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लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत से गरमायी राजनीति

BJP . लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की मिली बड़ी जीत के बाद यहां की राजनीति गरमाने लगी है।

By Edited By: Published: Wed, 29 May 2019 09:21 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 12:30 PM (IST)
लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत से गरमायी राजनीति
लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत से गरमायी राजनीति

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग हिल्स जहां लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की मिली बड़ी जीत के बाद यहां की राजनीति गरमाने लगी है। भाजपा ने बंगाल से कई विधायकों और पार्षदों को पार्टी की सदस्यता देकर अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है। दार्जिलिंग में भी इसका असर बुधवार को देखने को मिला। हिल्स में ममता बनर्जी की जनाधार बाली विनय तमांग गुट का समर्थन में भी दरकने लगा है। यहां दार्जिलिंग नगरपालिका के 32 में से 18 पार्षदों ने नोमान राई के नेतृत्व में नो कॉन्फिडेंस मोशन पर हस्ताक्षर किए है।

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इसके साथ ही इन लोगों का दावा है कि अब नगर पालिका पर बिमल गुट के गोजमुमो का कब्जा होगा। विनय तमांग और टीएमसी गठबंधन को अल्पमत में ला दिया है। यहां 31 पार्षद गोजमुमो और एक टीएमसी पार्षद है। इसको लेकर वहां विवाद भी उत्पन्न हो गया। विमल गुरुंग गुट के गोजमुमो प्रवक्ता बीपी बजगैर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विनय तमांग का कहना है कि यह सभी हस्ताक्षर फर्जी है। सदन में गोजमुमो टीएमसी अपना बहुमत साबित कर लेगा। हालांकि इस गिरफ्तारी के बाद से हिल्स में विवाद गरमाने लगा है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस को सतर्क किया गया है। विमल गुट इसे सरकार के इशारे पर कराया गया साजिश बताया जा रहा है। जरा इस पूरे विवाद के पीछे के सच को जानना जरुरी है। पिछले डेढ़ वर्षो से गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग और महासचिव रोशन गिरि अपने कई साथियों के साथ हिल्स से बाहर है। सभी के खिलाफ कई आपराधिक साजिश, पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या और राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज है। विमल गुरुंग की अनुपस्थिति में विनय तमांग और अनीत थापा ने ममता सरकार से हाथ मिला लिया था। गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड के शीर्ष पर पहुंच गए थे। जबकि एक समय विमल गुरूंग के ये दोनों खास थे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत ने एक बार फिर से विमल गुरूंग ने यह साबित कर दिया कि वे रहें या नहीं रहें उनके समर्थकों का अभी भी हिल्स में राज चल रहा है।

विमल गुरुंग ने अपने चिर प्रतिद्वंदी जीएनएलएफ के साथ हाथ मिलाकर भाजपा के राजू बिष्ट को समर्थन देकर भारी मतों से हिल्स से विजयी बनाया। उसके बाद जीएलएलएफ के प्रवक्ता नीरज जिम्बा को भाजपा के टिकट पर उतारा और उसे भी जीत दिलाया। अब बिमल गुरूंग, भाजपा समेत उनके समर्थकों की नजर जीटीए पर लगी है। जीटीए बोर्ड को भंग कर चुनाव की मांग जोर पड़क रही है। देखना है कि दो वर्ष पूर्व की भांति कही पर्यटन के आगमन के समय में कही एक बार हिल्स फिर से हिंसा और आंदोलन की चपेट में नहीं आ जाए? नव निर्वाचित सांसद राजू बिष्ट और विधायक नीरज जिम्बा का कहना है कि सरकार प्रशासन के इशारे पर हिल्स का माहौल खराब करके भाजपा को बदनाम करना चाहती है।

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