नेताजी के परिजनों ने की फिल्म 'गुमनामी' के निर्देशक की आलोचना
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने बांग्ला फिल्म गुमनामी के निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी की आलोचना की है।सेंसर बोर्ड की मंजूरी पाने के लिए फिल्म का नाम बदलने का आरोप।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने बांग्ला फिल्म 'गुमनामी' के निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी की आलोचना की है। नेताजी के भतीजी चित्रा घोष, भतीजे द्वारका बोस व परिवार के अन्य 30 सदस्यों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि सेंसर बोर्ड की मंजूरी पाने के लिए फिल्म का नाम 'गुमनामी बाबा' से बदलकर 'गुमनामी' किया गया है।
पिछले साल फिल्म की घोषणा के समय से श्रीजीत कहते आ रहे थे कि यह फिल्म चंद्रचूड़ घोष और अनुज धर की पुस्तक 'कोननड्रम' पर आधारित है लेकिन बाद में सेंसर बोर्ड की मंजूरी पाने के लिए श्रीजीत ने सुर बदलते हुए कहा कि यह फिल्म जस्टिस मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है। उन्होंने फिल्म का नाम भी बदल दिया है। दूसरी तरफ श्रीजीत ने इसे पूरी तरह गलत बताया है।
उन्होंने कहा कि फिल्म का नाम पहले दिन से ही 'गुमनामी' था। फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले ही तय हो गया था कि इसकी पटकथा मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट पर आयोजित होगी। बोस परिवार को लगता है कि कोई रातोंरात फिल्म की पटकथा बदलकर उसकी शूटिंग कर सकता है।
गौरतलब है कि नेताजी के गायब होने को लेकर दिखाई गई विभिन्न धारणाओं के कारण यह फिल्म प्रदर्शित होने से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। श्रीजीत ने फिल्म के ट्रेलर की गत रविवार को ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश पार्टी मुख्यालय में स्क्रीनिंग की थी। गौरतलब है कि फारवर्ड ब्लाक की स्थापना नेताजी ने ही की थी। नेताजी के परिजनों ने ट्रेलर की स्क्रीनिंग को लेकर फारवर्ड ब्लाक नेताओं की भी आलोचना की है। गौरतलब है कि यह फिल्म 2 अक्टूबर को प्रदर्शित होगी। नेताजी के परिजन फिल्म के प्रदर्शन पर रोक चाहते हैं।