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अब महानन्दा अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत

-जंगल में विलुप्त प्रजाति के कई जीव भी छोड़े गए -छह दिसंबर से बर्ड फेस्टिवल कराने की भी योजन

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:35 PM (IST)
अब महानन्दा अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत
अब महानन्दा अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत

-जंगल में विलुप्त प्रजाति के कई जीव भी छोड़े गए

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-छह दिसंबर से बर्ड फेस्टिवल कराने की भी योजना

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दिसंबर से पक्षियों की होगी वार्षिक गणना

600

से अधिक प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : आय के साथ दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की विशेषताओं से अवगत कराने के उद्देश्य से सफारी की शुरुआत की गई। इसी मौके पर शुक्रवार महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में विलुप्तप्राय प्रजाति के कलिज और लाल वन मुर्गी जोड़े को भी छोड़ा गया। साथ ही महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बक्शा फॉरेस्ट की तर्ज पर बर्ड फेस्टिवल की शुरुआत करने की घोषणा की गई।

यहां बता दें कि उत्तर बंगाल के पहाड़ और जंगल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। सिलीगुड़ी से सटे सालुगाड़ा स्थित बंगाल सफारी, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान समेत कई जंगलों में सफारी की व्यवस्था है। शुक्रवार से महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य सुकना में भी सफारी की शुरुआत की गई। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वी के यादव, चीफ कंसर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट राजेन्द्र जाखर, डीएफओ दार्जिलिंग जीजू जैस्पर, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलोजिकल पार्क दार्जिलिंग के निदेशक धर्मदेव राय और बंगाल सफारी पार्क के निदेशक बादल देवनाथ व अन्य ने हरी झडी दिखाकर महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत की। इस मौके पर वन विभाग के अधिकारियों ने विलुप्तप्राय प्रजाति के पाच मेल कलिज और पाच जोड़े लाल वन मुर्गी को महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य के महानदी फॉरेस्ट ब्लॉक में आजाद किया।

इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वी के यादव ने बताया महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की अपनी खास विशेषता है। यहा कई प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। सफारी के माध्यम से दूर-दराज से आये पर्यटकों को इससे अवगत कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इस क्षेत्र में 600 से अधिक प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। जिनमे से कई विलुप्तप्राय प्रजाति के हैं। एक नेशनल प्लान के तहत विलुप्तप्राय प्रजाति के पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए कíसयाग के डावहिल में ब्रीडिंग की भी व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त अगले 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक माइग्रेटरी वेटलैंड बर्ड की वाíषक गणना भी की जाएगी। वर्ष 1997-98 तक पक्षियों के वाíषक गणना का डॉक्यूमेंटेशन किया जाता था। उसे फिर से शुरू किया जाएगा। इसके अलावे बक्सा फॉरेस्ट में 6 से 9 दिसंबर तक वाíषक बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। उसी तर्ज पर महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में भी बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सफारी के लिए पांच बस की व्यवस्था

उत्तर बंगाल वन विभाग के चीफ कंसर्वेटर राजेन्द्र जाखर ने बताया कि महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत की गई है। सफारी के लिए पाच बस की व्यवस्था की गई है। वैसे तो प्रत्येक बस में 28 सीट है, लेकिन कोरोना के मद्देनजर फिलहाल एक बस में 14 पर्यटकों को ही सफारी का मौका मिलेगा। महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में पर्यटकों को करीब 12 किलोमीटर की सफारी कराई जाएगी। सफारी के दौरान पर्यटकों को विभिन्न प्रजाति के पक्षी, तेंदुआ, हाथी और हिरण विचरण करते देखने को मिलेंगे। तीन सौ रुपये होगा किराया

इस 12 किलोमीटर सफारी का किराया 300 रुपये प्रति पर्यटक निर्धारित किया गया है। एक घटे की इस सफारी में गाइड के अलावा शौचालय आदि की व्यवस्था पर्यटकों के लिए की गई है। प्रति दिन सुबह सवा छह बजे से शाम के साढ़े चार बजे तक कुल पाच ट्रिप सफारी की योजना है। पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बुक करा सकते हैं।


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