एनबीएमसीएच के अस्थाई कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर
-तनख्वाह बढ़ाने की मांग में जमकर विरोध प्रदर्शन -मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवा प्रभावित -आंदोलन
-तनख्वाह बढ़ाने की मांग में जमकर विरोध प्रदर्शन
-मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवा प्रभावित
-आंदोलनकारियों को जारी होगा कारण बताओ नोटिस
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : मेडिकल कॉलेज के अस्थायी कर्मचारी फिर से बेमियादी हड़ताल पर हैं। मंगलवार सुबह से ही अस्थाई कर्मचारी प्लेकार्ड व नारेबाजी के साथ आंदोलन शुरु कर चुके हैं। इनके आंदोलन की वजह से मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवा काफी हद तक प्रभावित हुई। रोगियों को घंटों इलाज के लिए लाइन में इंतजार करना पड़ा। यहां बता दें कि मासिक वेतनमान को लेकर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अस्थाई कर्मचारियों की लड़ाई पुरानी है। कई बार आंदोलन के बाद भी इनकी मांगे अभी भी प्लेकार्ड पर ही है। मंगलवार सुबह से ही मेडिकल कॉलेज के सैंकड़ो अस्थाई कर्मचारी प्लेकार्ड व बैनर आदि लेकर वेतन की मांग पर आंदोलन पर उतरे। किसी भी प्रकार की अशांति ना हो इसके लिए मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी की ओर से भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। आंदोलनकारी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज वर्कर्स यूनियन के सचिव प्रशांत सेनगुप्ता ने बताया कि अस्थाई कर्मचारियों को सिर्फ साफ-सफाई के लिए नियुक्त किया गया है। जबकि अस्थाई कर्मचारियों से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में मेन ओटी, ओपीडी सर्कल, आपातकाल विभाग के अलावा भी विभिन्न कार्य भी लिया जाता है। जबकि मासिक वेतन मात्र सात हजार रुपए है। पिछले कई वर्षो से हम मसौदे के मुताबिक कार्य लेने व वेतनमान बढ़ाने की मांग करते आ रहे है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए हम लोगों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरु किया है। अस्थाई कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की चिकित्सा परिसेवा काफी हद तक बाधित होने की संभावना जताई जा रही है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. कौशिक समाजदार ने बताया कि अस्थाई कर्मचारियों के काम नहीं करने के बाद बावजूद हमने मरीजों को चिकित्सा परिसेवा दी है। आंदोलन लंबा चला तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। किसी भी कीमत पर चिकित्सा सेवा पर प्रभाव नहीं पड़ने देंगे। मंगलवार को आंदोलन में शामिल होने की वजह से काम नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि इन अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति एजेंसी के मार्फत की गई है। वेतन संबंधी किसी भी समस्या के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है। इसके लिए एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।