जमीन पर कब्जा मामले ने पकड़ा तूल,भूमाफियाओं की उड़ी नींद
-विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार को घेरा -लीज देने की प्रक्रिया रद्द करने की मांग -फर्जी संस्था
-विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार को घेरा
-लीज देने की प्रक्रिया रद्द करने की मांग
-फर्जी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की मांग ने भी पकड़ा जोर -स्थिति बिगड़ते देख निर्माण कार्य में आई तेजी
-कार्रवाई से पहले ही जमीन पर कब्जे की कोशिश जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत-नेपाल सीमांत पानीटंकी में सरकारी भेस्ट जमीन एक फर्जी संस्था को लीज पर दिये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस फर्जीवाड़े और उगाही पर तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। सभी विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। जबकि इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद से मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन व भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन हथियाने के लिए निर्माण कार्य तेज कर दिया है। करीब 5 बीघा जमीन पर 150 से अधिक दुकान का ढांचा तैयार कर दिया गया है।
200 करोड़ की उगाही के खेल का परत दर परत खुलासे में मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन और उसका रजिस्ट्रेशन नंबर - 7777 फर्जी साबित हो चुका है। जबकि इसी फर्जी संस्था क दम पर उगाही के खेल का पूरा षडयंत्र रचा गया था। फर्जी एसोसिएशन के नाम पर लोगों से रुपया वसूली करने का खुलासा होने के बाद से भू-माफियाओं की नींद हराम है। वहीं दुकान की जमीन के लालच में इन भू-माफियाओं को लाखों की रकम थमाने वाले दुकानदार व बेरोजगार लोग भी इन पर चढ़े हुए हैं। अपनी फंसी गर्दन को बचाने के लिए ये लोगों को बेबुनियाद आश्वासन दिए जा रहे हैं। उसी क्रम में डीड ऑफ लीज रजिस्ट्रेशन के बिना ही सरकारी भेस्ट जमीन को हथियाने के लिए लगातार निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने काफी पहले ही कानूनी प्रक्रिया के तहत डीड ऑफ लीज रजिस्ट्रेशन के बाद निर्माण कार्य करने की चेतावनी भू-माफियाओं को दी थी। सरकारी भेस्ट जमीन एक फर्जी संस्था के हवाले किए जाने को लेकर दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने भी जिला शासक को पत्र लिखा था। जिसका उन्हें आज तक कोई जवाब नहीं मिला है।
राज्य सरकार पर बरसे कांग्रेस विधायक
फर्जी तरीके से उगाही के खेल को अंजाम तक पहुंचाने के मामले को लेकर खोरीबाड़ी-फांसीदेवा विधान सभा के कांग्रेस विधायक सुनील तिर्की ने बताया कि पानीटंकी में जमीन घोटाला कोई नई बात नहीं है। माकपा सरकार के समय में भी इसी तरह घोटाला कर एक मार्केट बसाकर करोड़ो की उगाही की गई थी। तृणमूल शासनकाल में भी उसी तर्ज पर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर वे कई बार स्थानीय व जिला प्रशासन को ज्ञापन और उचित कार्यवाई करने की मांग की कर चुके हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक फर्जी संस्था के नाम पर सरकारी भेस्ट जमीन को लीज पर देने का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट में पास होना ही अपने आप में बड़ा सवाल है। वे अपने स्तर से कानूनी कार्रवाई पर विचार करेंगे।
तृणमूल भूमाफिया और सिंडिकेट राज का दूसरा नाम-भाजपा
वहीं दूसरी तरफ सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा और लगातार मुहिम चलाने के लिए दैनिक जागरण का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि तृणमूल भूमाफिया और सिंडिकेट राज का ही दूसरा नाम है। मां-माटी-मानुष की यह सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। माटी के साथ तो तृणमूल ने अनगिनत घोटाले किए हैं। तृणमूल के शासनकाल में इस तरह का फर्जीवाड़ा आम बात है। एक फर्जी संस्था को सरकारी भेस्ट जमीन लीज पर दिये जाने के प्रस्ताव पर राज्य केबिनेट की मुहर ही सरकार को कटघरे में खड़ा करती है। बल्कि सीमांत इलाके में गैर भारतीय मूल के नागरिकों को दुकान देकर बसाया जाना भी राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है। जबकि राज्य सरकार और प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ताख पर रखकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। भाजपा इस फर्जीवाड़े की कड़ी आलोचना करती है। साथ ही सांसद के मार्फत इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का हर संभव प्रयास करेगी। संस्था पर्जी है तो लीज की प्रक्रिया रद्द हो-माकपा
माकपा के वरिष्ठ नेता व सिलीगुड़ी के विधायक अशोक भंट्टाचार्य ने कहा कि एक फर्जी संस्था के नाम पर सरकारी भेस्ट जमीन का लीज किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता। राज्य सरकार ने किस आधार पर इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई, उस पर सरकार को विवेचना करने की आवश्यकता है। यदि संस्था फर्जी है तो लीज की प्रक्रिया और निर्देशिका को रद्द करना होगा। मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश-तृणमूल
जबकि राज्य सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष रंजन सरकार उर्फ राणा ने कहा कि तृणमूल राज्य सरकार किसी भी फर्जीवाड़े को सह नहीं देती है। बल्कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं भूमाफिायाओं पर नकेल कसने का निर्देश पुलिस प्रशासन को दिया है। राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर यह षडयंत्र रचाया गया है। यदि संस्था फर्जी है तो साफ तौर पर मुख्यमंत्री की छवि को बिगाड़ने का षडयंत्र है। किसी भी कीमत पर सरकारी भेस्ट जमीन फर्जी संस्था के हवाले नहीं किया जा सकता। इस मामले को लेकर वे जिला प्रशासन से बात करेंगे।