पिता ने आखिर अपने बेटे को ही क्यों बेची जमीन
दाल में काला नहीं जमीन विवाद की पूरी दाल ही काली -पावर ऑफ अटारनी को लेकर फंसा पेंच -जम
दाल में काला नहीं, जमीन विवाद की पूरी दाल ही काली
-पावर ऑफ अटारनी को लेकर फंसा पेंच
-जमीन की माप के लेकर भी दावे अलग-अलग
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सालूगाड़ा जमीन विवाद-3
दैनिक जागरण की टीम ने इस पूरे विवाद की जड़ को खंगाला है। इसमें कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आने वाले दिनों में परत दर परत पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सालूगाड़ा स्थित जमीन के टुकड़े को लेकर सुरेश अग्रवाल और सुशीला राय के बीच जारी विवाद के दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है। जमीन के इस विवाद में एक के बाद एक रहस्य उभर कर सामने आ रहे हैं। जमीन खरीदने के क्रम में एक पावर ऑफ अटारनी का भी उपयोग किया गया है। जो रहस्यों से भरा है। बल्कि जमीन के खरीद बिक्री में नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई है।
सूरज बिल्डकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश अग्रवाल और जमीन पर पैतृक अधिकार का दावा करने वाली सुशीला राय विवादित जमीन की माप 106 कट्ठा ही बता रही है। जबकि सूरज बिल्डकॉम और मधु व्यापार प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश अग्रवाल, प्रतीक गर्ग और अशोक मोठ (अग्रवाल) ने वर्ष 2012 के चार, छह और 18 सितंबर तक भरत राय उर्फ भरत चंद्र राय, अंधारीबाला राय और संजीत राय उर्फ सुजीत राय से कुल 131 कट्ठा जमीन खरीदी है। वर्ष 2012 के चार और छह जनवरी को कुल 21 सेल डीड के तहत 113 कट्ठा जमीन की खरीद-बिक्री हुई। जाहिर है जमीन की माप को लेकर ही अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इसी जनवरी महीने में सुरेश अग्रवाल ने डाबग्राम मौजा के शीट नंबर-5 के तहत दर्ज खतियान नंबर 33/1 के आरएस प्लॉट नंबर 101/322 में दर्ज 18 कट्ठा जमीन की पावर ऑफ अटारनी भरत राय उर्फ भरत चंद्र राय, अंधारी बाला राय और संजीत राय उर्फ सुजीत राय से ली। उक्त पावर ऑफ अटारनी एडीएसआर राजगंज कार्यालय में वर्ष 2012 के जनवरी महीने में क्रम संख्या 00008 के तहत दर्ज है। फिर आठ महीने बाद 18 सितंबर को सुरेश कुमार अग्रवाल ने उक्त 18 कट्ठा जमीन अपने बेटे प्रतीक गर्ग को सेल डीड नंबर 070507490 के तहत बेच दिया। यहां बताते चलें कि जनवरी महीने में मधु व्यापार प्राइवेट लिमिटेड के बतौर निदेशक प्रतीक गर्ग ने सेल डीड नंबर 070500091 के तहत ढाई कट्ठा और 070500101 के तहत साढ़े चार कट्ठा जमीन उन्हीं तीन भरत, अंधारी बाला और संजीत उर्फ सुजीत से खरीद चुके हैं। इसमें संदेहास्पद यह है कि 18 कट्ठा जमीन की पावर ऑफ अटारनी लेकर आठ महीने बाद अपने ही बेटे को बेचने की जरुरत सुरेश अग्रवाल को क्यों पड़ी। जबकि अपने लिखित बयान में सुरेश अग्रवाल जिस धनीलाल को पूर्व मालिक द्वारा रखा केयर टेकर और सुशीला राय को विवाद उलझा कर रुपया उगाही करने वाले बता रहें हैं,वही आरएस रिकॉर्ड के अनुसार धनीलाल और सुशीला उक्त जमीन के पूर्व मालिक उनके परदादा चिरु सिंह और दादा जयधर सिंह हैं। 131 कट्ठा जमीन के लिए 22 सेल डीड
आश्चर्यजनक बात यह है कि कुल 131 कट्ठा जमीन की खरीद-बिक्री में दर्ज कुल 22 सेल डीड में भरत राय उर्फ भरत चंद्र राय के पिता जयधर सिंह उर्फ जयधर चंद्र राय की मौत 27 अगस्त 2002 को बतायी गयी है। लेकिन किसी भी डीड में स्थानीय वार्ड पार्षद या पंचायत द्वारा प्रदत्त वारिसनामा का जिक्र नहीं है। बल्कि एक्जीक्यूटिव व जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट कोर्ट द्वारा जारी एफिडेविट भी डीड के साथ संलग्न नहीं है।
गवाहों के हस्ताक्षर को लेकर पेंच
18 कट्ठा जमीन की पावर ऑफ अटारनी की ड्राफ्टिंग सिलीगुड़ी के खालपाड़ा स्थित एमआर कंपाउंड निवासी पेशे से वकील राजेश कुमार अग्रवाल ने की है। प्रथम गवाह के रुप में भी राजेश कुमार अग्रवाल ने ही हस्ताक्षर किया है। जबकि कानूनन ड्राफ्टिंग करने वाला बतौर गवाह हस्ताक्षर नहीं कर सकता है। इस प्रकरण के दूसरे गवाह के तौर पर खालपाड़ा के उसी एमआर कंपाउंड निवासी मिठून राय ने दस्तखत किया है।