पूरे उत्तर बंगाल की उपेक्षा कर रही हैं सीएम-अशोक भट्टाचार्य
-पहाड़ और सिलीगुड़ी में विकास का काम प्रभावित -आर्थिक आवंटन में भारी भेदभाव से बढ़
-पहाड़ और सिलीगुड़ी में विकास का काम प्रभावित
-आर्थिक आवंटन में भारी भेदभाव से बढ़ी परेशानी
-डंपिंग ग्राउंड हटाने की योजना को भी लगा ग्रहण जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : चुनाव के पहले सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह माकपा विधायक अशोक भंट्टाचार्य ने पूरे उत्तर बंगाल को राज्य सरकार द्वारा उपेक्षित बताया है। राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के साथ पहाड़ पर भी कचरा प्रबंधन योजना के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराने की मांग की है। इसके अतिरिक्त चुनावी घोषणा छोड़कर लाभार्थियों को शीघ्र जमीन का पंट्टा प्रदान करने की मांग की है। इन मांगो को लेकर मेयर ने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम को एक पत्र भी लिखा है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मेयर अशोक भंट्टाचार्य ने कहा कि ग्रीन बेंच ने पूरे देश में डम्पिंग ग्राउंड समाप्त करने का निर्देश दिया है। बल्कि डम्पिंग ग्राउंड को रिसाइक्लिंग प्वाइंट में बदलने को कहा है। जहां बायो साइक्लिंग योजना के जरिए कचरा को रिसाइक्लिंग किया जाना है। इसके लिए केंद्रीय आमरुत योजना में शामिल शहरों को फंड भी जारी हुआ है। लेकिन राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल व पहाड़ को इस योजना में शामिल नहीं कराया और न ही अलग से आर्थिक सहायता दी है। कचरा प्रबंध के लिए आवंटित छह हजार करोड़ में से सिलीगुड़ी को मात्र 62 लाख रुपया प्राप्त हुआ है। डम्पिंग ग्राउंड भी सिलीगुड़ी शहर के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। वहीं अलीपुरद्वार में कचरा प्रबंध के लिए जमीन का अकाल पड़ा है। पहाड़ का कचरा वर्षा में नदियों में मिलकर जल को प्रदूषित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के पहले राज्य सरकार ने अधिकारियों को भेज कर सरकारी जमीन पर बसे लोगों को पंट्टा देने का लोभ दिखाकर जमीन की माप-जोख शुरू कर दी है। लेकिन शुल्क आदि तक जमा कर वर्षो से कतार में खड़े सिलीगुड़ी के करीब छह सौ लोगों को पंट्टा प्रदान कराए जाने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है। पंट्टा नहीं मिलने की वजह से सिलीगुड़ी के कई बाजार के व्यापारियों को आगजनी आदि की घटनाओं में मुआवजा नहीं मिलता है। बैंक कर्ज देने को तैयार नहीं है। बल्कि पंट्टा के अभाव में नागरिकों को हाउसिंग फॉर ऑल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं सिलीगुड़ी नगर निगम ने 126 परिवार को जमीन का मालिकाना हक मुहैया करा हाउसिंग फॉर ऑल योजना के तहत पक्का मकान बनवाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल को विकसित करने की राज्य सरकार की कोई मंशा नहीं है। इसलिए इस इलाके के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मेयर अशोक भंट्टाचार्य ने आगे कहा कि जल्द ही सिलीगुड़ी शहर खुले में शौच मुक्त शहर की सूची में शामिल होगा।