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एनआरसी से गोरखाओं को कोई खतरा नहीं : राजू बिष्ट

-तृणमूल कर रही है डराने की कोशिश -इशारों ही इशारों में विनय तमांग पर साधा निशाना

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 09:00 PM (IST)
एनआरसी से गोरखाओं को कोई खतरा नहीं : राजू बिष्ट
एनआरसी से गोरखाओं को कोई खतरा नहीं : राजू बिष्ट

-तृणमूल कर रही है डराने की कोशिश

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-इशारों ही इशारों में विनय तमांग पर साधा निशाना

-घुसपैठियों को देश में रहने का कोई अधिकार नहीं

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग पहाड़ पर या देश के किसी भी कोने में बसे गोरखाओं कों एनआरसी से कोई खतरा नहीं है। उन्हें खतरा है तो तुष्टिकरण के लिए लगातार काम कर रही तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से। यह कहना है दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट का। वे गुरुवार को संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। इसी दौरान उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने इशारों ही इशारों में विनय तमांग पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद ममता बनर्जी के इशारे पर गोरखाओं को एनआरसी का डर दिखाया जा रहा है। किसी तरह गोरखाओं को डराकर उन्हें आंदोलन के लिए विवश करने की कोशिश हो रही है। यह काम करने वाला कौन है जिन्हें हिल्स की जनता ने जनादेश नहीं दिया है। उन्हें सिरे से नकार दिया है। ऐसे लोगों का नाम भी लेना ठीक नहीं है। वे ऐसे लोग है जो किसी व्यक्ति विशेष की कृपा से पिछले दरवाजे से जीटीए और गोजमुमो के स्वयंभू अध्यक्ष बने बैठे हैं। बिष्ट ने कहा कि असम में एनआरसी लिस्ट में जब 40 लाख लोगों को विदेशी सूची में डाला गया था तब गोरखाओं की संख्या लगभग डेढ़ लाख थी। अब तो यह सूची 19 लाख हो गयी है ऐसे में कैसे इनकी संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है। संख्या का पता नहीं लेकिन अगर सूची में आए भी होगे तो 70 से 75 हजार के आसपास होंगे। इस सूची में वैसे ज्यादातर परिवार हैं जिसके परिवार के दो लोगों का नाम आया और तीन लोग छूट गए हैं। ऐसे लोगों के लिए छह माह का समय दिया गया है। वे अपील में अपनी समस्या का समाधान कर लेंगे। बिष्ट ने कहा कि हिल्स को हिसा की आग में झोंक कर बर्बाद करने वाले,गोरखा आंदोलन के साथ गद्दारी करने वाले, गोरखाओं पर झूठा मुकदमा कराने वाले आज असम जाने की बात करते है। शांत असम को अशांत करने की यह भी एक साजिश है। ऐसे नेताओं को गोरखाओं से अगर इतनी ही हमदर्दी है तो वे गोरखाओं के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार की व्यवस्था कराएं। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भारतीय है उन्हें एनआरसी से कोई खतरा नहीं है। खतरा उन्हें है जो अवैध तरीके से घुसपैठ कर देश के युवाओं के रोजगार पर डाका डाल रहे हैं। वोट बैंक की राजनीति में वे लगातार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहित करते रहते है। भारत में वर्तमान एनडीए की सरकार भारत और भारतीयता को आगे बढ़ाने में लगी है। इसलिए भारत में रहने वाले या दूसरे देश से प्रताड़ित होकर आए शरणार्थियों को भारत माता की गोद में सम्मान के साथ रहने का मौका मिलता रहेगा।


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