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कोरोना वायरस जाच में एनबीएमसीएच पूरे राज्य में नंबर वन

-पूरे देश में मिला पाचवां स्थानमंत्री ने जताई खुशी -संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट भी सबस

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:49 AM (IST)
कोरोना वायरस जाच में एनबीएमसीएच पूरे राज्य में नंबर वन
कोरोना वायरस जाच में एनबीएमसीएच पूरे राज्य में नंबर वन

-पूरे देश में मिला पाचवां स्थान,मंत्री ने जताई खुशी

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-संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट भी सबसे अच्छा

-विशेषज्ञों और तकनीशियनों को किया सम्मानित जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा है कि यह सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल के लिए बड़े गर्व की बात है कि नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) कोविड-19 जाच के मामले में राज्य भर में प्रथम स्थान पर है। इतना ही नहीं, इस मामले में देश भर में इसका सर्वश्रेष्ठ पाचवा स्थान है। गत 29 मार्च से अब तक यानी 27 मई तक यहा कुल 24000 कोविड-19 जाच किए गए हैं। यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है कि देश के अन्य जगहों की तुलना में यहा एनबीएमसीएच में कोविड-19 जाच प्रयोगशाला काफी देर से स्थापित हुई व काम करना शुरू किया। इसके बावजूद इतनी बड़ी उपलब्धि अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

वह गुरुवार को मैनाक टूरिस्ट लॉज में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक पंडित जांच नहीं होने की रट लगाते हैं,उन्हें इन आकड़ों व इन उपलब्धियों पर गौर करना चाहिए। ये आकड़े और ये उपलब्धिया ही उनके लिए आईना है।

मंत्री ने यह भी बताया कि एनबीएमसीएच में कोविड-19 प्रयोगशाला में अब और अत्याधुनिक मशीन आ गई है। अब और भी बढ़ चढ़ कर और बेहतर जाच संभव हो पाएगा। ज्यादा से ज्यादा जाच अब और आसानी से हो सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कोरोना संकट काल में यहा क्वारंटाइन सेंटर हो या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) सेंटर हो या फिर कोविड-19 स्पेशल सेंटर, हर जगह डॉक्टरों व स्वास्थ्य कíमयों ने अपना सर्वोत्तम दिया है। कोविड-19 से रोग मुक्त होने वाले की संख्या का प्रतिशत उत्तर बंगाल में लगभग लगभग शत-प्रतिशत है। इसके लिए हम सब डॉक्टरों व स्वास्थ्य कíमयों के प्रति आभारी हैं। गुरुवार को राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने एनबीएमसीएच का दौरा कर वीआरडीएल के विशेषज्ञों, टेक्नोलॉजिस्ट व अन्य कर्मचारियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वीआरडीएल के विशेषज्ञों, टेक्नोलॉजिस्ट व अन्य कर्मचारी बधाई के पात्र हैं जो दिन रात सैंपल की जांच और मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं।

इधर,एनबीएमसीएच के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार भारत में कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले ही एनबीएमसीएच में कोरोना वायरस की जांच की व्यवस्था करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। एनबीएमसीएच का लैब के लिए इफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। इसके इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी), पुणे द्वारा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री (वीआरडीएल) चालू करने की अनुमति मार्च में दी गई।

कहां कितनी जांच

अनुमति मिलने के बाद 29 मार्च से एनबीएमसीएच के वीआरडीएल में जांच की प्रक्रिया शुरू की गई। अभी तक यहां पर 25 हजार 426 सैंपल की जांच की गई। जबकि दूसरे नंबर नाइसेड कोलकाता है, जहां 17 मार्च 2020 से लेकर 28 मई 2020 तक 21 हजार 573 तथा तीसरे नंबर एसएसकेएम कोलकाता है, जहां पर 24 मार्च 2020 से लेकर 28 मई 2020 तक 20 हजार 749 सैंपल की जांच की जा चुकी है।


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