तंबाकू से प्रति घंटा मरते है 137 लोग
जागरण विशेष ..31 मई विश्व तंबाकू दिवस पर विशेष -सूबे में 238 लोग तोड़ रहे है दम, धूम्रपान से प्रजनन
जागरण विशेष ..31 मई विश्व तंबाकू दिवस पर विशेष
-सूबे में 238 लोग तोड़ रहे है दम, धूम्रपान से प्रजनन क्षमता होती है प्रभावित
-मोतियाबिंद की समस्या, हड्डी को नुकसान पहुंचाना, इरेक्टाइल डिसफंक्शन व कालोरेक्टल कैंसर का होता है विकास
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दुनिया भर में आज का दिन (31मई) विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाया जा रहा है, और इसी 24 घटे के दौरान देशभर में 3288 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर अन्य बीमारियों से दम तोड़ देंगे। वहीं बंगाल में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर करीब 238 लोग अपनी जान गंवाते है। इसकी रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखा है। चिकित्सक सह नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन रूद्र नाथ भट्टाचार्य ने बताया कि किशोर उम्र के जो लड़के लड़किया धूम्रपान करते हैं ,उनमें से 50 प्रतिशत लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित होकर मर जाते हैं। धूम्रपान गर्भधारण करने की आपकी क्षमता को प्रभावित करता है। इसके कारण पुरुष के यौन जीवन पर प्रभाव पड़ता है। कालेरेक्टल कैसर जिसे हम बृददांत्र कैसर के नाम से जानते है यह आंतों में फैलता है। इसका कारण ही धूम्रपान है। औसतन धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की आयु धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की तुलना में 22 से 26 प्रतिशत तक घट जाती है। पश्चिम बंगाल में प्रतिदिन लगभग 438 नए लोग तंबाकू की लत का शिकार हो रहे हैं। यंहा पर किशोरों में तंबाकू का सेवन शुरू करने की औसत आयु 17 साल है जबकि किशोरियों में यह आयु 14 साल है। वैश्रि्वक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण-भारत 2010 (जीएटीएस) के अनुसार रोकी जा सकने योग्य मौतों एवं बीमारियों में सर्वाधिक मौतें एवं बीमारिया तंबाकू के सेवन से होती हैं। विश्व में प्रत्येक 10 में से एक वयस्क व्यक्ति की मृत्यु के पीछे तंबाकू सेवन ही है। विश्व में प्रतिवर्ष 55 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। विश्व में तंबाकू सेवन के कारण हुई कुल मौतों का लगभग पाचवा हिस्सा भारत में होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन् 2050 तक 2.2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे। कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.सौरव दता ने बताया कि तंबाकू उद्योग द्वारा तंबाकू की दुनिया के प्रति युवकों को आकर्षित करने के प्रतिदिन नए नए प्रयास किये जा रहे है। 'युवा अवस्था में ही उन्हें पकड़ो' उनका उद्देश्य है, तंबाकू उत्पादों को उनके समक्ष वयस्कता , आधुनिकता, अमीरी और वर्ग मानक और श्रेष्ठता के पर्याय के रूप में पेश किया जाता है, जबकि प्रदेश में तंबाकू उत्पादों के सेवन से मरने वालों की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। तंबाकू चबाने से मुंह, गला, अमाशय, यकृत और फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू जनित रोगों में सबसे च्यादा मामले फेफड़े और रक्त से संबंधित रोगों के हैं जिनका इलाज न केवल महंगा बल्कि जटिल भी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान (आईसीएमआर) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि पुरुषों में 50 प्रतिशत और स्त्रियों में 25 प्रतिशत कैंसर की वजह तम्बाकू है। इनमें से 90 प्रतिश्त में मुंह का कैंसर हैं। धुआ , रहित तम्बाकू में 3000 से अधिक रसायनिक यौगिक हैं, इनमें से 29 रसायन कैंसर पैदा कर सकते हैं। मुंह के कैंसर के रोगियों की सर्वाधिक संख्या भारत में है। गुटका, खैनी, पान, सिगरेट के इस्तेमाल से मुंह का कैंसर हो सकता है। आज तम्बाकू निषेध दिवस पर हम सबको तंबाकू उत्पादों को अलविदा कहने का संकल्प लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में हम इन आकड़ों को बदल पाये।