सेवा के कई कार्यक्रम आयोजित
-कहीं जानवरों का खिलाया खाना तो कहीं चीरा-दही भोज,दान-पुण्य में किन्नर समाज भी आगे जागरण संवाददाता
-कहीं जानवरों का खिलाया खाना तो कहीं चीरा-दही भोज,दान-पुण्य में किन्नर समाज भी आगे
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन सिलीगुड़ी शाखा द्वारा जानवरों के लिए खाने की व्यवस्था की गई। अवसर को देखते हुए गायों के लिए हरी सब्जी और आलू की व्यवस्था की गई। और कूत्तों के लिए ब्रेड, दूध, बिस्किट खिलाया गया। संस्था की अध्यक्ष आभा लाहोटी ने बताया कि यह हमारा स्थायी प्रोजेक्ट करने का विचार है और हम चाहते हैं कि यह सेवा शहर के लोग मिलकर करें तो हमारे बेजुबान जानवरों की मौतें कम होगी। आज के प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने में सरिता मस्करा, सुनीता भरतिया, मंजू रामपूरिया का भरपूर सहयोग रहा। उल्लेखनीय है कि संस्था के द्वारा समय-समय पर सेवा कार्य किए जाते हैं।
हनुमान मंदिर, प्रकाशनगर में सर्वप्रथम तिल लड्डू को भोग के रूप में चढ़ाया गया। दही-चीरा के भोज का आयोजन किया गया था। कोविड प्रोटोकोल को मानते हुए समिति के सदस्यों के लिए ही ये व्यवस्था की गई थी।
किन्नर समाज के द्वारा भी जरूरतमंदों में लगभग साढ़े तीन सौ कंबल बांटे गए। खिचड़ी का भी वितरण किया गया। इसी कड़ी के तहत श्रद्धालुओं के द्वारा जगह-जगह पर सेवा कार्य किए गए। ------------5
-कहीं जानवरों का खिलाया खाना तो कहीं चीरा-दही भोज,दान-पुण्य में किन्नर समाज भी आगे
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन सिलीगुड़ी शाखा द्वारा जानवरों के लिए खाने की व्यवस्था की गई। अवसर को देखते हुए गायों के लिए हरी सब्जी और आलू की व्यवस्था की गई। और कूत्तों के लिए ब्रेड, दूध, बिस्किट खिलाया गया। संस्था की अध्यक्ष आभा लाहोटी ने बताया कि यह हमारा स्थायी प्रोजेक्ट करने का विचार है और हम चाहते हैं कि यह सेवा शहर के लोग मिलकर करें तो हमारे बेजुबान जानवरों की मौतें कम होगी। आज के प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने में सरिता मस्करा, सुनीता भरतिया, मंजू रामपूरिया का भरपूर सहयोग रहा। उल्लेखनीय है कि संस्था के द्वारा समय-समय पर सेवा कार्य किए जाते हैं।
हनुमान मंदिर, प्रकाशनगर में सर्वप्रथम तिल लड्डू को भोग के रूप में चढ़ाया गया। दही-चीरा के भोज का आयोजन किया गया था। कोविड प्रोटोकोल को मानते हुए समिति के सदस्यों के लिए ही ये व्यवस्था की गई थी।
किन्नर समाज के द्वारा भी जरूरतमंदों में लगभग साढ़े तीन सौ कंबल बांटे गए। खिचड़ी का भी वितरण किया गया। इसी कड़ी के तहत श्रद्धालुओं के द्वारा जगह-जगह पर सेवा कार्य किए गए।