आठ लाख के नेपाली जाली नोट के साथ एक गिरफ्तार
-भारतीय अर्थ व्यवस्था को ध्वस्त करने की रची जा रही है साजिश, कई चौंकाने वाली आएगी सामने
-भारतीय अर्थ व्यवस्था को ध्वस्त करने की रची जा रही है साजिश, कई चौंकाने वाली आएगी सामने
-कोर्ट से आरोपित को नक्सलबाड़ी पुलिस ने लिया सात दिनों के रिमांड पर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत नेपाल सीमांत नक्सलबाड़ी में गुप्त सूचना के आधार पर 41वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल की टीम ने आठ लाख के नेपाली जाली नोट के साथ मनोज आचार्य को गिरफ्तार कर नक्सलबाड़ी पुलिस के हवाले किया। वह नक्सलबाड़ी रायपाड़ा का निवासी है। सोमवार को आरोपित को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से पुलिस ने आरोपित को 10 दिनों के पुलिस रिमांड की मांग की थी। कोर्ट ने आरोपित को सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर सौंपा है। नक्सलबाड़ी थाना प्रभारी तपन कुमार पाल ने बताया कि रिमांड पर उससे पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि वह नेपाली जाली नोट कहा से लेकर आया था। वह नोट के सहारे भारतीय बाजार में क्या करने वाला था। वह नोट बागडोगरा में किसे देने वाला था। नक्सलवाड़ी से जाली नोट बरामदगी मामले में एसएसबी टीम का नेतृत्व करने वाले 41 बटालियन के सहायक सेनानायक प्रवीण कुमार हासदा का कहना है जाली नेपाली नोट के तस्कर अपने घर से बागडोगरा किसी गिरोह को देने वाला था। उससे पहले ही एसएसबी ने दबोच लिया। एक गाड़ी भी जब्त की गई है जिसकी जाँच की जा रही है। भारत में नोटबंदी के बाद सीमा पर तैनात एसएसबी के अधिकारियों को जाली नोट पहचानने का प्रशिक्षण दिया गया। उसके बाद नेपाल सीमा पर फेक इंडियन करेंसी का धंधा लगभग बंद है। साजिश के तहत अब नेपाली जाली नोटों के माध्यम से भारतीय अर्थ व्यवस्था को ध्वस्त करने की साजिश की जा रही है। बताते है कि नेपाल सीमा से सटे बाजारों में नेपाली नागरिकों को वर्षो से बट्टा का खेल से गुजरना पड़ रहा है। हजार रुपये के नेपाली नोट के बदले छह सौ भारतीय नोट मिलते है। लेकिन हजार रूपये नेपाली नोट के मिलने वाले भारतीय नोट पर पाँच प्रतिशत बट्टा लगता है। जाली नोट के बरामदगी के बाद से सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया गया है।