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अब नांटू पाल की होगी 'घर वापसी'?

-तृणमूल के बड़े नेताओं से चल रही है बातचीत - टीवी पर देख रहे थे ममता का भाषणतस्वीर वाय

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 07:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 07:26 PM (IST)
अब नांटू पाल की होगी 'घर वापसी'?
अब नांटू पाल की होगी 'घर वापसी'?

-तृणमूल के बड़े नेताओं से चल रही है बातचीत

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- टीवी पर देख रहे थे ममता का भाषण,तस्वीर वायरल -विधानसभा चुनाव से पहले थाम लिया था भाजपा का दामन

-ओम प्रकाश मिश्रा को टिकट देने से थे नाराज

इरफान-ए-आजम, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 के दौरान तृणमूल कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा का दामन थामने वाले नेता नांटू पाल की क्या घर वापसी होगी? वह क्या फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे? इन दिनों शहर में इस बात की काफी चर्चा है। इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बारे में जब नांटू पाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'ऐसी कोई बात नहीं है। अभी फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं सोचा है। अभी मैं भाजपा में ही हूं'। ऐसे नांटू पाल इस मामले में चाहें जो कहें,लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घर वापसी के लिए वह तृणमूल के कुछ नेता के साथ संपर्क में हैं। पिछले दिनों उनकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। उसमें वह टीवी पर ममता बनर्जी को भाषण देखते दिख रहे थे। तब कुछ पत्रकारों ने जब उनसे पूछा था तो उन्होंने कहा था कि वह भले ही भाजपा में हैं लेकिन ममता बनर्जी के प्रति उनके दिल में सम्मान पहले की तरह ही है। उसके बाद ही उनके तृणमूल में वापसी की अटकलें तेज हो गई है।

उल्लेखनीय है कि गत अप्रैल-मई महीने में जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हो रहा था और राज्य भर में जगह-जगह तृणमूल कांग्रेस के नेता, मंत्री विधायक व सांसद आदि तृणमूल कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा का दामन थाम रहे थे तब सिलीगुड़ी के नांटू पाल ने भी बहती गंगा में हाथ धो लिया था। उन्होंने मुखर हो कर इस बात का विरोध किया था कि तृणमूल कांग्रेस ने सिलीगुड़ी विधानसभा सीट के लिए सिलीगुड़ी के दलीय नेताओं को टिकट नहीं देकर कोलकाता के डॉ. ओम प्रकाश मिश्रा को टिकट दिया। इतना ही नहीं, इसके खिलाफ उन्होंने दल से बगावत भी छेड़ दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पर्चा भी दाखिल कर डाला। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा से उन्हें समर्थन मिल जाएगा। पर, उसी दौरान सीन में डॉ. शंकर घोष की एंट्री हो गई। माकपा के युवा नेता शंकर घोष ने माकपा छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। इसके इनाम के रूप में भाजपा ने उन्हें उनके राजनीतिक गुरु रहे अशोक भट्टाचार्य के खिलाफ सिलीगुड़ी विधानसभा सीट पर टिकट दे दिया। तब, नांटू पाल की रही-सही उम्मीद पर भी पानी फिर गया। इसके बावजूद उन्होंने भाजपा का झंडा दामन थाम लिया और अपना नामांकन भी वापस ले लिया। तृणमूल में रहते थी बड़ी जिम्मेदारी

मगर, ट्विस्ट तब आया जब विधानसभा चुनाव में सिलीगुड़ी व उत्तर बंगाल में जीत वाला प्रदर्शन कर भी भाजपा राज्य में हार गई और सत्ता न पा सकी। ऐसे में नांटू पाल की उम्मीदों को दोहरा धक्का लगा। क्योंकि, तृणमूल कांग्रेस छोड़ने से पहले वह न सिर्फ दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व सिलीगुड़ी टाउन कमेटी के अध्यक्ष रहे थे बल्कि सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के वाइस चेयरमैन भी रहे थे। उससे भी पूर्व उन्हें व उनकी पत्नी मंजूश्री पाल दोनों को तृणमूल कांग्रेस ने सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव-2015 में टिकट दिया था और दोनों जीत कर वार्ड पार्षद भी रहे थे। ममता भी गई थी घर

सबसे अहम यह कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी उन्हें स्नेह प्राप्त था। वह नांटू पाल की बेटी की शादी के सिलसिले में उनके घर भी गई थीं। इन सबके बावजूद नांटू पाल तृणमूल कांग्रेस में बने नहीं रह सके। इन सबसे पहले वह माकपा और कांग्रेस में भी रहे थे। अपनी लगभग चार दशक की राजनीति में वह हमेशा सत्तारूढ़ दल के ही साथ रहे हैं। पर, इस बार मामला उलटा पड़ गया। क्या कहना है नांटू पाल और रंजन सरकार का

अब इधर, बदले-बदले राजनीतिक परिदृश्य में अब फिर उनकी घर वापसी की सुगबुगाहट होने लगी है। पर, उनका कहना है कि 'अभी फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं सोचा है। अभी मैं भाजपा में ही हूं'। इस बारे में दार्जिलिंग जिला (समतल) तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष रंजन सरकार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 'मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता'। तो, अगर नांटू पाल वापस आना चाहें तो क्या तृणमूल कांग्रेस उनकी घर वापसी का स्वागत करेगी? इस पर रंजन सरकार कहते हैं कि 'वह कोई विषय ही नहीं है। उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता'।


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