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आत्मनिर्भर बनने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म उत्तर बंगाल : राजू बिष्ट

-हर मोर्चे पर विफल सरकार को जनता नहीं देखना चाहती सत्ता में बने रहने देना -छह जुलाई से

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 06:42 PM (IST)
आत्मनिर्भर बनने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म उत्तर बंगाल  : राजू बिष्ट
आत्मनिर्भर बनने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म उत्तर बंगाल : राजू बिष्ट

-हर मोर्चे पर विफल सरकार को जनता नहीं देखना चाहती सत्ता में बने रहने देना

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-छह जुलाई से बुथ स्तरीय कार्यक्रम से आत्मनिर्भर को पहुंचाएंगे घर-घर : राजू बनर्जी

-मदद को तैयार केंद्र राज्य सरकार मांगने की हिम्मत तो करें

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए उत्तर बंगाल सबसे अच्छा प्लेटफार्म है। जरुरत है सिर्फ इच्छाशक्ति और योजना की। यह कहना है कि भाजपा नेता व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट का। वे रविवार को आत्मनिर्भर भारत के मुद्दे पर जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश के उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और जिलाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल मौजूद थे। बिष्ट ने कहा कि उत्तर बंगाल जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा क्षेत्र है। यहां युवक हो या युवतियां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यहां का चाय उद्योग, पर्यटन,आयात-निर्यात तथा कृषि उत्पादन काफी अच्छा है। जरुरत है इसके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की। आज कोरोना संकट ने पूरे विश्व की रफ्तार को रोक दिया है। अर्थ व्यवस्थाएं बेहोश हो चुकी हैं। लॉकडाउन के चलते सब कुछ ठप्प है। घरों को लौट रहे मजदूर सड़कों पर आ गये हैं। जान का संकट भी है और जहान को बचाने की चुनौती भी है। स्वदेशी, स्वच्छता और सर्वोदय के मंत्र ही काम आने वाले हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल के लिए वोकल बनने का मंत्र भी स्वदेशी आदोलन पर ही आधारित है। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। उत्तर बंगाल इसमें सबसे ज्यादा योगदान कर सकता है। यह लोकल से ग्लोबल बनने का बड़ा अवसर है। एक बात साफ है और यह हमारे देश की संस्कृति में रचा-बसा है कि जब कोई बड़ा आदमी खासतौर से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जनता से आग्रह करता है तो बिना किसी अगर-मगर के देशवासी उसे अपनाने में देरी नहीं करते। बिष्ट ने कहा कि उत्तर बंगाल में चाय के साथ हिमालयन रेलवे, अनानास, बड़ी ईलाईची, नारंगी, फूल और कई प्रकार के वनस्पति के उद्यान जैसे सिंकोना यहां की ऐसी पहचान है जो दुनियां में अपना पहचान दे सकती है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पूरा क्षेत्र हिल्स,तराई व डुवार्स पर्यटन और फिल्म उद्योग का हब बन सकता है। इसकी ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि आíथक सुधार के क्षेत्र में मोदी सरकार ने किए हैं। यह क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से देश के लोगों और इकोनॉमी को राहत देने के लिए गत 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये का देने की घोषणा की थी। उसके बाद उसके विस्तार से दी गयी आíथक पैकेज से ज्यादा सुधारों के ऐलान थे। इनमें से कई ऐसे क्रातिकारी सुधार किए गए हैं जिनकी कारपोरेट-इंडस्ट्री जगत वर्षो से माग कर रहा था। फेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी की। सभी सार्वजनिक कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा।बिजली कंपनियों के निजीकरण को बढ़ावा दिया गया। कृषि उत्पाद विपणन समिति एक्ट में बदला। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में सुधार किया गया। एमएसएमई की परिभाषा बदलने का प्रस्ताव। इन सुधारों से पीएम मोदी एक बड़े सुधारक की छवि में देश विदेश के सामने आए है। इसके माध्यम से निवेश और रोजगार बढ़ेगा। कई ऐसे फैसले लिए गए हैं। सरकार लॉन्ग टर्म के सुधारों पर जोर दे रही है। इनका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना है। इंडस्ट्री के कई एक्सपर्ट इसे सही कदम बता रहे है। किसानों को अपने उत्पादों को कहीं भी वाजिब कीमत पर बेचने से उनमें समृद्धि आएगी। इसी तरह एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है जिससे भारतीय इंडस्ट्री इस आपात स्थिति में 2 लाख पीपीई या 2 लाख एन 95 मास्क बनाना अपने आप में बड़ी बात है। निश्चित रूप से देश की इस ताकत को समझना होगा। मजे की बात है कि मास्क की आवश्यकता होते ही देश के हर कोने में मास्क तैयार होने लगे और लोगों को बड़ी मात्रा में नि:शुल्क मास्क उपलब्ध कराए गए। इसका लाभ बंगाल के लोगों को भी मिला है। गरीब कल्याण योजनाओं का सीधा पैसा उसके खाते में भेजा गया है। दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में दो लाख 78 हजार खातों में पैसा दिया गया।

केंद्रीय टीम को आने नहीं देना चाहती सरकार

सांसद राजू बिष्ट व प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने कहा कि चक्रवात तुफान में पैसा लेना था तो केंद्रीय टीम के लिए रेड कारपेट बिछाया गया जबकि स्वास्थ्य की टीम जांच के लिए आयी तो काम नहीं करने दिया गया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम करना होगा। गरीबों की बात करती है ममता सरकार परंतु किसान को खाता में केंद्र द्वारा भेजी जा रहे पैसा को नहीं जाने दे रही है। जब कोरोना की बात प्रधानमंत्री ने कहा तो ममता बनर्जी ने मालदा में प्रशासनिक बैठक कर कहा कि यह लोगों का ध्यान भटकाने की बात है। यह सरकार सिर्फ एक की बात जानती है किसी प्रकार विरोधियों को सेवा कार्य से रोको। मामला दर्ज कर उसे जेल भेजो। केंद्र के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को प्रत्येक घर-घर तक ले जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक बुथ स्तर पर भाजपा कार्यकर्ता काम करेंगे।


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