खुद लौट आया बाड़ फांदकर भागा तेंदुआ सचिन, बंगाल सफारी प्रशासन ने ली राहत की सांस
बंगाल सफारी पार्क की बाड़ फांदकर भागा तेंदुआ खुद वापस आ गया। इसके साथ लगातार चार दिनों से परेशान बंगाल सफारी प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 08:06 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 08:06 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क बंगाल सफारी के लेपर्ड सफारी एंक्लोजर (सुरक्षित) एरिया से गत एक जनवरी को भागा तेंदुआ सचिन अंतत: शुक्रवार चार जनवरी को खुद ही लौट आया। उसकी तलाश में बंगाल सफारी प्रशासन की ओर से वन्य प्राण इकाई के छह-छह स्कवाड व चार-चार कुनकी (प्रशिक्षित) हाथियों की टीम लगा कर रखी गई थी। मगर, कुछ काम न आया। तेंदुआ खुद ही लौट आया। बताया जाता है कि इस दिन शाम लगभग साढ़े चार-पौने पांच बजे बंगाल सफारी कर्मियों ने देखा कि सचिन अपने एंक्लोजर एरिया में है। लोगों के देखने के बाद वह लेपर्ड सफारी एंक्लोजर एरिया के ही अपने नाइट शेल्टर में घुस गया।
इस बारे में बंगाल सफारी के निदेशक राजेंद्र जाखड़ ने कहा कि गत 80 घंटों से हम सचिन को तलाश रहे थे। उसके वापस लौट सकने हेतु लेपर्ड सफारी एंक्लोजर का गेट भी खुला छोड़ रखा था। अंतत: शुक्रवार शाम लगभग साढ़े चार बजे देखा गया कि सचिन अपने आप अपने लेपर्ड सफारी एंक्लोजर में वपास आया हुआ है। उसके शरीर पर कुछ जगहों पर हल्की चोटें भी हैं। सिर पे रेजर वायर से कटे हुए का निशान है। वह भी लगभग ठीक होने के कगार पर है। आंख के नीचे भी थोड़ा जख्म है। उसे मैं खुद देख कर आया हूं। वह ठीकठाक है। बस, बहुत थका-थका लग रहा है। सचिन को खाने-पीने को दिया गया है। अभी पहले वह थोड़ा सामान्य हो जाए। उसके बाद शनिवार को उसकी आवश्यक चिकित्सा जांच की गई व आवश्यकता अनुसार उसकी चिकित्सा की जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कि या तो तेंदुआ सचिन लेपर्ड सफारी एंक्लोजर के खुला छोड़ कर रखे गए दरवाजे से ही वापस लौटा है या फिर एंक्लजोर के बाहरी सिरे से सटे किसी पेड़ पर चढ़ कर वहां से अंदर उतर आया है। क्योंकि, एंक्लोजर से बाहर बहुत से पेड़ हैं। वे पेड़ एंक्लोजर की दीवारी से सटे हुए भी हैं। इसलिए उसके जरिये अंदर आना और आसान है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सचिन कैसे भागा इस बारे में सटीक कह पाना मुश्किल है। मगर, अनुमान यह है कि एंक्लोजर के आसपास के किसी पेड़ पर चढ़ कर उसी से कूद कर वह भागा होगा। वैसे अब और कोई जानवर भागे नहीं इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर आगे क्या किया जाएगा? इस बारे में बंगाल सफारी निदेशक ने कहा कि लेपर्ड सफारी एंक्लोजर की चारों ओर जो रेजर वायर की फेंसिंग है वह सीजेड प्रमाणित फेंसिंग है। मजबूत है। उसमें करंट भी फुल वोल्टेज है। हमने बार-बार चेक कराया है। सो, एंक्लोजर फेंसिंग या उसकी डिजाइनिंग को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं लग रही है।
उन्होंने बताया कि शनिवार से बंगाल सफारी पूरी तरह खुल जाएगा। पैदल भ्रमण की भी अनुमति होगी। लेपर्ड सफारी में फिलहाल शीतल व काजल तेंदुआ को ही रखा जाएगा। सचिन को वापस सफारी में रखा जाएगा कि नहीं इस पर बाद में विचार किया जाएगा। बंगाल सफारी प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सचिन अभी युवा तेंदुआ है। वह स्वयं शिकार नहीं कर सकता है। इसलिए भी उन्हें आशा था कि वह बहुत ज्यादा दूर नहीं भागेगा और भोजन नहीं मिल पाने पर वापस आ जाएगा। वही हुआ। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि संभवत: ढंग से खाना नहीं मिल पाने के चलते ही सचिन गुस्से में लेपर्ड सफारी एंक्लोजर से भाग गया। मगर, बंगाल सफारी प्रशासन ने इस आरोप को ठुकराते हुए कहा है कि खाने में कोई कमी नहीं की गई है।
इस बारे में बंगाल सफारी के निदेशक राजेंद्र जाखड़ ने कहा कि गत 80 घंटों से हम सचिन को तलाश रहे थे। उसके वापस लौट सकने हेतु लेपर्ड सफारी एंक्लोजर का गेट भी खुला छोड़ रखा था। अंतत: शुक्रवार शाम लगभग साढ़े चार बजे देखा गया कि सचिन अपने आप अपने लेपर्ड सफारी एंक्लोजर में वपास आया हुआ है। उसके शरीर पर कुछ जगहों पर हल्की चोटें भी हैं। सिर पे रेजर वायर से कटे हुए का निशान है। वह भी लगभग ठीक होने के कगार पर है। आंख के नीचे भी थोड़ा जख्म है। उसे मैं खुद देख कर आया हूं। वह ठीकठाक है। बस, बहुत थका-थका लग रहा है। सचिन को खाने-पीने को दिया गया है। अभी पहले वह थोड़ा सामान्य हो जाए। उसके बाद शनिवार को उसकी आवश्यक चिकित्सा जांच की गई व आवश्यकता अनुसार उसकी चिकित्सा की जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कि या तो तेंदुआ सचिन लेपर्ड सफारी एंक्लोजर के खुला छोड़ कर रखे गए दरवाजे से ही वापस लौटा है या फिर एंक्लजोर के बाहरी सिरे से सटे किसी पेड़ पर चढ़ कर वहां से अंदर उतर आया है। क्योंकि, एंक्लोजर से बाहर बहुत से पेड़ हैं। वे पेड़ एंक्लोजर की दीवारी से सटे हुए भी हैं। इसलिए उसके जरिये अंदर आना और आसान है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सचिन कैसे भागा इस बारे में सटीक कह पाना मुश्किल है। मगर, अनुमान यह है कि एंक्लोजर के आसपास के किसी पेड़ पर चढ़ कर उसी से कूद कर वह भागा होगा। वैसे अब और कोई जानवर भागे नहीं इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर आगे क्या किया जाएगा? इस बारे में बंगाल सफारी निदेशक ने कहा कि लेपर्ड सफारी एंक्लोजर की चारों ओर जो रेजर वायर की फेंसिंग है वह सीजेड प्रमाणित फेंसिंग है। मजबूत है। उसमें करंट भी फुल वोल्टेज है। हमने बार-बार चेक कराया है। सो, एंक्लोजर फेंसिंग या उसकी डिजाइनिंग को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं लग रही है।
उन्होंने बताया कि शनिवार से बंगाल सफारी पूरी तरह खुल जाएगा। पैदल भ्रमण की भी अनुमति होगी। लेपर्ड सफारी में फिलहाल शीतल व काजल तेंदुआ को ही रखा जाएगा। सचिन को वापस सफारी में रखा जाएगा कि नहीं इस पर बाद में विचार किया जाएगा। बंगाल सफारी प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सचिन अभी युवा तेंदुआ है। वह स्वयं शिकार नहीं कर सकता है। इसलिए भी उन्हें आशा था कि वह बहुत ज्यादा दूर नहीं भागेगा और भोजन नहीं मिल पाने पर वापस आ जाएगा। वही हुआ। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि संभवत: ढंग से खाना नहीं मिल पाने के चलते ही सचिन गुस्से में लेपर्ड सफारी एंक्लोजर से भाग गया। मगर, बंगाल सफारी प्रशासन ने इस आरोप को ठुकराते हुए कहा है कि खाने में कोई कमी नहीं की गई है।
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