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एनबीएमसीएच के ब्लड बैंक में खून का बैलेंसे जीरो

-सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भी यही हाल -किसी ग्रुप का एक यूनिट भी रक्त नहीं -कोरोना काल म

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:45 PM (IST)
एनबीएमसीएच के ब्लड बैंक में खून का बैलेंसे जीरो
एनबीएमसीएच के ब्लड बैंक में खून का बैलेंसे जीरो

-सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भी यही हाल

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-किसी ग्रुप का एक यूनिट भी रक्त नहीं

-कोरोना काल में खतरे में है मरीजों की जान

-पिछले चार महीने से रक्तदान शिविर नहीं होने से बिगड़ी स्थिति

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35 से 40

यूनिट खून की जरूरत में हर दिन

-पहले हर दिन 70 से 80 यूनिट रक्त की होती थी आवश्यकता

-वर्तमान में कोरोना के कारण अन्य मरीजों की संख्या में कमी शिवानंद पांडेय, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के दौर में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ ही अन्य अस्पतालों में खून की कमी हो गई है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ब्लड बैंक यानि रीजनल ब्लड ट्रासफ्यूजन सेंटर (आरबीटीसी) में खून का बैलेंस जीरो है। आरबीटीसी में एक भी यूनिट खून नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति सिर्फ उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ब्लड बैंक की ही नहीं, बल्कि सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के ब्लड बैंक भी यही हाल है। यहा भी खून की कमी हो गई है। एनबीएमसीएच के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी शुरू होने के बाद मार्च से ही खून की किल्लत होने लगी थी। लेकिन जून से स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई। वहीं जुलाई में तो ब्लड बैंक पूरी तरह से नील है। एनबीएमसीएच के ब्लड बैंक में किसी भी ग्रुप का खून नहीं रह गया है। बताया गया कि जुलाई के पहले सप्ताह में एक संस्था द्वारा रक्तदान आयोजित कर 40 यूनिट रक्त आरबीटीसी को सौंपा गया, जो मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पताल के लिए कुछ भी नहीं है। बताया गया कि मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंक की स्थिति यह हो गई है की यदि किसी मरीज को खून जरूरत पड़ती है तो उसी ग्रुप के दो लोगों को खून देना पड़ रहा है। सिर्फ इतना से ही काम नहीं चल रहा है। उस खून की जरूरी जाच प्रक्रिया में भी काफी वक्त लगता है। उसके बाद मरीज को रक्त दिया जा रहा है। इस दौरान मरीज की जान भी जा सकती है।

बताया गया कि एनबीएमसीएच में पहले प्रत्येक दिन 70 से 75 यूनिट खून की जरूरत पड़ती थी। अभी कोरोना काल में अन्य मरीज कम भर्ती हो रहे हैं। इसके बावजूद भी 35 से 40 यूनिट खून की जरूरत पड़ रही है। जबकि एक भी यूनिट खून नहीं रहने से विवश होकर खून के लिए इंकार करना पड़ रहा है। एनबीएमसीएच ब्लड बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना के इस दौर में यदि किसी संस्था से रक्तदान शिविर के आयोजन के लिए कहा भी जा रहा है, तो उनके द्वारा कहा जा रहा है कि पुलिस प्रशासन की रोक के कारण रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया जा पा रहा है। उन्होंने ब्लड बैंक की इस संकट को दूर करने के लिए लोगों को रक्तदान की भी अपील की। इस बारे में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अधीक्षक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी। वहीं सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भी खून की कमी से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जब सीआरपीएफ ने की मदद

जिला अस्पताल में स्थिति यह हो गई है कि ब्लड बैंक में खून की कमी को देखते हुए पिछले दिनों समूह केंद्र, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, कावाखाली, सिलीगुड़ी के अधिकारियों से रक्तदान की अपील की गई। जिसमें बल के जवानों ने रक्तदान कर 36 यूनिट खून सिलीगुड़ी जिला अस्पताल को सौंपा।

क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक

सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अमिताभ मंडल ने बताया कि रक्तदान के लिए लोगों से अपील की जा रही है। कहीं से रक्तदान होकर कुछ उन मिल जा रहा है तो उसी से आपातकालीन वाले मरीजों का काम चलाया जा रहा है।


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