राज्य के रिमोट से चल रही पहाड़ पर सियासत: क्रामाकपा
क्रामाकपा नेता ने आगामी 24 नवंबर से दिल्ली में गोरखालैड संयुक्त संघर्ष समिति के साथ मिलकर प्रदर्शन करने की भी जानकारी दी।
मिरिक, [संवाद सूत्र]। जीटीए बोर्ड के गठन के बाद राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली सर्वदलीय बैठक को क्रामाकपा ने बेनतीजा होना करार दिया है। पार्टी के केद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक ओर त्रिपक्षीय वार्ता बुलाती है और दूसरी ओर ऐसी वार्ता से माहौल बिगड़ने के बयान देती है। जिससे राज्य सरकार का पहाड़ के प्रति दोहरा मापदंड साफ उजागर होता है।
उन्होने सरकार पर गोरखालैड राज्य गठन के पक्ष मे न होने का आरोप भी लगाया। क्षेत्री ने कहा कि वही दूसरी ओर केद्र सरकार इस विषय पर बातचीत के लिए तैयार है और केद्र द्वारा राज्य सरकार को इस संबंध मे पत्र भेजा जा चुका है। उन्होने वर्तमान मे पहाड़ पर सक्रिय अधिकतर राजनीतिक दलो का रिमोट कंट्रोल राज्य सरकार के हाथ मे होने का भी आरोप लगाया। क्षेत्री ने दावा करते हुए कहा कि क्रामाकपा ने कभी भी गोरखालैड मुद्दे पर कभी भी गद्दारी नही की। उन्होने अपनी अलग राज्य की मांग से एक इंच भी पीछे न हटने की भी जानकारी दी। क्षेत्री ने गोरामुमो पर निशाना साधते हुए कहा कि घीसिंग की पार्टी गोरखालैड के मुद्दे पर अपना रुख साफ नही करने का आरोप लगाया।
क्षेत्री ने जीएनएलएफ द्वारा अपने मूल मुद्दे को छिपाने की भी बात कही। उन्होने गोरामुमो के दोहरे चरित्र को सामने लाते हुए कहा कि एक तरफ पार्टी छठी अनुसूची की बात करती है तो दूसरी ओर स्थाई समाधान की जिससे पार्टी का ढुलमुल रवैया सामने आता है। क्रामाकपा नेता ने आगामी 24 नवंबर से दिल्ली में गोरखालैड संयुक्त संघर्ष समिति के साथ मिलकर प्रदर्शन करने की भी जानकारी दी। क्षेत्री ने पीएम और केद्र सरकार पर गोरखालैड के मुद्दे पर दबाव बनाने की बात कही।
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