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सर्दी-बुखार होते ही डर रहे हैं लोग,फीवर क्लिनिक में बढ़ी मरीजों की संख्या

- बारिश के मौसम में वायरल फीवर आम समस्या -बुखार होना मतलब कोरोना नहीं - सावधानी बरत कर

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 07:17 PM (IST)
सर्दी-बुखार होते ही डर रहे हैं लोग,फीवर क्लिनिक में बढ़ी मरीजों की संख्या
सर्दी-बुखार होते ही डर रहे हैं लोग,फीवर क्लिनिक में बढ़ी मरीजों की संख्या

- बारिश के मौसम में वायरल फीवर आम समस्या

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-बुखार होना मतलब कोरोना नहीं

- सावधानी बरत कर रह सकते हैं निरोग

- स्वच्छता पर दें विशेष ध्यान घबराएं नहीं

-एनबीएमसीएच और सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में बुखार की समस्या लेकर हर दिन 100 से 300 मरीज आते हैं

-धूप से आने के बाद एसी में बैठने और आइसक्रीम खाने से भी करें परहेज

-मच्छरों के प्रकोप से खुद बचें तथा बच्चों को भी बचाएं,मच्छरदानी का करें उपयोग

शिवानंद पांडेय, सिलीगुड़ी: कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में थोड़ी सी भी सर्दी,खांसी तथा बुखार की समस्या हो जाए तो लोग भयभीत हो जाते हैं। सबको इसी बात की चिंता सताती है कि कहीं कोरोना की बीमारी तो नहीं हो गई। मन में तरह-तरह के ख्याल आने लगते हैं। जबकि स्वास्थ विभाग के अनुसार हर,सर्दी,जुकाम व बुखार कोरोना नहीं है। वास्तविकता यह है कि कि बारिश के मौसम में हर साल इस तरह की बीमारिया आम बात हो जाती हैं। इसे आम तौर पर वायरल फीवर कहते हैं। इस तरह की बीमारी से बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक पीड़ित होते हैं। ऐसी समस्या होने पर मरीज भयभीत न हों, बल्कि चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार दवा लें तथा सावधानी बरतें।

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सिलीगुड़ी जिला अस्पताल तथा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में फीवर क्लीनिक भी खोला गया है। पहले यहां मरीज कम आते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में बुखार और सर्दी-खांसी की समस्या को लेकर 75 से 100 मरीज आते हैं। वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हर दिन एक 100 से 150 मरीज बुखार की समस्या लेकर फीवर क्लीनिक में दिखाने आ रहे हैं। इस तरह से कहें तो औसतन दो सौ से ढ़ाई सौ मरीज फीवर क्लिनिक में आ रहे हैं। मेडिकल अस्पताल सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार हर साल की अपेक्षा इस बार वायरल फीवर की भी समस्या अपेक्षाकृत कम देखने को मिल रही है। बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में लोग यहा साफ-सफाई विशेष ध्यान देने लगे हैं,वहीं बाहर निकलने से पहले मास्क का उपयोग कर रहे हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर दिख रहा है। इसके बाद भी अगर किसी को बुखार,सर्दी की समस्या हो तो घबराना नहीं चाहिए,बल्कि कुछ सावधानिया बरतनी चाहिए।

बारिश में कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल एनबीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कल्याण खान का कहना है कि बारिश के मौसम में थोड़ी सी सावधानिया बरतकर वायरल फीवर की समस्या से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसलिए दिन में हो या रात में,सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। घर में अगर बच्चे हैं तो उनके शरीर का सभी अंग ढका होना चाहिए, ताकि मच्छर ना काट पाए। नाक में सरसों का तेल डालते रहना चाहिए। दिन में घरों की खिड़की खोलकर रखना चाहिए, ताकि उसमें स्वच्छ हवा तथा धूप आ सके। घर की सफाई करते समय बच्चों को दूर रखें। जिससे कि धूल का कण उनके नाक में न जा पाए। बारिश में भीगने की स्थिति में घर पहुंचने पर अपने शरीर के सभी अंगों को पूरी तरह से तौलिए से सुखा लेना चाहिए। ताकि सर्दी ना लग सके। धूप से घर जाने के बाद एसी तथा कूलर कि हवा में तुरंत बैठने से परहेज करना चाहिए। धूप से जाने के बाद रेफ्रिजरेटर का पानी तथा आइसक्रीम खाने से बचना चाहिए। इस मौसम में दिन भर में कम से कम ढाई लीटर गुनगुने पानी का सेवन किया जाना चाहिए।

इम्यूनिटी पावर बढ़ाए रखने पर जोर

इम्यूनिटी पावर बढ़ाए रखने के लिए हरे साग सब्जी तथा फल का सेवन करना चाहिए। रात में कम से कम 7 घटे की नींद पूरी होनी चाहिए। बुखार और सर्दी जुकाम होने की स्थिति में घबराना नहीं चाहिए। लगातार बुखार रहने की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। फीवर क्लीनिक में आने वाले हर मरीजों की कोरोना वायरस जाच नहीं कराई जाती है। जिन मरीजों में उस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं,उनकी ही कोरोना वायरस की जाच कराई जाती है। साधारण सर्दी और बुखार की समस्या पर घबराना नहीं चाहिए।

-डॉ कौशिक समद्दार,अस्पताल अधीक्षक,एनबीएमसीएच


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