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चाय बागानों में शिशु मृत्यु दर ज्यादा, मंत्री ने जताई चिंता

राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने माटीगाड़ा प्रखंड अंतर्गत विभिन्न चाय बागानों में उच्च शिशु मृत्यु दर पर चिंता जताई है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:42 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:42 AM (IST)
चाय बागानों में शिशु मृत्यु दर ज्यादा, मंत्री ने जताई चिंता
चाय बागानों में शिशु मृत्यु दर ज्यादा, मंत्री ने जताई चिंता
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने माटीगाड़ा प्रखंड अंतर्गत विभिन्न चाय बागानों में उच्च शिशु मृत्यु दर पर चिंता जताई है। उन्होंने बुधवार को माटीगाड़ा प्रखंड की प्रशासनिक बैठक बीडीओ कार्यालय की। इसमें मंत्री देव के अलावा सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार, दार्जिलिंग की डीएम जोयशी दास गुप्ता, सिलीगुड़ी महकमा शासक शिराज दानेश्यर समेत अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
    बैठक के बाद संवाददाताओं से मंत्री देव ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना को सुनिश्चित करने के मामले में सिलीगुड़ी महकमा के चारों प्रखंडों में माटीगाड़ा प्रखंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन प्रखंड में शिशु मृत्यु दर की अधिकता चिंता की बात है। चाय बागानों में अन्य प्रखंडों की तुलना में यह दर थोड़ी अधिक है। उन्होंने बताया कि प्रखंड के विभिन्न चाय बागानों में आठ सौ ज्यादा गर्भवती महिलाएं हैं।
    देव ने कहा कि प्रशासन से उन पर उचित निगरानी रखने के लिए कहा है, ताकि किसी भी बच्चे और मां की मौत एनीमिया से न हो। हमारा लक्ष्य शिशु और मातृ मृत्यु दर को शून्य पर लाना है। देव ने कहा कि प्रखंड में राशन प्रणाली को मजबूत करने के विषय में भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हमें शिकायत मिली है कि डिजिटल राशन कार्ड वाले कई लोगों को मिट्टी का तेल नहीं मिल रहा है।
    प्रशासन 17 से 19 फरवरी के बीच सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के मामले में खाद्य आपूर्ति से संबंधित एक बैठक करेगा। सरकार राशन वितरण प्रणाली को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि खाद्य साथी योजना के तहत लाभार्थियों के लिए प्रति माह दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल उपलब्ध कराई जा रही है। 
मंत्री देव ने एक बार फिर से कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
    उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के मंत्रियों से भी अनुरोध किया गया है कि भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ शिकायतों को दर्ज करें। कुछ मामलों में शिकायतें दर्ज भी की गई हैं। दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पुलिस को भी अतिक्रमण के खिलाफ आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है।  

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