ड्रग्स गिरोह के चंगुल से सकुशल लौटा लापता टेबल टेनिस खिलाड़ी, मां के चेहरे पर खिली मुस्कान
शहर के वार्ड 29 दादाभाई स्पोर्टिंग क्लब के पास से रहस्यमयी तरीके से लापता हुए टेबल टेनिस खिलाड़ी 22 वर्षीय सुजीत चटर्जी आखिरकार शुक्रवार की रात अपने घर लौट आए हैं।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: शहर के वार्ड 29 दादाभाई स्पोर्टिंग क्लब के पास से रहस्यमयी तरीके से लापता हुए टेबल टेनिस खिलाड़ी 22 वर्षीय सुजीत चटर्जी आखिरकार शुक्रवार की रात अपने घर लौट आए हैं। आने के बाद शनिवार को पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दर्ज कराया। वह काफी चौकाने वाला था। बताया कि वह ड्रग्स गिरोह के जंजाल में फंस गया था। वे सभी पैसे के लिए उन्हें साथ ले गए थे। बयान दर्ज कराने के बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई का निर्देश दिया है। पुलिस अब उसे ओर उसकी माँ को पकड़े गये आरोपियों का टीआई परेड़ कराकर उसे सजा दिलाने की कार्रवाई करेगी।
बुरी तरह से फंस गया था ड्रग्स गिरोह के चंगुल में
पिछले चार दिनों से लापता सुजीत ने मां के साथ दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि लॉक डाउन में वह ड्रग्स धंधेबाजों से संपर्क में आ कर ड्रग्स लेने लगा था। घर के कई सामान बेचकर ड्रग्स लेकर मस्त रहता था। अचानक पिछले कुछ दिनों से इससे होने वाली तकलीफ और परेशानियों से ड्रग्स को हाथ नहीं लगाने का संकल्प लिया। ड्रग्स लेना छोड़ दिया। आर्थिक तंगी के कारण मां के पास एक कीमती पत्थर को इस गिरोह के पास गिरवी रखकर 7 हजार का कर्ज लिया। जब मेरे ड्रग्स लेने के लिए मुझपर दबाव दिया जाने लगा तो सात हजार के बदले पहले 40, फिर 50 और अंतिम 70 हजार रुपये की मांग की जाने लगी। उसी पैसा को नहीं चुकाने के चक्कर में मुझे घर से ले गया था।
कौन-कौन हैं ड्रग्स गिरोह में
सुजीत ने बताया है कि इस गिरोह में करन मुख्य सप्लायर है। उसके साथ विशाल गुजर व छोटका आदि बागराकोर्ट निवासी है। जिससे वह संपर्क में आया। इसका पूरे शहर में बड़ा नेटवर्क है। जिसके बल पर यह धंधा करता है। ड्रग्स स्कूटी के अंदर छुपाकर रखी गई। मोबाइल से धंधे का संचालन होता है।
14 किलोमीटर पैदल चलकर बचाई थी अपनी जान
टेनिस खिलाड़ी सुजीत ने बताया कि वह मंगलवार शाम जब ड्रग्स पैडलर गिरोह उससे पैसा की मांग किया तो नही जाने देने की बात कहने पर उसके साथ गाली गलौज किया। दोबारा उसे अपने साथ ले गया। जब कहा गया कि अगर पैसा नही दिया तो उसके लिए धंधा करना होगा। उसके साथ मारपीट भी की गयी। जब हमने बताया कि पैसा आलमारी में होगा। उसे लेने ही मा के सामने ही वे लोग घर चले गए थे। मां के साथ भला बुरा भी कहा था। हम इन लोगो से पैसा लेकर देते है बोलकर वहां से निकला। पाँव पैदल ही अपनी जान बचाने के लिए शिव मंदिर अपनी पिसी के घर रात 2 बजे पहुँच गया। वही तीन दिनों तक छुपकर रहा। मां की चिंता सताने पर घर लौट आया।
अभी खुश लेकिन मामला उठाने का आ रहा दबाव
घर लौटे सुजीत की माँ सुजाता का कहना है कि वे काफी खुश है कि बेटा वापस आ गया। मुझे मामला उठा लेने का दबाव आ रहा है। पुलिस से कह दिया है कि वे मामले में जहां भी जरूरत पड़ेगी सहयोग के लिए तैयार हैं। अब बेटा भी ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को तैयार हैं। डिस्ट्रिक लीगल एंड फोरम के सचिव अमित सरकार का कहना है कि वे परिवार के पास है। जो भी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी वह लड़ी जाएगी। इस प्रकार के गिरोह को सजा दिलवाकर ही दम लेंगे। सिलीगुड़ी थाना के आईसी सुदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस कार्रवाई कर रही है। इससे जुड़े किसी आदमी को नहीं छोड़ा जाएगा।