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हिंदीभाषियों और सरकार के बीच काम करेगा हिंदी प्रकोष्ठ

-संजय शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी कहा हिंदी भाषियों के मन से निकालेंगे गलतफहमी -

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:33 AM (IST)
हिंदीभाषियों और सरकार के बीच काम करेगा हिंदी प्रकोष्ठ
हिंदीभाषियों और सरकार के बीच काम करेगा हिंदी प्रकोष्ठ

-संजय शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, कहा, हिंदी भाषियों के मन से निकालेंगे गलतफहमी

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- हिंदी भाषियों का जन्म कहीं भी हो परंतु कर्मभूमि तो बंगाल ही है

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विधानसभा चुनाव पूर्व मां मांटी मानुष की सरकार ने हिंदी भाषियों की समस्या को करीब से जानने के लिए तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ का गठन किया है। इसके जलपाईगुड़ी जोन का कोऑर्डिनेटर सिलीगुड़ी वार्ड आठ स्थित कालीनाथ रोड के रहने वाले संजय शर्मा को प्रतिनियुक्त किया है। संजय शर्मा को दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी जिलों के हिंदी भाषियों की समस्या के समाधान के लिए काम करने का जिम्मा सौंपा गया है। दैनिक जागरण से बात करते हुए संजय शर्मा ने कहा जिम्मेदारी बड़ी है। उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। हिंदी भाषियों में जो सरकार और सरकार के नीतियों के प्रति गलतफहमी है उसे दूर करने का प्रयास होगा। बंगाल में हिंदी भाषियों का इतिहास कोई आज या कल का नहीं है। कई पुस्त से लोगों का जन्मभूमि कहीं भी हो परंतु वे बंगाल को कर्मभूमि मानकर काम करते आ रहे है। उनके बीच पिछले 10 वर्षो में मां माटी मानुष की ममता सरकार सही तरीके से पहुंच नहीं पायी है।

हिंदीभाषियों को दिल जीतना चाहती हैं ममता बनर्जी

इसको ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ का चेयरमैन पूर्व रेलमंत्री और गौर बंगाली चेहरा दिनेश त्रिवेदी को बनाया। प्रकोष्ठ के प्रेसिडेंट व राज्यसभा के पूर्व सासद विवेक गुप्त को दी गयी है।

उन्होंने कहा कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की प्रेरणा व तृणमूल युवा काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक बंद्योपाध्याय के प्रयास से तृणमूल काग्रेस हिन्दी प्रकोष्ठ पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरा है। इस प्रकोष्ठ को दोबारा न सिर्फ सक्रिय किया गया बल्कि चुनावी माहौल में कैसे इसका उपयोग कर हिन्दीभाषियों को दीदी के कार्यो की जानकारी देनी है उसके लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। तृणमूल का हिन्दी प्रकोष्ठ राज्यवासियों के बीच जाकर दीदी के कार्यो की जानकारी पहुंचाएगा। विवेक गुप्त ने हिन्दी सेल के पांच स्टेट कोऑíडनेटरों की घोषणा की थी।

बंगाल को पांच रेंज में बांटा गया

जिसमें प्रेसिडेंसी रेंज की जिम्मेदारी राजेश सिन्हा,मालदह रेंज की जिम्मेदारी श्याम लाल महतो, मिदनापुर रेंज की जिम्मेदारी रवि शकर पाण्डे,जलपाईगुड़ी रेंज की जिम्मेदारी संजय शर्मा और बर्दवान रेंज की जिम्मेदारी जगदीश शर्मा को दी गयी है।

जिला स्तरीय समस्या का निकाला जाएगा समाधान

सेल के सदस्य जिला स्तर पर हर उस स्थान पर बैठक करेंगे जहा बड़ी संख्या में हिन्दीभाषी रहते हैं। वहा जाकर उनकी समस्या सुनी जाएगी। सरकारी स्तर पर उन्हें समस्त परिसेवाएं मिल रही हैं कि नहीं इसकी रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। उसके बाद उस रिपोर्ट के आधार पर जिस समस्या का समाधान तत्काल करना है वह किया जाएगा अन्यथा विचार-विमर्श के बाद लोगों को समस्यामुक्त करने का लक्ष्य है इस हिन्दी सेल का। जल्द ही सभी जिलों में हिंदी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भी नियुक्त होंगे।

इसके पीछे क्या है कारण :

चुनावी दंगल में हिन्दीभाषी वोट जरूरी

बाकी राज्यों की तरह बंगाल में भी चुनाव में जीत या हार के लिए हिन्दीभाषी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। यहा की करीब 70-80 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहा ये हिन्दीभाषी वोटर रहते हैं। भाजपा के पक्ष में हिन्दीभाषी वोट जाना बड़ी बात नहीं है इसलिए इन वोटरों को अपनी ओर आकíषत करना तृणमूल की बड़ी चुनावी रणनीति है। अगर इस रणनीति में तृणमूल पास होती है तो निश्चित तौर पर भाजपा को बड़ा झटका लगेगा क्योंकि भाजपा के लिए भी ये हिन्दीभाषी वोट बहुत मायने रखते हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता।


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