पहाड़ में हिंसा की गुनहगार ममता: मुकुल
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता मुकुल रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया।
सिलीगुड़ी, [जागरण संवाददाता]। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता मुकुल रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि गोरखालैंड आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री दोषी हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिलीगुड़ी के बाघाजतिन पार्क में आयोजित जनजागरण यात्र की सभा में बोल रहे थे। रॉय ने कहा कि वामपंथी सरकार ने अलग गोरखालैंड राज्य के आंदोलन को दागोपाप (दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद) का तोहफा देकर शांति कायम की थी। वहीं वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विमल गुरुंग से मिलकर अलग राज्य के आंदोलन को पहले हवा दी। फिर जीटीए (गोरखालैंड टेरिटोरिअल एडमिनिस्ट्रेशन) का गठन कर राजनीतिक खेल किया। कथित मुठभेड़ के नाम पर एक बंगाली पुलिस अधिकारी की बलि चढ़ा दी गई। इस मामले की सीबीआई जांच सरकार को करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हिल्स में जातीय कार्ड खेला। विमल गुरुंग को रास्ते से हटाने के लिए विनय तामांग को पर्वतीय क्षेत्र की सत्ता सौंपकर मुख्यमंत्री ने आगे बढ़ाया। गुरुंग की तलाश में जुटी पुलिस मदन तामांग हत्यारोपी विनय तामांग को की सुरक्षा में लगी है। इसका जवाब तृकां सरकार को जनता को देना होगा। करोड़ों खर्च कर उत्तर कन्या यानि मिनी सचिवालय का निर्माण कराया। आज हालत यह है कि यहां सिर्फ एक विभाग का दफ्तर है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 81 लाख युवाओं को नौकरी देने का दावा करती हैं, लेकिन सच्चाई इससे परे है। सिविक वॉलेंटियर से लेकर कृषि, उद्योग की बदहाली का भी जिक्र किया। दार्जिलिंग जिला के टीएमसी प्रभारी अरुप विश्वास व राज्य के मंत्रियों की तस्वीर भी पेश की। जनसभा को प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अली हुसैन आदि ने संबोधित किया।