कोरोना काल में जामा मस्जिद इलाके से रमजान की रौनक गायब
-पास ही कोरोना के दो मरीज मिलने से खलबली -घर से निकलने से भी डर रहे हैं रोजेदार -
-पास ही कोरोना के दो मरीज मिलने से खलबली
-घर से निकलने से भी डर रहे हैं रोजेदार
-ईद के मौके पर भी लगी है बहुत कम दुकानें
-खरीददारी करने वाले रोजेदारों की संख्या भी बेहद कम
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: पाक ए रमजान में सिलीगुड़ी हासमी चौक के निकट जामा मस्जिद के आस पास से रौनक गायब है। यहा रमजान के पूरे माह रौनक रहती थी। इबादत करने वालों के साथ ही खिदमत करने वालों की भीड़ लगी रहती थी। लेकिन अभी कोरोना वायरस के आतंक से रमजान की रौनक भी फीकी पड़ गई है। कुछ दिनों पहले ही पास के क्षेत्र से कोरोना के दो संक्रमित मरीज पाए गए हैं। इसी वजह से रोजेदार घर से निकलने से भी परहेज कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान पहले भी इस इलाके की दुकानें नहीं खुली थी। जिसके कारण रमजान के दौरान इस क्षेत्र में होने वाले लाखों रुपये के कारोबार पर ग्रहण लग गया है। इसी इलाके में रहने वाले मोहम्मद शाहिद बताते है कि सिलीगुड़ी के जामा मस्जिद बाजार में रमजान के महीने में काफी रौनक रहती थी। पूरे महीने लोग यहा आकर जमकर खरीदारी करते थे। जूते, कपड़े और घर के सजावट के सामान की काफी बिक्री होती थी। लेकिन इस बार सब सूना पड़ा है। किसी भी सामान्य दिन में लोगों से गुलजार रहने वाली इस गली का नजारा रमजान के महीने में अलग ही होता है। हर ओर रोशनी, चहल-पहल। हिलकार्ड रोड के इस क्षेत्र में खाने-पीने की दुकानों से आ रही गजब की खुशबू से कोई भी दूर से ही पहचान सकता था कि यह जामा मस्जिद है। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण जामा मस्जिद ओर उसके आसपास के इस गली की रौनक ऐसी छिनी है कि इसके किसी वाशिदे को याद भी नहीं कि उसने इस गली की ऐसी तस्वीर कभी देखी भी थी। यह इलाका फलों, सब्जियों, खाने-पीने की दुकानों और नमाजियों से पटा होता था। 21 तारीख को जब सरकार ने दुकानें खोलने की इजाजत दी तो पास के गली में कोरोना संक्रमण का दो मामला सामने आ गया। जो लोग अपनी दुकानें लगाते थे,उन्होंने डर से दुकानें लगानी बंद कर दी। जामा मस्जिद वाली गली की यह तस्वीर अगर कोई अनजान देखे तो उसे पता ही नहीं चलेगा कि पहले यहां का नजारा कुछ और था। फिर रमजान के दिनों की बात ही क्या थी। पाचों समय के नमाज के अलावा भी पूरे समय यहां भीड़ लगी रहती थी। रमजान के महीने में तो इन गलियों में पैर रखने की जगह भी नहीं होती थी। अभी यहां कुछ दुकान लगी हैं जो समय पर खुलती और बंद हो जाती है। अलविदा और ईद के नमाज में अब सब यही दुआ करेंगे कि जल्द से जल्द हालात सुधरे । कोरोना जैसी वैश्विक महामारी खत्म हो और लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटे। ईद इस महीने की 25 या 26 तारीख को होना है। यह चांद दिखने पर निर्भर होगा। शनिवार को जामा मस्जिद इलाके में कुछ दुकानें खुली। सेवईयां,मेवे और अन्य सामानों की बिक्री भी शुरू हुई। हांलाकि ग्राहकों की संख्या काफी कम थी।