भाजयुमो नेताओं को किया गिरफ्तार,नहीं मिल पायी जमानत
-गैर जमानती धाराओं में पुलिस ने दर्ज की है मामला आज कोर्ट में पुलिस से मांगी गयी है सीडी
-गैर जमानती धाराओं में पुलिस ने दर्ज की है मामला, आज कोर्ट में पुलिस से मांगी गयी है सीडी
-कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत की गयी है गिरफ्तारी
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय जनता युवा मोर्चा के दो नेताओं एक नंबर मंडल अध्यक्ष मन्ना भद्र व जिला सचिव निलाव घोषाल के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में प्रधाननगर थाना की पुलिस ने शनिवार रात गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को बागडोगरा थाना ले गयी। इसकी जानकारी मिलने पर भाजपा के प्रदेश महासचिव रथींद्र नाथ बोस उससे मिलने पहुंचे। दोनों आरोपितों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। बचाव पक्ष के वकील सह भाजपा जिलाउपाध्यक्ष अखिल विश्वास ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कोर्ट से जमानत की मांग की। सरकारी वकील के विरोध करने और गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज होने के कारण कोर्ट से जमानत नहीं मिल पायी। बचाव पक्ष के दलीलों के कारण कोर्ट ने पुलिस से इस संबंध में सोमवार को सीडी की मांग की है। उसके बाद ही इस मामले में दोबारा से विचार किया जाएगा। सिलीगुड़ी कोर्ट में बड़ी संख्या में आए भाजपा समर्थकों के बीच अधिवक्ता अखिल विश्वास ने कहा कि भाजयुमो नेताओं के खिलाफ प्रधाननगर थाना की पुलिस ने आइपीसी की धारा 143,341,186,353,332 के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें कहा गया है कि भाजयुमो प्रदर्शनकारी एडीसीपी कार्यालय को नष्ट करने की कोशिश में थे। वे सभी मजमा बनाकर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न किया है। जिन दो नेताओं को गिरफ्तार किया गया है उसके अलावा भाजयुमो जिलाध्यक्ष समेत भाजपा के कई जिलास्तरीय नेताओं के नाम दिए गये है। विश्वास ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां के कार्यक्रम में मीडिया उनके साथ होती है। वीडियो फुटेज देखा जाए कि भाजयुमो के नेता और समर्थक क्या कर रहे थे। हिंसा और सरकारी कार्य में बाधा जैसी कोई बात नहीं है। इसी प्रकार का प्रदर्शन शनिवार को ही युवा कांग्रेस द्वारा किया गया लेकिन उसपर तो कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। भाजपा महासचिव राजू साहा ने कहा कि शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के साथ ही माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के समय ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने की की मांग को लेकर भाजयुमो समर्थक एडीसीपी ट्रैफिक को ज्ञापन देने गए थे। आरोप है कि एडीसीपी के मीटिंग में होने की बात कहकर पुलिस ने ज्ञापन लेने से मना कर दिया। इसको लेकर पुलिस व भाजयुमो समर्थकों के बीच जमकर बहसबाजी हुई। हालांकि बाद में एडीसीपी ट्रैफिक डंबर सिंह सोनार ने ज्ञापन स्वीकार किया। उसके बाद मामला शांत हुआ। इसको लेकर एक साजिश के तहत मामला दर्ज करना कहा जक जायज है? जमानत नहीं मिलने पर इसको लेकर पुलिस के खिलाफ सभी थाना क्षेत्रों में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।