शिक्षा केबुझते दीया में डाला सहायता का तेल
-पुस्तक स्कूल फीस के साथ दिया एक माह का राशन जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कहते है जब सब दर
-पुस्तक, स्कूल फीस के साथ दिया एक माह का राशन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: कहते है जब सब दरबाजा बंद हो जाता है तो ऊपर वाला कोई ना कोई रास्ता खोल देता है। कुछ ऐसा ही हुआ माटीगाडा खपरैल इलाके के राय परिवार में। यहा नक्सलबाडी के समाजसेवी नारायण अग्रवाल ने शिक्षा के बुझते दीपक में सहायता का तेल डालकर बुझने से बचा लिया है।नारायण अग्रवाल ने तीन छात्रों की स्कूल फीस, किताब ओर एक माह का राशन मुहैया कराया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आगे चलकर जब काबिल बने तो इसी प्रकार से दूसरे छात्र की मदद कर दे। शिक्षा अमूल्य है। बताया गया कि तीन भाइयों के परिवार में तीन छात्र एक निजी स्कूल में 8 व 9 क्लास में पढ़ते है। परिवार ?ास्टफुट की दुकान चलाकर परिवार की गाड़ी चलता था। कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन में दुकाने बंद है। निजी स्कूल में किताब और फीस के साथ बस किराया का संकट आ गया।परिवार की स्थिति को देखकर बच्चों ने पढ़ाई से अपने आप को दूर करने में भलाई समझा। परिवार को भरोसा था कि हो ना हो सरकार स्कूल व बस के फीस को माफ कर दे? ऐसा नही हुआ। स्कूल खुलने से पहले यह जानकारी नक्सलबाडी के नारायण अग्रवाल तक पहु?ची। वे कई सामाजिक संगठनों से जुड़े है। वे तुरंत समय गवाएं बिना परिवार को 44 हजार की मदद करते हुए स्कूल फीस, बस किराया किताब के साथ बचे रुपये से राशन मुहैया कराया। राय परिवार ने अग्रवाल का शुक्रिया कहते हुए माग की है कि उसके परिवार का फोटो और पूरा पता किसी को ना बताए उनका समाज मे बदनामी होगा।इस बात को ध्यान में रखते हुए अग्रवाल ने इसे किसी मीडिया में सचित्र जानकारी नही दी। अग्रवाल ने कहा कि वे प्रतिवर्ष राजस्थान सालासर उपाध्याय संस्कृत विद्यालय के बच्चों के बीच समय समय पर जरूरत की चीजें देते रहते है।