Lok Sabha Election 2019: तृणमूल कांग्रेस ने शारदा सुब्बा राई को पार्टी से किया निष्कासित
तृणमूल कांग्रेस की ओर पार्टी के महासचिव अरूप विश्वास ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शारदा राई सुब्बा को छ सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
संवादसूत्र, दार्जिलिंग: दार्जिलिंग विधानसभा सीट के उप चुनाव को लेकर एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी विनय तामांग का समर्थन किया था। वही टीएमसी हिल्स के महिला विंग प्रभारी शारदा राई सुब्बा ने इसी सीट को लेकर एक स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। जिसे लेकर पार्टी के भीतर बयानबाजी शुरू हो गई।
आखिरकार शुक्रवार को पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए पार्टी के महासचिव अरूप विश्वास ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शारदा राई सुब्बा को छ सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी का कहना है कि शारदा राई सुब्बा के साथ उनका कोई लेना देना नहीं है।
मालूम हो कि अमर सिंह राई के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद आगामी 19 मई को दार्जिलिंग विधानसभा सीट को लेकर उप चुनाव होना है। जिसे लेकर शारदा राई सुब्बा ने गत 29 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया। पार्टी का मानना है कि शायद वह नामांकन वापस लेती। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस विनय तामांग का समर्थन कर रहा है।
ऐसे में शारदा का खड़ा होना पार्टी के खिलाफ है। जिसके तृणमूल नेतृत्व ने यह कदम उठाया है। इस बारे में टीएमसी हिल्स के अध्यक्ष एल बी राई ने कहा कि पूरा टीएमसी कैडर हमारे साथ है और वह चुनाव लड़ रही है। इससे टीएमसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इससे पहले 2016 के अंतिम में दार्जिलिंग विधानसभा चुनाव में शारदा सुब्बा ने अपनी सुरक्षा के साथ टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय अमर सिंह राई को 45,473 वोट मिले थे। उस समय तत्कालीन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार ने 95,386 वोट हासिल कर जीत दर्ज किया था।
इस मामले में शारदा राई सुब्बा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुङो पता है कि पार्टी से निकाल दिया जाएगा या मेरे खिलाफ कुछ कार्रवाई की जाएगी इसलिए मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। इसके अलावा उसने यह भी कहा कि उसने दार्जिलिंग गोरखा पार्वती जनअधिकारी मंच नाम का एक अराजनैतिक निकाय बनाया है और वह इसी के माध्यम से प्रचार करेगी। यह संगठन चुनावों के बाद भी बना रहेगा और सामाजिक कार्य करेगा। वर्तमान में इस संगठन में संयोजक के रूप में 21 सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों के प्रचार के लिए धन की कमी है। लोगों ने वित्तीय मदद के रूप में अपने बैंक खाते में 5 या उससे अधिक की राशि डालने की अपील की है।
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