West Bengal Election 2021: बेटियों को सुरक्षा नहीं देने वाली बेटी को सत्ता पर नहीं चाहती जनता: निधि त्रिपाठी
West Bengal Assembly Election 2021 अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने सिलीगुड़ी बाघा जतिन पार्क में हुंकार रैली कहा कि राज्य में बंगाल की बेटियों की जो मुख्यमंत्री सुरक्षा नहीं दे पातीं ऐसे मुख्यमंत्री को सत्ता में बैठे रहने का कोई हक नहीं।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने बुधवार सिलीगुड़ी बाघा जतिन पार्क में हुंकार रैली को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य में बंगाल की बेटियों की जो मुख्यमंत्री सुरक्षा नहीं दे पातीं ऐसे मुख्यमंत्री को सत्ता में बैठे रहने का कोई हक नहीं। उन्होंने कहा कि इन दिनों विधानसभा चुनाव पूर्व एक नया नारा दिया गया है। हमें चाहिए बंगाल की बेटी। नारा देने वाले नेताओं को बंगाल की बेटियों से भी जाकर जानकारी लेनी चाहिए, क्या वह बंगाल की बेटी को सत्ता में बैठे देखना चाहते हैं। जिस बंगाल की बेटी को 34 वर्षों के कुशासन से मुक्ति दिलाकर बंगाल के बेटे बेटियों ने उन्हें सत्ता सौंपा आज सत्ता में बैठे के बाद युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन बन बैठी।
ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में दो मुख्यमंत्री सरकार चला रहे हैं। एक मुख्यमंत्री जो राइटर्स बिल्डिंग में बैठे हुए हैं तो दूसरा सुपर मुख्यमंत्री टीपू सुल्तान मस्जिद में बैठकर फतवा जारी करता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण और सत्ता मध्य में मुख्यमंत्री इतनी चूर है कि दुराचार के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पैसे की बोली लगाई जाती है। हमें ऐसी मुख्यमंत्री नहीं चाहिए जिसे श्री राम के नाम से नफरत होती हो। हमें ऐसी मुख्यमंत्री नहीं चाहिए, जिसके राज्य में मानव तस्करी दुराचार और राजनीतिक हत्या अपने प्रकाष्ठा को पार कर जाए। हमें ऐसी मुख्यमंत्री नहीं चाहिए जो माने जयंती पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज करवाएं। हमें ऐसी मुख्यमंत्री नहीं चाहिए जिसके राज्य में 300 परिवारों के बीच 25 मुस्लिम परिवार के लिए वह 300 हिंदू परिवारों के धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाए। हमें ऐसी मुख्यमंत्री नहीं चाहिए, जिसके राज्य में 8 लाख बेरोजगार छात्र छात्राओं में मात्र एक लाख को बरोजगारी भत्ता देती हो। हमें ऐसे मुख्यमंत्री को बदलना होगा जो 20,000 से अधिक रोजगार वाले उद्योग को बंगाल के बदले बांग्लादेश में ले जाने पर मजबूर किया।
उत्तर बंगाल में एम्स की स्थापना नहीं करें उसे दक्षिण बंगाल में स्थापित किया। कॉलेज कैंपस को राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका विरोध करने पर शैक्षणिक माहौल मांगने पर ऐसे छात्र छात्राओं को बाहर के गुंडों से पिटवा या जाता रहा हो। हमें बंगाल में ऐसी बेटी चाहिए जो सुरक्षित नारी सुरक्षित पश्चिम बंगाल, शिक्षा के बदले भिक्षा नहीं दे, राजनीतिक हिंसा से बंगाल को मुक्त करवाएं गणतंत्र का वास्तविक अधिकार सभी को दें शिक्षा के आधार पर आधारभूत सुविधाएं बंगाल के प्रत्येक प्रखंड में मुहैया करवाएं शिक्षा से जुड़े उद्योगों की स्थापना करें और अपनी मातृभाषा के शिक्षक मांगने पर उन्हें पुलिस की गोलियों से ना भूनवाए। इसी मंच से राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री आशीष चौहान राष्ट्रीय सचिव सप्त ऋषि सरकार संयुक्त संगठन मंत्री श्री निवास, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अप अंशु शेखर सीरियल विराज विश्वास ,बालू चंद्र साहू आदि ने संबोधित करते हुए विद्यार्थी परिषद किशोर और युवाओं के भविष्य को लेकर जमकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।कहा कि इस सरकार में शिक्षा व्यवस्था इस प्रकार पंगु हो गई है कि नामांकन से लेकर ऑनर्स करने तक के लिए दलालों को पैसे देने पड़ते हैं।
रैली में बड़ी संख्या में एकत्र हुए छात्र
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हुंकार रैली में बड़ी संख्या में उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से छात्र सुबह से ही पहुंचना शुरू कर दिया था। शहर के महानंदा ब्रिज स्थिति सुरजीत सिंह पार्क के निकट से कड़ी सुरक्षा के बीच महारैली का शुभारंभ छात्र शक्ति राष्ट्र शक्ति के साथ निकाली गई। बाघा जतिन पार्क में प्रवेश करने के बाद यह हुंकार रैली जनसभा में बदल गई।
सभा स्थल के चारों ओर दौड़ते रही मोटरसाइकिलें
बाघा जतिन पार्क में जब विद्यार्थी परिषद की रैली समाप्त होकर जनसभा का रूप ले ली थी तो 1 दर्जन से अधिक मोटरसाइकिल पर बैठकर युवाओं द्वारा तरह-तरह के नारे लगाते हुए चारों तरफ घूमता रहा। यह छात्र ममता बनर्जी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। जिसकी और विद्यार्थी परिषद द्वारा पुलिस का ध्यान आकृष्ट कराया गया तो कुछ देर बाद वे छात्र वहां से चले गए।