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चलें इस वर्ष कुछ खास करते है दीपावली में

अशोक झा, सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी । मिनी इंडिया में दीपोत्सव खुशियों

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 06:18 PM (IST)
चलें इस वर्ष कुछ खास करते है दीपावली में
चलें इस वर्ष कुछ खास करते है दीपावली में

अशोक झा, सिलीगुड़ी :

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पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी । मिनी इंडिया में दीपोत्सव खुशियों का पैगाम लेकर आया है। घर से लेकर कार्यालयों और प्रतिष्ठानों तक साफ-सफाई शुरू हो गयी है। दीप जलाकर हम रोशनी फैलाएंगे, यह वक्त बुराइयों का त्याग कर संकल्पों के दीप जलाने का भी है। आज के दिन क्यों न हम संकल्प लें कि समाज को बेहतर बनाने के लिए अच्छाई का अनुसरण करें। अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर वातावरण को खुशनुमा बनाएं। आधुनिकता की दौड़ में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। कंप्यूटर ही नहीं मोबाइल से भी इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए सामाजिक बुराइयों को दूर भगाने के लिए भी संकल्प का एक दीप जलाना होगा। यकीन मानिए पॉलीथीन का उपयोग बंद करके, बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग कर रफ्तर को नियंत्रित रखते हुए हम कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं। स्वच्छता को हम अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे गिफ्ट करने और खुद लगाने की आदत डाल लें तो निश्चित रूप से बदलाव दिखाई पड़ने लगेगा।

पॉलीथीन का बंद करें उपयोग

स्वच्छता अभियान पूरे देश में चल रहा है। दार्जिलिंग जिला में पॉलीथीन पर पाबंदी है। स्वच्छता अभियान में पॉलीथीन इसकी राह में रोड़ा बन रहा है। इससे नाले-नालिया चोक हो रहे हैं और पॉलीथीन में रखकर भोजन फेंकने पर उसे खाकर पशु असमय काल का ग्रास बन जा रहे हैं। वातावरण को सबसे च्यादा नुकसान पॉलीथीन से हो रहा है। लोग अपनी सहूलियत के लिए पॉलीथीन का उपयोग करते है लेकिन उन्हे यह नहीं पता कि इसका वातावरण पर कितना दुष्प्रभाव डालती है। लोग पॉलीथीन का उपयोग करके उन्हे इधर उधर फेंक देते हैं। वहीं सड़कों पर लोग इन्हे जला देते हैं। इससे उठना वाला धुंआ वातावरण को प्रदूषित करता है। इस दीपावली सभी को पॉलीथीन उपयोग न करने की संकल्प लेना चाहिए।

हेलमेट का हर हाल में प्रयोग करें

सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो, जिस दिन हादसे में मौत न हो जाती हो। इसके बावजूद हम बाइक चलाते समय हेलमेट लगाने से परहेज करते हैं। एआरटीओ निरंतर अभियान चलाकर लोगों को यातायात के नियम सिखा रहे हैं, लेकिन हम हैं कि उसे नजरंदाज करते जा रहे हैं। बाइक चलाते समय हेलमेट लगाकर हम किसी दूसरे का भला नहीं करते, बल्कि अपनी सुरक्षा का प्रबंध करते हैं। आइये इस दीपावली पर हम संकल्प लें कि जब हम कहीं बाइक से निकलेंगे तो हेलमेट का प्रयोग जरूर करेंगे। अगर हमने आदत डाल ली तो अपना ही भविष्य सुरक्षित करेंगे।

रफ्तार पर लगाएं लगाम

अक्सर सड़कों पर वाहन तेज रफ्तार में चलाते समय ही हादसे होते हैं। जब तक हम सीमित रफ्तार में चलते हैं वाहन पर नियंत्रण रहता है, लेकिन तेज रफ्तार होने पर वाहन चालक की हल्की सी लापरवाही ही जानलेवा हो जाती है। युवाओं में वाहन चलाते समय लापरवाही और अति आत्मविश्वास दिखाई पड़ता है। नाबालिग बच्चों के हाथों में बाइक भी घातक साबित हो रही है। इसलिए सड़कों पर फर्राटा भरते समय खुद भी नियंत्रित रहना होगा और बच्चों को भी प्रशिक्षित करना होगा। अक्सर दुर्घटनाएं तभी होती हैं जब हम यातायात के नियमों का पालन नहीं करते। आसपास हो रही घटनाओं से सबक लेकर हमें रफ्तार पर लगाम लगानी होगी।

सड़क पर कूड़ा कचरा न फेंके

दीपावली पर घर से लेकर कार्यालय और प्रतिष्ठान तक सफाई करके हम कूड़ा-कचरा सड़कों पर फेंक देते हैं। हम खुद को स्वच्छ रखना चाहते हैं, लेकिन सड़क पर कूड़ा फेंकते समय हम यह भूल जाते हैं कि उधर से गुजरने वाले लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ेगा। इससे जहा गंदगी फैलती है वहीं संक्त्रामक रोगों को भी बढ़ावा देते हैं। दीपावली पर्व पर एक नई सोच के साथ यह शपथ लेना चाहिए कि हम अपने घर का कचरा सड़क पर नहीं डालेंगे, क्योंकि घर के साथ-साथ शहर को साफ रखना भी हमारा दायित्व है। पालिका प्रशासन की ओर से शहर के हर मुहल्ले व गली में कूड़ा दान रखवाए गए हैं। अपने घर का कचरा इन्ही कूड़ेदान में डाले जिससे शहर को गंदगी मुक्त बनाया जा सके।

रक्तदान कर बचाएं किसी की जान

अक्सर हम देखते हैं कि रक्त की कमी से किसी की जान चली जाती है। शायद इसीलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। हमारे शरीर से निकलने वाला एक यूनिट ब्लड किसी की जान बचा सकता है। लोगों में भ्रम रहता है कि खून देने से कमजोरी आती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। जितना रक्त निकलता है उतना चौबीस घटे में ही पूरा हो जाता है। चिकित्सक बताते हैं कि रक्तदान करने से हृदय रोग का खतरा भी कम हो जाता है। अगर आपका शरीर सक्षम हैं तो रक्तदान कर दूसरों की ¨जदगी बचाएं। आपके द्वारा दिए गए रक्त से किसी मजबूर इंसान की ¨जदगी बचाई जा सकती है। वहीं लोगों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें।

पौधरोपण पर सहेजें पर्यावरण

पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। जंगल हम काटते जा रहे हैं, जिसकी वजह से पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। कभी अधिक बारिश तो कभी अधिक गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। प्रकृति के बीच रहकर हम सुखमय जीवन जी सकते हैं। आसपास हरियाली रहने से मन को शाति मिलती है, लेकिन हम इससे विमुख होते जा रहे हैं। दीपावली पर हम संकल्प लेना होगा कि पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। किसी पर्व पर पौधे गिफ्ट करने की परंपरा डालें, जन्मदिन, शादी की सालगिरह पर पौधरोपण करें।


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