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निर्माण के डेढ़ साल बाद भी एनजेपी में आइसीडी शुरू नहीं

-कोलकाता पोर्ट पर कंटेनर मंगाते हैं उत्तर बंगाल के कारोबारी -रेलवे को भी हो रहा ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:03 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:03 PM (IST)
निर्माण के डेढ़ साल बाद भी एनजेपी में आइसीडी शुरू नहीं
निर्माण के डेढ़ साल बाद भी एनजेपी में आइसीडी शुरू नहीं

-कोलकाता पोर्ट पर कंटेनर मंगाते हैं उत्तर बंगाल के कारोबारी

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-रेलवे को भी हो रहा है हर दिन लाखों का नुकसान

-शीघ्र ही रेलमंत्री से मिलेंगे सीआईआई के प्रतिनिधि जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एनजेपी में तैयार इनलैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) के चालू नहीं होने से हर दिन एक लाख 16 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। यह नुकसान उन व्यवसाइयों को हो रहा है जो कोलकाता पोर्ट पर कंटेनर मंगाते हैं। ऐसे कारोबारियों की संख्या सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में काफी अधिक है। यह दावा कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), उत्तर बंगाल चेप्टर ने किया है। सीआईआई उत्तर बंगाल चेप्टर के चेयरमैन संजीत साहा ने गुरुवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एनजेपी में आइसीडी तैयार हुए डेढ़ वर्ष से ज्यादा हो गए हैं। अगर दिन में बात करें तो छह सौ दिन। सिर्फ व्यवसाइयों को ही नुकसान नहीं हो रहा है,रलवे को भी नुकसान हो रहा है। रेलवे को प्रत्येक दिन 23 लाख 46 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। डिपो तैयार होने के बाद ट्रायल की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे कॉमर्शियल ऑपरेशन की अनुमति नहीं मिलने से इसे चालू नहीं किया जा रहा है। साहा ने बताया कि आइसीडी के चालू नहीं होने से सिलीगुड़ी समेत पूरे पूर्वोत्तर को कोलकाता पोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है। कोलकाता पोर्ट से सड़क मार्ग से कारोबारी माल लेकर आते है। उन्होंने बताया कि महीने में 15 सौ कंटेनर आयात का तथा आठ सौ कंटेनर निर्यात निर्यात इस क्षेत्र से होता है। इसके लिए कोलकाता पोर्ट का उपयोग होता है। इस तरह से साल में कुल चार हजार करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। एनजेपी में आइसीडी चालू हो जाने से चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यवसाय यहां से हो सकता है। साहा ने कहा कि आइसीडी चालू कराने की मांग को लेकर दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू बिष्ट से भी बात की गई है। बिष्ट ने रेलमंत्री से मिलकर इसे जल्द से जल्द चालू कराने का आश्वासन दिया है। सीआईआई, उत्तर बंगाल चेप्टर के चेयरमैन ने आगे कहा कि अगर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो सीआईआई के प्रतिनिधि खुद रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे। साहा ने कहा कि सीआईआई की ओर से उत्तर बंगाल में व्यवसाय व उद्योग के विकास के लिए काफी कार्य हो रहा है। उन्होंने इसमें राज्य सरकार से भी भरपूर सहयोग मिलने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिएअब फायर सेफ्टी संबंधी अनुमति के लिए कोलकाता नहीं जाना होगा। सिलीगुड़ी फायर स्टेशन अंतर्गत डिप्टी डायरेक्टर फायर सिलीगुड़ी में बैठेंगे। यहीं से अनुमति मिल जाएगी। इस मौके पर सीआईआई उत्तर बंगाल चेप्टर के वाइस चेयरमैन संजय टिबड़ेवाल व सीआइआइ की लक्ष्मी लिंबु कौशल समेत अन्य लोग उपस्थित थे।


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