West Bengal Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन से बसों के टिकटों की छपाई के कारोबार पर भी भारी असर
लॉकडाउन से न सिर्फ निजी बस सेवा बल्कि उनके टिकटों की छपाई के कारोबार पर भी भारी असर पड़ा है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन से न सिर्फ निजी बस सेवा बल्कि उनके टिकटों की छपाई के कारोबार पर भी भारी असर पड़ा है। एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक भास्कर माइती ने कहा कि उनका कारोबार लॉकडाउन के दौरान शून्य हो गया।
जून की शुरुआत में निजी बस सेवा के फिर से शुरू होने के बाद भी कारोबार नहीं बढ़ा है। बहुत सी बसें अभी भी सड़कों पर वापस नहीं आई हैं । उन्होंने आगे कहा कि एक लाख टिकटों का एक सेट 1,500 रुपये में बेचा जाता है। औसतन एक प्रिंटिंग प्रेस में महीने में लगभग 25 से 26 लाख टिकटों की छपाई होती है, जो लगभग 250 बसों की जरूरतों को पूरा करती है।
एक अन्य प्रिंटिंग प्रेस के मालिक अरुणेश बोस ने कहा कि वे कोरोना के प्रकोप से पहले हर महीने लगभग 40,000 रुपये के टिकट बेचा करते थे, जिसका औसत लाभ लगभग 15,000 रुपये था। उनके प्रेस में पिछले महीने दो से तीन लाख टिकट ही छापे गए हैं । बोस ने हालांकि उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में व्यापार बेहतर होगा क्योंकि निजी बसें शहर और जिलों में सड़कों पर वापस आ जाएंगी।