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काम करना होगा, कोताही बर्दाश्त नहीं : ममता

मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी ने कड़े शब्दों में कहा कि पैसे आसमान से नहीं गिरते। एक-एक पैसे का हिसाब देना पड़ता है। पहले जो पैसे मिले हैं, उसका इस्तेमाल कर हिसाब दें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 10:25 AM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 02:47 PM (IST)
काम करना होगा, कोताही बर्दाश्त नहीं : ममता
काम करना होगा, कोताही बर्दाश्त नहीं : ममता

कलिंपोंग, संवाद सूत्र। हर हाल में विकास कार्य करने होंगे। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुर्सी और दफ्तर ऐशो आराम के लिए नहीं मिले हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कलिंपोंग के जार्वी हॉल में हुई प्रशासनिक बैठक में यह हिदायत दी।

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उन्होंने पर्यटन मंत्री गौतम देव को टाइगर हिल्स में रिसोर्ट के निर्माण व गाजलडोबा पर्यटन केंद्र के विकास कार्य को लेकर जमकर फटकारा। उन्होंने पूछा कि काम में तेजी क्यों नहीं आ रही? समय क्यों बर्बाद किया जा रहा? बार-बार काम पूरा करने की तारीख क्यों बढ़ाई जा रही है? काम की सही जानकारी क्यों नहीं दी जा रही?

उन्होंने गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के चेयरमैन विनय तमांग की भी खबर लेते हुए कहा कि काम में कोताही न करे। मुख्यमंत्री ने चारों नगरपालिकाओं के चेयरमैन से भी कामकाज का ब्योरा लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि पेयजल की उपलब्धता, सफाई व सड़क मरम्मत पर खास ध्यान दें।

कर्सियांग नपा के चेयरमैन द्वारा स्पेशल फंड की मांग पर मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि पैसे आसमान से नहीं गिरते। एक-एक पैसे का हिसाब देना पड़ता है। पहले जो पैसे मिले हैं, उसका इस्तेमाल कर हिसाब दें।

ममता ने चालू वित्त वर्ष में सौ दिन का काम शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने मिरिक व दार्जिलिंग में विभिन्न पर्यटन योजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान मंत्री से लेकर अधिकारियों तक को खामियों पर फटकार लगाई। पर्यटन मंत्री की सफाई तक नहीं सुनी।

उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी लेने के बाद कहा कि जो काम शुरू हुए, उन्हें बीच में ही छोड़ दिया गया। काम की रफ्तार धीमी है। इस तरह से विकास नहीं हो सकता। इस दिन मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग अस्पताल में डायलिसिस यूनिट, कलिंपोंग अस्पताल में सीटी स्कैन व एमआरआइ यूनिट का उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि पहाड़ में आइटी, पर्यटन उद्योग को सुदृढ़ करना होगा व फूलों की खेती को सफल बनाना होगा।इससे पहाड़ की तकदीर बदल जाएगी।


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