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दैनिक जागरण के संस्कारशाला में हार के आगे जीत है मंत्र की गूंज

-लाइम लाइट हाई स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित -बच्चों को सुनाई गई प

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 08:21 PM (IST)
दैनिक जागरण के संस्कारशाला में हार के आगे जीत है मंत्र की गूंज
दैनिक जागरण के संस्कारशाला में हार के आगे जीत है मंत्र की गूंज

फोटो-राजेश-

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-लाइम लाइट हाई स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित

-बच्चों को सुनाई गई प्रेरक कहानियां

-सबने मेहनत के बल पर आगे बढ़ने का लिया संकल्प

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जीवन में हार-जीत लगी रहती है। यह जीवना का हिस्सा है। जीवन में कभी हार मिलती है तो इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि और दोगुने प्रयास से जीत हासिल करना चाहिए। हार से ही जीवन में कुछ अच्छा करने की प्ररेणा मिलती है। यह बातें सिलीगुड़ी महकमा के बागडोगरा अंतर्गत लाइम लाइट स्कूल के विद्यार्थियों ने दैनिक जागरण द्वारा विद्यालय में आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम में कही।

दैनिक जागरण द्वारा गुरुवार को लाइम लाइट हाई स्कूल में संस्कारशाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत 'हार के आगे जीत' विषय पर आधारित कहानी बताई गई। विद्यालय की शिक्षिका शबाना परवीन ने विद्यार्थियों को प्रेरक कहानी सुनाई। कहानी सुनकर विद्यालय के विद्यार्थी काफी प्रेरित हुए। बच्चों ने जीवन में असफल होने से घबराने या चिंतित नहीं होने, बल्कि इससे सीख लेकर अपने मेहनत के बल पर आगे निकलने का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने पूरे जोश के साथ कहा कि हार-जीत जीवन का अंग है। हार से जीवन में अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।

विद्यार्थियों ने पूरे मन से कहानी सुनी। कहानी के अंत में पूछे गए सवालों का जवाब सही-सही बताया। उक्त संस्कारशाला कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने काफी प्रेरणामूलक व देश भक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया। हार-जीत जीवन का पहलू है। इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। आत्मविश्वास है तो कोई भी कार्य आसानी से किया जा सकता है। दैनिक जागरण ने विद्यार्थियों में संस्कार की भावना जागृत करने की जो पहल शुरू की है, इसकी जितनी सराहना की जाए कम ही है। सकारात्मक सोच से आत्मविश्वास बढ़ता है और आत्मविश्वास के बल पर व्यक्ति सफलता अर्जित करता है।

उमेश गुप्ता, प्रधानाचार्य

जीवन में काफी समस्याएं आती हैं। इन समस्याओं से चिंतित नहीं होना चाहिए। बल्कि इसका डटकर मुकाबला करना चाहिए। समस्याओं से लड़ते हुए बड़ी जीत हासिल कर एक उदाहरण पेश करना चाहिए। जीवन में अगर कभी हार भी मिलती है तो इसकी चिंता नहीं बल्कि कहां कमी रह गई है इसमें सुधार करना चाहिए।

शबाना परवीन, शिक्षिका

हार-जीत की चिंता किए बगैर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अगर हम शुरू से ही कड़ी मेहनत करेंगे तो हारने की नौबत ही नहीं आएगी।

अगर जीवन में एक बार हार भी मिल गई तो इससे दुखी नहीं होना चाहिए। आगे बढ़ते रहना चाहिए। जो मैदान में डटा रहता है, अंत में जीत उसी की होती है। इसके लिए किसी को अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए।

- ज्योति हेमब्रम, शिक्षिका

हार की परवाह किए बगैर कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। हार से आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए। बल्कि कहां कमी रह गई है, इस पर गौर करना चाहिए। आत्मविश्वास के बल पर हार के बाद भी सफलता अर्जित की जा सकती है।

- प्रिंस महतो, छात्र

कितनी भी बड़ी मुश्किल सामने क्यों न आए इससे परेशान नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका सामना करना चाहिए।

हार-जीत जीवन का अंग है। शुरू की हार, हार नहीं है, बल्कि इस हार से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हारने के बाद समझ में आता है कहां कमी रह गई है। इसके बाद उस कमी को सुधार कर जब आगे बढ़ा जाता है, तो फिर से पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। - सुप्रिया महतो, छात्रा जीवन में हार-जीत लगी रहती है। लेकिन इससे विश्वास नहीं हारना चाहिए। हर-हार जीवन में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा देती है। आत्मविश्वास के बल पर बच्चे कठिन से कठिन कार्य सकते हैं, जबकि आत्मविश्वास की कमी से आसान से आसन कार्य नहीं कर पाएंगे।

- राज मंडल, छात्र

अगर एक बार हार जाएं तो भी निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि इसे जीवन का हिस्सा मानकर आगे बढ़ते रहना चाहिए। हार से ही अपनी गलतियों को सुधार करने की प्रेरणा मिलती है।

कड़ी मेहनत करने से सफलता मिलती है। अगर परीक्षा में कभी असफलता भी मिलती है तो इससे अपने अंदर कमियों को सुधार करने में काफी मदद मिलती है। यह सब आत्मविश्वास के बल पर होता है।

दीपक प्रधान, छात्र

हार-जीत हमारी जिंदगी का हिस्सा है। हारने के बाद हमें महसूस होता है कि कहां कमी रह गई है, इसमें सुधार किया जाए। इस सुधार के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। आत्मविश्वास के बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। कोई काम पूरे आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए। इसके बल पर बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।

- जुली गुप्ता, छात्रा

किसी भी प्रतियोगिता में हार-जीत महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि महत्वपूर्ण उसमें भाग लेना होता है। भाग लेंगे तो हो सकता है एक बार हार भी जाएं, लेकिन इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। हार से कुछ जानने को मिलता है। कमियों के बारे में जानकारी मिलती है। फिर सुधार करने में मदद भी मिलती है। हार से सबक लेते हुए जीत के लिए आगे प्रयास करना चाहिए।

- गोलू यादव, छात्र हारना-जीतना बड़ी बात नहीं है। हार से हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। कुछ भी हो हमें अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए। किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। ऐसे में हार-जीत की फिक्र किए बगैर अपने काम में लगे रहना चाहिए।

- सारा मन्ना, छात्रा


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