपाह : अफवाहों पर न दें कान, होशियारी से लें काम
निपाह : अफवाहों पर न दें कान, होशियारी से लें काम
-शहर में निपाह संक्रमण फैलने की बात सही नहीं -सोशल मीडिया पर अफवाहों को न दें तवज्जो जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सोशल मीडिया में एक सूचना (अफवाह) वायरल हुई है कि सिलीगुड़ी शहर में जानलेवा निपाह वायरस का संक्रमण फैल गया है। कहा गया है कि लीची खाने से कई लोग निपाह वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। उनमें कईयों को सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां तक कि एक डॉक्टर भी निपाह वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। मगर, यह कोरी अफवाह है। अब तक, इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। इस बाबत कहीं से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) व सिलीगुड़ी जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक निपाह वायरस के संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस बारे में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलोजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरुणभ सरकार का कहना है कि 'अब तक' निपाह संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद इस मामले में सावधानी बरती जानी जरूरी है। यह जरूरी नहीं है कि सिलीगुड़ी या उत्तर बंगाल में 'निपाह' वायरस का प्रकोप फैले ही। मगर, नहीं फैले इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल के लिए खास यह है कि, सिलीगुड़ी में 'निपाह' वायरस के संक्रमण का इतिहास रहा है। इसलिए यहां हर किसी को विशेष रूप से सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। ------------------ बॉक्स इन बातों का रखें ख्याल नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के पैथोलोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कल्याण खान कहते हैं कि 'निपाह' वायरस के संक्रमण से बचाव का अब तक कोई टीका या इसके संक्रमण का इलाज विकसित नहीं हो पाया है। इससे बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बेहतर उपाय है। * चमगादड़ों व सुअरों से सावधान रहें। * कहीं भी गिरे-पड़े हुए फल व सब्जियों का सेवन न करें। * जानवरों, पक्षियों के खाए हुए निशान वाले यानी खुदे हुए फल सब्जी का सेवन न करें। * जहां चमगादड़ अधिक हो वहां आम, लीची व खजूर खाने से बचें। * आम, लीची व खजूर खाने में एहतियात बरतें। * आम, लीची व खजूर के पेड़ पर चमगादड़ फलों को संक्रमित कर सकते हैं। उस संक्रमित फल के सेवन से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। * फलों व सब्जियों को खूब अच्छी तरह से धो कर ही खाएं। * ताड़ या खजूर का रस यानी ताड़ी कदापि न पिएं। * ताड़ व खजूर के पेड़ पर चमगादड़ उसके रस को संक्रमित कर सकते हैं। उस संक्रमित रस के सेवन से व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। * सुअर पालन व उसके मांस के सेवन में विशेष एहतियात बरतें। * खान-पान में जितनी ज्यादा हो उतनी सफाई बरतें। * स्वयं, घर व आसपास सफाई का पूरा-पूरा ख्याल रखें। * निपाह संक्रमित पशुओं व इंसानों के सीधे संपर्क में न आएं।

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