पटरियों के किनारे अवैध कब्जे ने बढ़ाई डीएचआर की चिंता
-मालीगांव में रेलवे अधिकारियों ने की ससमीक्षा बैठक -यूनेस्को के भी कई प्रतिनिधि हुए शाि
-मालीगांव में रेलवे अधिकारियों ने की ससमीक्षा बैठक
-यूनेस्को के भी कई प्रतिनिधि हुए शामिल
- शीघ्र अभियान शुरू करने का निर्णय जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक डीएचआर रेल पटरियों के किनार अवैध कब्जे को हटाने के लिए फिर से अभियान शुरू होगा। डीएचआर समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज दर्जा प्राप्त दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के संरक्षण को लेकर सोमवार को एनएफ रेलवे मुख्यालय मालीगांव में यह समीक्षा बैठक की गई। इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोनुमेंट्स एंड साइट्स (आईसीओएमओएस) के आस्ट्रेलिया तथा फ्रांस से यूनेस्को के अधिकारियों ने इस बैठक में शिरकत की। यूनेस्को की ओर से डॉ माइकल पियरसन तथा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर, पेरिस से श्रीमती नोआ हायशी ने प्रतिनिधित्व किया। जबकि रेलवे की ओर से एनएफ रेलवे के जीएम संजीव राय, कटिहार डिवीजन के डीआरएम रविंद्र कुमार वर्मा तथा रेलवे के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। बैठक से पहले यूनेस्को के अधिकारियों ने 7 एवं 8 दिसम्बर को डीएचआर का दौरा किया तथा डीएचआर के धरोहर प्रबंधन में देखरेख में सहायता तथा आकलन करने वाले विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा की।
एनएफ रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार डीएचआर पर सीसीएमपी (व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना) के विकास के लिए दिनाक 20 जनवरी 2017 को भारतीय रेल द्वारा यूनेस्को के साथ एक समझौता किया गया था। बैठक के दौरान अंतिम सीसीएमपी के मूर्त रूप प्रदान करने के लिए भारतीय रेल की अंतिम समीक्षा पर चर्चा की गई।
रेल पटरी के बगल में अवैध निर्माण पर भी समीक्षा की गई। बताया गया कि जनवरी 2017 से लेकर अब तक कुल 6 अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए गए। सम्पत्ति की निगरानी के उपरात अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ अभियान समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। डीएचआर संपत्ति के पुनरुद्धार एवं संरक्षण पर चल रहे विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई। एनएफ रेलवे द्वारा डीएचआर में 15 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का विभिन्न संरक्षा एवं संरक्षण कार्य किए गए हैं।
एनएफ रेलवे हाल ही में विश्व धरोहर की घोषणा की 20वीं सालगिरह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया। ट्वॉय ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए एनएफ रेल द्वारा उठाए गए कदम काफी फलदायक साबित हुए हैं। वर्ष 2017 में 64030 की तुलना में वर्ष 2018 के दौरान ट्वॉय ट्रेन की यात्रियों की कुल संख्या 108940 रही। इस वर्ष अक्टूबर माह तक 93210 आगुंतकों ने टॉय ट्रेन की यात्रा का आनंद उठाया। पूर्वोत्तर सीमा रेल ने दार्जिलिंग हिमालय रेलवे में एक विस्टा-डोम कोच की भी शुरुआत कर चुकी है। यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है। दो प्रथम श्रेणी कोचों को पुन: सुसच्जित कर दो वातानुकूलित कोच विकसित किए गए। वर्तमान में चार ट्रेनें वाष्प इंजन द्वारा एवं दस ट्रेनें डीजल इंजन द्वारा संचालित हो रही है। बॉक्स में
बाईक चालक की मौत,ढाई घंटे तक रुकी रही ट्वॉय ट्रेन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : तीनधरिया के निकट चुनाभट्टी में एक डंफर गाड़ी तथा बाइक के बीच हुई टक्कर में बाइक चालक की मौत हो गई। जबकि दुर्घटनाग्रस्त बाइक व शव डीएचआर ट्रैक पर चला गया। वहीं डंफर ट्रैक पर छोड़कर डंफर चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया। इसको लेकर दार्जिलिंग से एनजेपी तक चलने वाली ट्वॉय ट्रेन लगभग ढाई घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रही। हालांकि बाद में पुलिस द्वारा शव व दुर्घटना ग्रस्त बाइक तथा डंफर को हटाया। इसके बाद ट्वॉय ट्रेन एनजेपी के लिए रवाना हुई।