होर्डिग लगाने में सुरक्षा नियमों की हुई अनदेखी
-कभी भी हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना -बड़े-बड़े लोहे के पोल का हुआ है उपयोग
-कभी भी हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना
-बड़े-बड़े लोहे के पोल का हुआ है उपयोग
-बीच सड़क के उपर होर्डिग की है हैगिंग
-नीचे से हर दिन हजारों वाहनों की होती है आवाजाही
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भक्ति नगर थाने के सामने सरकारी जमीन पर स्थापित पार्क से जहां कुछ लोग काली कमाई कर रहे हैं,वहीं दूसरी ओर सुरक्षा को ताक पर रख दिया गया है। इस पार्क में विज्ञापन के लिए जो होर्डिग लगाए गए हैं वह सड़क सुरक्षा नियम के खिलाफ है। एक तरह से कहा जाए तो सड़क सुरक्षा के नियमों को अनदेखी करते हुए अनाधिकृत रुप से हैंगिंग होर्डिग बीच सड़क पर लगाए गए हैं। पार्क के चारों ओर सड़क है और हर दिन यहां से हजारों गाड़ियों की आवाजाही होती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार नेशनल हाइवे हो अथवा स्टेट हाइवे किसी रोड के उपर हैंगिंग अवस्था में होर्डिग नहीं लगाया जा सकता है। यह सड़क सुरक्षा नियमों के खिलाफ है। इस तरह कोई होर्डिग लगे होने पर एनएचएआई की ओर से कार्रवाई की जाती है। जबकि इस पार्क में बड़े-बड़े होर्डिग लगे हैं। इसमें एक होर्डिग तो बीच सड़क के उपर है। इस होर्डिग को लगाने के लिए सुरक्षा नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। सबसे पहले कई टन लोहे का इस्तेमाल कर मोटे-मोटे पोल लगाए गए हैं। उस पर विशाल होर्डिग लटका दी गई है। आंधी या तूफान के समय होर्डिग के गिरने की संभावना बनी रहती है। कई बार तो तेज आंधी में होर्डिग काफी दूर जा गिरता है। भगवान ना करे अगर इस होर्डिग के गिरने की घटना हुई तो कोई ना कोई बड़ी अनहोनी जरूर हो सकती है। इस ओर कोई ध्यान नहीं है। नगर निगम की कौन कहे एनएचएआई प्रबंधन भी खामोश है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर तमाम सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर मोटी रकम कौन कमा रहा है। सरकार या प्रशासन की ओर से ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। आमलोगों का कहना है कि शायद प्रशासन को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है। उसके बाद कहीं जाकर कार्रवाई होगी। मामले को देखेंगे-एसीपी ट्रैफिक
इस बारे में सिलीगुड़ी के एसीपी ट्रैफिक चिन्मय मित्तल का कहना है कि उन्होंने हाल ही में सिलीगुड़ी के एसीपी ट्रैफिक का कार्यभार संभाला हैं। फिलहाल वे छुट्टी पर हैं। जिस होर्डिग के बारे में बात सामने आई है, वह अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है। ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद इसकी जांच करेंगे।
पार्क का शुरू हुआ कायाकल्प
दूसरी ओर भक्ति नगर थाने के सामने स्थापित जिस पार्क की देख-रेख का जिम्मा कोई लेने के लिए तैयार नहीं था,दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद उसको चकाचक किया जा रहा है। पहले पार्क की उपेक्षा के लिए सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण व सिलीगुड़ी नगर निगम एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। उस कमाऊ पार्क के उपेक्षा की खबर दैनिक जागरण में जोर-शोर से प्रकाशित की गई। उसके बाद पार्क का कायाकल्प भी शुरू हो गया है। जहां एक ओर पार्क की सफाई शुरू हो गई है, वहीं पार्क में खराब पड़ी लाइट को भी ठीक कर दिया गया है। फौव्वारे ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। शायद यह काम उसी निजी एजेंसी के लोग कर रहे हैं,जो इस पार्क से लाखों रुपये की काली कमाई कर रहे हैं। पार्क में लगाए गए विज्ञापनों की होर्डिग से लाखों की कमाई की जाती है, जबकि नगर निगम को टैक्स मात्र 1.53 रुपये प्रति माह प्रति वर्गफीट मिल रहा है।