नेताओं को मिली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए एक महिला कार्यकर्ता द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के मामले में तीन वरिष्ठ नेताओं को अग्रिम जमानत दे दी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट ने भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को बड़ी राहत देते हुए एक महिला कार्यकर्ता द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के मामले में तीन वरिष्ठ नेताओं को अग्रिम जमानत दे दी। अग्रिम जमानत पाने वाले नेताओं में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन सचिव सुब्रत चटर्जी एवं दक्षिण बंगाल में संघ के प्रांत प्रचारक विद्युत चटर्जी शामिल हैं।
बीते 31 अगस्त को भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने कोलकाता के बेहला महिला थाने में संघ नेता अमलेंदु चटर्जी सहित इन तीनों नेताओं के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने संघ की सहयोगी संस्था अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के वरिष्ठ नेता अमलेंदु चटर्जी को 17 सितंबर को दिल्ली के करोलबाग से गिरफ्तार कर लिया था।
फिलहाल वह 11 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। महिला ने आरोप लगाया था कि अमलेंदु ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और उसे धमकी भी दी। उन्होंने अमलेंदु के अलावा शिवप्रकाश, विद्युत चटर्जी और सुब्रत चटर्जी के नाम भी लिए थे। महिला की शिकायत के बाद भाजपा व संघ के तीनों दिग्गज नेताओं की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। इस बीच हाई कोर्ट ने तीनों नेताओं की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए उन्हें बड़ी राहत दे दी।
इधर, हाई कोर्ट के फैसले के बाद इन तीनों नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रजेश झा ने कहा कि हमें आशा है कि अमलेंदु चटर्जी को भी जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ सभी आरोप झूठे पाए गए।
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा कि उनके नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे थे। भाजपा की छवि को बदनाम करने के लिए यह तृणमूल का षड्यंत्र था। उन्होंने जोर देकर कहा कि जानबूझकर फंसाने के लिए झूठे आरोप लगाए गए थे। इधर, दक्षिण बंगाल में आरएसएस के महासचिव जिष्णु बसु ने भी कहा कि उनके नेताओं के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए गए थे।