शहर में कचरे से जैविक खाद तैयार करने की प्रक्रिया
-मेयर ने किया समारोह पूर्वक प्रारंभ लोगों ने ली राहत की सांस -डंपिंग ग्राउंड में स्विटजर
-मेयर ने किया समारोह पूर्वक प्रारंभ, लोगों ने ली राहत की सांस
-डंपिंग ग्राउंड में स्विटजरलैंड कंपनी के सहयोग से खुला ऑटोमेटेड ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टिंग सेंटर
-नगर निगम के 50 प्रतिशत से ज्यादा कचरे को डंपिंग ग्राउंड में गिराने की नहीं जरूरत ही नहीं पड़ेगी : मेयर
-चार टन बायोग्रिडेबल वेस्ट से एक दिन दो बॉयोडिग्रेडेबल वेस्ट बॉयोडिग्रेडेबल वेस्ट टन जैविक खाद हो सकेंगे तैयार
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र से निकलने वाले बॉयोडिग्रेडेबल वेस्ट यानी साक, सब्जी समेत अन्य सड़नयुक्त सामान अब डंपिंग ग्राउंड में गिरने के बाद इससे निकलने वाले दुर्गध लोगों के लिए परेशानी का सबब नहीं बनेगा, बल्कि इससे वैज्ञानिक पद्धति से बॉयो कंपोस्ट यानी जैविक खाद तैयार कर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। सिलीगुड़ी शहर से कुछ दूरी पर डंपिंग ग्राउंड स्थित सड़नयुक्त सामानों से जैविक खाद तैयार करने की प्रक्रिया का विधिवत शुभारंभ रविवार को हो गया। स्वटजरलैंड कंपनी के आर्थिक सहयोग व सिलीगुड़ी नगर निगम पार्टनरशिप में ऑटोमेटेड ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टिंग सेंटर चालू किया गया। इस सेंटर का उद्घाटन सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य, डिप्टी मेयर रामभजन महतो व स्विटजरलेंड बेस्ट कंपनी इक्ली के डिप्टी सेकरेट्री जनरल व इक्ली साउथ एशिया के कार्यकारी निदेशक इमानी कुमार ने किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि कचरे के निस्तारण की तीन पक्रिया होती है। इनमे पहला कलेक्शन यानी घरों से संग्रह करना इसका ट्रांसपोर्टेशन के माध्यम से उचित जगह तक ले जाना भी फिर उसे निर्धारित जगह पर गिराना। इनमें सबसे बड़ी समस्या कचरे गिराने की जगह को लेकर होती है। हालांकि मेयर ने कहा कि ऑटोमेटेड ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टिंग सेंटर के चालू हो जाने से 50 प्रतिशत कचरे का निस्तारण तुरंत हो जाएगा। इसे गिराने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र से निकलने वाले कचरे में लगभग 50 प्रतिशत बॉयोडिग्रेडेबल वेस्ट होता है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बॉयोडिग्रेडेबल वेस्ट जैविक खाद तैयार किए जा सकेंगे। मेयर ने कहा कि फिलहाल सिलीगुड़ी नगर निगम के दो वार्डो वार्ड नंबर दो व 17 से बायोडिग्रेडेबल व नॉन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट अलग-अलग संग्रह किए जा रहे हैं। फिलहाल इन दोनों वार्डो से लगभग दो टन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट प्राप्त हो रहे हैं।
-दैनिक दो टन तैयार हो सकेंगे जैविक खाद
ऑटोमेटेड ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टिंग सेंटर
से दैनिक दो टन जैविक खाद तैयार किए जा सकते हैं। इस सेंटर की क्षमता के अनुसार बायोडिग्रेडेबल वेस्ट संग्रह करने के लिए दो और वार्डो को शामिल किया जा सकता है। इनमें वार्ड नंबर 11 को जल्द ही शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। मेयर ने कहा कि इस सेंटर से अपेक्षित सहयोग मिलने के बाद इसे नगर निगम के सभी वार्डो से बायोडिग्रेडेबल व नॉन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट अलग-अलग संग्रह किए जाएंगे तथा इस सेंटर को बड़ा आकार दिया जाएगा।
-जैविक खाद की काफी संभावनाएं
मेयर भट्टाचार्य ने कहा कि कंपोस्टिंग सेंटर से तैयार होने वाले जैविक खाद की उत्तर बंगाल में काफी संभावनाएं है। इसका उपयोग चाय बगानों में किए जाने के अलावा खेतों में उपयोग कर आर्गेनिक खेती करने के मद में उपयोग किया जा सकता है। उक्त सेंटर में जैविक खाद तैयार करने के साथ इसका पैकेजिंग भी यहीं पर किया जाएगा।
सिलीगुड़ी के डिप्टी मेयर रामभजन महतो ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के दायरा को देखते हुए चार-पांच और कंपोस्टिंग मशीन लगाने की जरूरत है।
-नगर निगम के कुछ और परियोजनाओं पर कार्य कर सकती है स्विस कंपनी
सिलीगुड़ी में ऑटोमेटेड ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टिंग सेंटर लगाने वाली स्विटजरलैंड की उक्त कंपनी नगर निगम क्षेत्र में कुछ और परियोजनाओं पर कार्य कर सकती है। इक्ली कंपनी डिप्टी सेकरेट्री जनरल व साउथ एशिया के कार्यकारी निदेशक इमानी कुमार ने बायोडिग्रेडेबल वेस्ट से जैविक खाद तैयार करने की परियोजना सिलीगुड़ी समेत देश के कुल चार शहरों में चल रहा है। उन्होंने बताया सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन से पानी, स्ट्रीट लाइट, वाटर पाइप लाइन लिकेज डिटेक्शन व सेवरेज सिस्टम के संबंध में भी चर्चा हुई है। इनमें क्या किया जा सकता है, इस पर भी योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी शहर को एक नंबर का शहर बनाने के लिए कंपनी की ओर से पूरा प्रयास किया जाएगा।
-नॉन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट को भी वैज्ञानिक पद्धति से किया जाएगा निस्तारण
सिलीगुड़ी नगर निगम में सफाई विभाग के एमआइसी मुकुल सेनगुप्ता ने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में प्रत्येक दिन लगभग तीन सौ टन कचरा संग्रह किए जाते हैं। जबकि पूजा के दौरान इसकी मात्रा लगभग साढ़े चार सौ टन हो जाता है। बायोग्रेडेबल वेस्ट से जैविक खाद तैयार करने के अलावा नॉन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट से वैज्ञानिक पद्धति से इसका प्रसंस्करण कर सीमेंट समेत अन्य सामान तैयार करने की कोशिश की जाएगी, ताकि जीरो वेस्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का लक्ष्य हासिल किया जा सके।