दार्जिलिंग के चाय बागानों में श्रमिक हड़ताल, बोनस विवाद को ले साइली चाय बागान बंद
Labor strike in Darjeeling tea gardens दार्जिलिंग के करीब 87 चाय बागानों की सभी सात ट्रेड यूनियनों ने पूजा बोनस के मुद्दे पर शुक्रवार को 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग के करीब 87 चाय बागानों की सभी सात ट्रेड यूनियनों ने पूजा बोनस के मुद्दे पर शुक्रवार को 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है। चाय बागानों के प्रबंधन तथा यूनियन नेताओं के बीच बोनस को लेकर वार्ता विफल होने के बाद हड़ताल की घोषणा की गई है। यूनियनों ने चार अक्टूबर को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है।
दार्जिलिंग भारतीय चाय संघ (डीआइटीए) के सचिव मोहन छेत्री ने कहा कि श्रमिक यूनियनों की 20 फीसद बोनस की मांग है जबकि चाय बागान मालिक श्रमिकों को सिर्फ 12 फीसद बोनस देने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि श्रमिक यूनियनों और चाय बागानों के प्रबंधन के बीच अब आगामी 17 अक्टूबर को बैठक होगी जिसमें इस मुद्दे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रस्तावित हड़ताल से फसल नुकसान का अभी अनुमान लगाना मुश्किल है। उल्लेखनीय है कि 20 फीसद बोनस की मांग पर चाय बागान श्रमिकों व बागान मालिकों के बीच लंबे समय से गतिरोध जारी है। बोनस को लेकर दोनों पक्षों के बीच पांच बार बैठक हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अंत में अब श्रमिक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है।
इधर बागान मालिकों के संगठन दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के प्रमुख सलाहकार संदीप मुखर्जी का कहना है कि चाय बागानों के मालिक इस बार 20 फीसद पूजा बोनस देने की स्थिति में नहीं हैं। पहाड़ के चाय बागान मालिकों की आर्थिक अवस्था ठीक नहीं है। चाय उत्पादन कम होने के साथ विश्व बाजार में दार्जिलिंग चाय की बिक्री में 22 फीसद तक की कमी आई है। इसके कारण बागान मालिकों का मुनाफा काफी कम हो गया है और 20 फीसद पूजा बोनस देना संभव नहीं है।
उन्होंने श्रमिक संगठनों से चाय बागानों के मालिकों की परेशानी को समझने की अपील की। दूसरी ओर, श्रमिक संगठन 20 फीसद से कम पूजा बोनस इस बार स्वीकार करने के मूड में नहीं है।
बोनस विवाद को ले साइली चाय बागान बंद
बोनस पर विवाद को लेकर माल ब्लॉक स्थित साइली चाय बागान के प्रबंधन ने पूजा से एक दिन पहले गुरुवार को अचानक लॉक आउट कर दिया। गुरुवार सुबह श्रमिक जब काम करने आए तो गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लटका देखा। इससे करीब 1500 श्रमिक व कर्मचारी बेरोजगार हो गए।
श्रमिकों का कहना है कि बोनस को लेकर मंगलवार से विवाद चल रहा था। इस पर हुई त्रिपक्षीय बैठक में फैसला नहीं हो सका। फिर स्थानीय यूनियन के प्रतिनिधियों व प्रबंधन के बीच बैठक हुई। इसमें 14 फीसद बोनस देने का फैसला लिया गया। श्रमिक संगठन इस पर राजी हो गए लेकिन श्रमिकों को फैसला मंजूर नहीं था। इसलिए महिला श्रमिकों ने बुधवार को काम बंद कर विरोध दर्ज कराया। इससे नाराज प्रबंधन ने रात में सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा दिया और बागान छोड़कर चले गए। श्रमिक संगठनों ने प्रशासन से जल्द बागान खुलवाने व 18.5 बोनस देने की मांग की मांग की है।
बागान प्रबंधक बसंत कुमार ने कहा कि श्रमिकों ने बुधवार सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मालिकों को कार्यालय के भीतर बंदी बनाकर रखा था। काम भी नहीं किया। इसी से बागान छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।