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बंगाली समाज में महालया का है विशेष महत्व

एक सप्ताह तक चलनेवाले दुर्गोत्सव में राज्य में बाहर के लोग भी देवी दुर्गा का दर्शन करने यहां भारी संख्या में आएंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 11:15 AM (IST)
बंगाली समाज में महालया का है विशेष महत्व
बंगाली समाज में महालया का है विशेष महत्व

दार्जिलिंग, जेएनएन। सोमवार को महालया यानी मां का आह्वान के साथ दुर्गोत्सव का उत्साह बढ़ना भी शुरू हो गया। अधिकांश मंदिरों व दुर्गापूजा के मंडपों में ब्रह्म मुहूर्त के अनुसार सप्तशती का पाठ किया गया। महालया मां दुर्गा के आह्वान के रूप में भी मनाया जाता है।

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महालया के दूसरे दिन से दुर्गा की पूजा प्रारंभ होगी। बंगाली समाज में महालया का विशेष महत्व है। लोग महालया के दिन भी देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। बंगाल समुदाय के घर-घर में चंडी पाठ सुना जाता है। इस तरह लोगो में एक तरह से आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।

आज के दिन ही हिंदू धर्म के माननेवाले लोग नदी और तालाब के किनारे पितृ तर्पण भी करते हैं। यह दिन एक तरह से पितृ पक्ष का अवसान और देवी पक्ष के आगमन भी माना जाता है। महालया के दूसरे दिन से ही नवरात्र शुरू हो जायेगा। मां के आगमन की खुशी में नवरात्र महोत्सव मनाये जाने की परंपरा है। मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना नौ दिनों तक कलश स्थापना कर मंदिरों व घरों में की जाती है। मां शैलपुत्री से लेकर मां सिद्धिदात्री की आराधना को नवरात्र कहा जाता है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालया के बाद शाम को एक साथ कई दुर्गापूजा मंडपों का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रशासन ने सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की है। लगभग एक सप्ताह तक चलने वाले दुर्गोत्सव में राज्य में बाहर के लोग भी देवी दुर्गा का दर्शन करने यहां भारी संख्या में आएंगे। इसके मद्देनजर सरकार ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। खास कर कोलकाता पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कारगर व्यवस्था की है।

दुर्गोत्सव में चारों ओर खुशी का माहौल होता है। यह बंगाल और बंगालियों का सबसे बड़ा पर्व होता है। लेकिन अन्य धर्म के लोगों के भी इसमें शामिल होने की वजह से यह बड़ा उत्सव का रूप ले लेता है। राज्य के हर छोटे गली मोहल्ला से लेकर महानगर में भव्य पूजा मंडपों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना होती है। चारों तरफ दुर्गोत्सव की धूम रहती है। देवी दुर्गा की पूजा अर्चना में हम सुख शांति की कामना करते हैं। लेकिन दुख की बात है कि ऐसे मौके पर भी कुछ अप्रिय होने की आशंका से माहौल बिगड़ने लगता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद दुर्गापूजा मौके पर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अमन चैन के साथ राज्य में दुर्गोत्सव संपन्न होगा।


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