बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार का रास्ता साफ, मुख्यमंत्री ने सौंपी जमीन
-104 एकड़ पर होगा नए टर्मिनल का निर्माण कार्य -कई प्रकार की यात्री सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंग
-104 एकड़ पर होगा नए टर्मिनल का निर्माण कार्य
-कई प्रकार की यात्री सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी
-अन्य परियोजनाओं की भी रखी आधारशिला
25
करोड़ की राशि मिली राज्य सरकार को
32
लाख से अधिक यात्रियों की हुई है आवजाही
23
हजार से अधिक फ्लाइटस मूवमेंट
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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिलीगुड़ी के निकट कामरांगागुड़ी स्थित राज्य शाखा सचिवालय उत्तरकन्या में बागडोगरा एयरपोर्ट के निदेशक पी सुब्रमणी को बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 104 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज सौंप दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बागडोगरा एयरपोर्ट के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट का काफी महत्वपूर्ण स्थान है। एयरपोर्ट के विस्तार से यहां पर काफी सुविधाएं बढ़ेगी।
दूसरी ओर बागडोगरा एयरपोर्ट के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त जमीन के बदले राज्य सरकार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 25 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा पहले ही कर दी गई थी। बागडोगरा एयरपोर्ट के नजदीक एक चाय बगान की जमीन एयरपोर्ट के विस्तार के लिए दी गई है। अब समझा जा रहा है कि जमीन हस्तांतरण होने के बाद एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बागडोगरा एयरपोर्ट की क्षमता साढ़े सात लाख विमान यात्रियों के आवागमन की है। जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में बागडोगरा एयरपोर्ट पर क्षमता के मुताबिक साढ़े चार सौ प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि करते हुए विमान यात्रियों की संख्या में 32 लाख 16 हजार 640 तक पहुंच गई थी। इस अवधि में 23 हजार 218 फ्लाइट्स मुवमेंट हुआ था। यात्रियों की बढ़ती संख्या की वजह से उन्हें एयरपोर्ट पर बैठने समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती थी। जिसकी शिकायत बार-बार यात्रियों द्वारा की जाती रही हैं।
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कई अन्य परियोजनाओं की रखी आधारशिला
इसके साथ ही मुख्यमंत्री बनर्जी ने उत्तर कन्या में दार्जिलिंग, कालिम्पोंग तथा कूचबिहार जिले की प्रशासनिक बैठक कर विकास कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कूचबिहार के मदन मोहन मंदिर के पुरोहित को पुरोहित भत्ता मद में एक हजार रुपये का चेक प्रदान किया। इसके अलावा उन्होंने माथभांगा में 50 एकड़ जमीन में तैयार होने वाले कूचबिहार के ठाकुर पंचानन विश्वविद्यालय के द्वितीय कैंपस की आधारशिला रखी। इसके अलावा उन्होंने जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की भी आधारशिला रखी। 161 पूर्व केएलओ उग्रवादियों को होम गार्ड की नौकरी
कभी आतंक का पर्याय बन पुलिस के लिए चुनौती बने केएलओ के पूर्व आतंकी अब पुलिस के साथ लोगों की सुरक्षा में अपनी सेवा प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 160 केएलओ के पूर्व आतंकवादी व लिंकमैन को होमगार्ड की नियुक्ति पत्र प्रदान की। जिससे की वह समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकें।
जीटीए के विकास के लिए पौन दो सौ करोड़ की राशि
मुख्यमंत्री ने गोरखालैंड टेरिटोरिएल एडमिनिस्ट्रेशन जीटीए क्षेत्र के विकास के लिए पौने दो सौ करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा करते हुए जीटीए बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन अनित थापा को डेढ़ सौ करोड़ रुपये की राशि का चेक प्रदान किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बाकी के 25 करोड़ जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कालिम्पोंग के एक चर्च के मरम्मतीकरण के लिए छह करोड़ रुपये प्रदान दिए।
विनय तमांग ने रखी कई मांगें
बैठक में गोजमुमो विनय गुट के नेता विनय तमांग ने दार्जिलिंग को नगर निगम का दर्जा प्रदान करने तथा गु्रप सी तथा ग्रुप डी के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग की। हालांकि मुख्यमंत्री ने गु्रप सी तथा ग्रुप डी के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में राज्य सरकार तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुकी है। इस मुद्दे पर अभी विचार करना संभव नहीं है।
दर्शन के लिए द्वतीया से ही पूजा पंडाल खोलने की अपील
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में भीड़ इकट्ठा ना हो इसके लिए नावरात्रि के द्वितीया से ही पूजा पंडाल खोल देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूजा आयोजकों तथा श्रद्धालुओं को कोविड-19 के प्रोटोकाल को मानते हुए पूजा का आयोजन करना होगा तथा श्रद्धालुओं को भी इसका पालन करना होगा। पूजा भ्रमण के दौरान उन्हें मास्क व हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना होगा। शारीरिक दूरी भी बनाकर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि इस बार प्रतिमा का विसर्जन चार दिन होगा, ताकि विसर्जन के दौरान ज्यादा भीड़ ना हो।