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नगर निगम नहीं कर पा रही अवैध निर्माण व जर्जर भवनों की जांच

-अवैध निर्मित भवनों को तोड़ने में निगम कर रही आनाकानी -नगर निगम में विपक्ष के हमला के

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 07:59 PM (IST)
नगर निगम नहीं कर पा रही अवैध निर्माण व जर्जर भवनों की जांच
नगर निगम नहीं कर पा रही अवैध निर्माण व जर्जर भवनों की जांच

-अवैध निर्मित भवनों को तोड़ने में निगम कर रही आनाकानी

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-नगर निगम में विपक्ष के हमला के बाद भी नहीं चेत रहा बिल्डिंग विभाग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : ेसिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में एक ओर जहां विपक्ष अवैध निर्माणों पर नगर निगम बोर्ड द्वारा कार्रवाई करने के बोर्ड की कोई दिलचस्पी नहीं होने का आरोप लगा रहा है। वहीं अब नगर निगम बोर्ड तकनीशियनों की कमी व पुलिस प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से अवैध निर्माणों के प्रति कार्रवाई शुरू करने में समस्या खड़ी होने की बात कहने लगी है। यूं कहे की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। नगर निगम क्षेत्र में पिछले एक वर्षो में 30 अवैध निर्माणों का चिन्हित किया गया है, जिस पर पहले चरण में नगर निगम का हथौड़ा नहीं चल पाया है। विपक्ष का कहना है कि ऐसे भवनों की संख्या कम से कम 600 से अधिक है। इसका प्रमाण वे पिछले बोर्ड बैठक में सचित्र मेयर को दिखा कर नगर निगम के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया था। सिलीगुड़ी नगर निगम में बिल्डिंग व पीडब्ल्यूडी विभाग के एमआइसी मुंशी नुरूल इस्लाम का कहना है कि सिलीगुड़ी नगर निगम में नियम के तहत आर्केट्रिक, इंजीनियर, स्ट्रक्चर इंजीनियर, तकनीशियन व इंसपेक्टर की नितांत जरूरत है। इनके नहीं होने से किस वार्ड में अवैध निर्माण हो रहा है, इसकी जांच करने में समस्या होती है। इसके बावजूद नगर निगम के पास जो स्टॉफ हैं, उन्हीं के माध्यम से नियमित जांच कराने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि वरियता के आधार के पर 30 अवैध निर्माणों की पहचान की गई है। इन अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए नगर निगम प्रशासन तैयार है, लेकिन कानून व्यवस्था की परिस्थिति को देखते हुए पुलिस के सहयोग की जरूरत होती है। सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में इस संबंध में बात की जाती है, तो सहयोग करने की बात कही जाती है, लेकिन देखा जाता है कि जिस दिन अभियान शुरू करने को होता है, तो पुलिस प्रशासन की ओर से कोई न कोई समस्या दिखा कर मौके पर आने में अस्मर्थता जता दी जाती है, जिससे अभियान शुरू नहीं हो पाता है। नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार ने कहा कि पिछली कांग्रेस परिचालीत नगर निगम बोर्ड को 600अवैध निर्माणों की सूची प्रदान की गई थी। जबकि देखा जा रहा है कि इस बोर्ड द्वारा इसे घटाकर कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माणों की बात तो पहले निगम की ओर से मानी ही नहीं जा रही थी अब कम से कम वामपंथी बोर्ड इस बात को मानने तो लगी है। जब तक अवैध भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा तबतक विपक्ष इसको लेकर आंदोलन करते रहेगा।


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