Siliguri Municipal Corporation Election 2020: अभी से ही बिछने लगी है दो भाइयों के बीच जंग की बिसात
Siliguri Municipal Corporation Election 2020. इस साल अप्रैल के अंत में या मई के पहले सप्ताह सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव होने की संभावना है।
विपिन राय, सिलीगुड़ी। Siliguri Municipal Corporation Election 2020. सिलीगुड़ी नगर निगम के अधीन सभी 47 वार्डों की आरक्षण सूची जारी होते ही चुनावी हलचल शुरू हो गई है। हालांकि अभी चुनाव तिथि की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन तमाम राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव लड़ने की जुगत लगा रहे उम्मीदवार अभी से ही तैयारी शुरू कर चुके हैं। इस साल अप्रैल के अंत में या मई के पहले सप्ताह सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव होने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के आम लोगों में भी उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा चलने लगी है। इसी चर्चा में सबसे अहम है सिलीगुड़ी नगर निगम का एक नंबर वार्ड।
एक नंबर वार्ड में इस बार तृणमूल काग्रेस के साथ-साथ भाजपा और वाम मोर्चा उम्मीदवार मैदान में होंगे। ऐसे कांग्रेस भी चुनाव लड़ सकती है। हालांकि वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच गठबंधन करीब-करीब तय है। यदि वाम मोर्चा एवं काग्रेस के बीच गठबंधन हुआ तो इस सीट से वाममोर्चा के घटक दलों में से एक आरएसपी उम्मीदवार के लड़ने की संभावना है। वार्ड नंबर एक और तीन वाम मोर्चा ने आरएसपी को दे रखा है। ऐसे यह वार्ड भले ही पिछड़ा हो परंतु इस सीट को हाई प्रोफाइल माना जाता है। यही कारण है कि एक नंबर वार्ड में पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। जो समीकरण बन रहे हैं उसके अनुसार दो भाइयों की बीच जंग तय है। अभी से ही इसकी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। इन दोनों भाइयों की उसी इलाके के रहने वाले वाम मोर्चा के संभावित उम्मीदवार से टक्कर होने की संभावना है। इस बार नगर निगम चुनाव में सभी सीटों परकड़ी लड़ाई है। वार्ड नंबर एक में भी यही स्थिति है।
जानकारी के अनुसार इस बार यहां तृणमूल काग्रेस की ओर से संजय पाठक तो भाजपा की ओर से कन्हैया पाठक एवं वाम मोर्चा की ओर से विश्वजीत राय और चुन्नू के लड़ने की चर्चा जोरों पर है। तीनों अभी से ही टिकट पाने की जुगाड़ करने में लगे हुए हैं। तृणमूल काग्रेस के संजय पाठक और भाजपा के कन्हैया पाठक आपस में भाई हैं। संजय पाठक इससे पहले दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। 2010 के चुनाव में उन्हें जीत भी हासिल हुई थी। तब वह कांग्रेस के उम्मीदवार थे। बाद में वह तृणमूल काग्रेस एवं काग्रेस के साझा बोर्ड में मेयर पार्षद सदस्य भी रहे। उनके छोटे भाई कन्हैया पाठक ने अभी तक चुनाव नहीं लड़ा है। कन्हैया भाजपा जिला कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। जबकि संजय पाठक तृणमूल टाउन कमेटी के अध्यक्ष हैं।
भाजपा सूत्रों की माने तो कन्हैया पाठक को भाजपा से टिकट मिलना तय है। इसी तरह से संजय पाठक भी अपना टिकट कंफर्म मानकर चल रहे हैं। जबकि चुन्नू राय वाम मोर्चा के आरएसपी उम्मीदवार सकते हैं। वर्ष 2015 में महिला वार्ड होने के कारण संजय पाठक दोबारा यहा से चुनाव नहीं लड़ सके थे। तब उन्होंने पड़ोसी वार्ड नंबर तीन को चुना था। हालाकि उन्हें वाम मोर्चा के आरएसपी उम्मीदवार तथा वर्तमान में सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वार्ड नंबर एक सामान्य श्रेणी में है। इसी कारण तृणमूल काग्रेस की ओर से संजय पाठक एवं भाजपा की ओर से कन्हैया पाठक ताल ठोके हुए हैं। जबकि वाम मोर्चा की ओर से विश्वजीत राय उर्फ चुन्नू भी लगे हुए हैं। तीनों ने अभी से ही इसकी तैयारी शुरू भी कर दी है।
सिलीगुड़ी नगर निगम का एक नंबर वार्ड सबसे बड़े वाडरें में से एक है। इसका इलाका काफी बड़ा है। सिलीगुड़ी जंक्शन के अलावा कुलीपाड़ा, धर्मनगर, डीजल कॉलोनी, अंबेडकर कॉलोनी, बीआरआई कॉलोनी आदि के साथ साथ अन्य कई रेलवे कॉलोनी इसी वार्ड के अधीन हैं। आमतौर पर इस वार्ड को पिछड़ा माना जाता है। पिछले नगर निगम चुनाव में महिला वार्ड होने के कारण यहा से भाजपा की ओर से मालती राय चुनाव लड़ी थी और जीत भी गई थी। भाजपा सूत्रों के अनुसार वह इस बार भी चुनाव लड़ना चाहती हैं। वह अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। जबकि कन्हैया पाठक की नजरें भी इसी सीट पर टिकी हुई है। भाजपा सूत्रों ने बताया है कि मालती राय को किसी दूसरे महिला वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा और एक नंबर वार्ड से कन्हैया पाठक पर दाव लगाया जा सकता है।
भाजपा इस बार किसी भी कीमत पर सिलीगुड़ी नगर निगम पर कब्जा करना चाहती है। वह चुनाव जीतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। एक-एक सीट को लेकर गुणा- भाग चल रहा है। इस बारे में कन्हैया पाठक से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस बार नगर निगम चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कायरें से सभी खुश हैं। अपने चुनाव लड़ने के संबंध में उन्होंने कहा कि अभी कुछ तय नहीं है। यदि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो वह जरूर लड़ेंगे। दूसरी ओर संजय पाठक ने साफ-साफ कह दिया है कि वह एक नंबर वार्ड से ही चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे उनके 46 नंबर वार्ड से भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। लेकिन 46 नंबर वार्ड आरक्षण सूची में आ गया है। 40 नंबर वार्ड अनुसूचित जाति उम्मीदवार के लिए आरक्षित है।
इसलिए यह साफ है कि संजय पाठक 46 नंबर वार्ड से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनसे जब इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पहले वह एक नंबर वार्ड से ही जीते थे। यह उनका इलाका है। इस बार भी वह एक नंबर वार्ड से ही चुनाव लड़ेंगे। किसी दूसरे वार्ड में जाने का कोई सवाल ही नहीं है। एक नंबर वार्ड से जिन तीन प्रमुख उम्मीदवारों के नाम की चर्चा चल रही है उसमें संजय पाठक तथा कन्हैया पाठक के अलावा विश्वजीत राय और चुन्नू का भी नाम शामिल है। मजे की बात यह है कि तीनों ही उम्मीदवार राजेंद्र नगर कुलीपाड़ा इलाके के ही रहने वाले हैं और आपस में अच्छे दोस्त भी हैं। वार्ड के लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस बार के चुनाव में मुख्य रूप से इन्हीं तीनों के बीच मुकाबला होगा। चुन्नू वाम मोर्चा के घटक दल आरएसपी के उम्मीदवार हो सकते हैं।
जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अभी टिकट पर कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी प्रारंभिक बातचीत हुई है। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता यदि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। 2015 के नगर निगम चुनाव में इस सीट से भाजपा की मालती राय जीती थीं। जबकि तृणमूल की लालपरी महतो दूसरे स्थान पर रही थीं। आरएसपी की रिंकू महतो को तीसरा स्थान मिला था। जबकि 556 वोट लेकर काग्रेस की रिंकू बासफोर अंतिम स्थान पर रही थी। तीन पार्टियों में तीन भाई वार्ड नंबर 1 में पाठक परिवार एक अनोखा राजनीतिक परिवार है। कन्हैया पाठक एवं संजय पाठक के बड़े भाई राजीव पाठक भी एक राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। वह भी काग्रेस के बड़े नेता हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि राजीव पाठक को भी इस बार काग्रेस की टिकट पर अपना भाग्य आजमा लेना चाहिए। राजीव पाठक और संजय पाठक आपस में सगे भाई हैं। कन्हैया पाठक इनका चचेरा भाई है। राजीव सबसे बड़े हैं तो कन्हैया पाठक सबसे छोटे।
2015 का चुनाव परिणाम
1. मालती राय-भाजपा-2730 वोट
2.लालपरी महतो-तृणमूल-2079 वोट
3.रिंकु महतो-वामो-1927 वोट
4.रिंकु बासफोर-कांग्रेस-556 वोट